क्या सुप्त भद्रासन नर्वस सिस्टम को शांत करके अनिद्रा से छुटकारा दिला सकता है?
सारांश
Key Takeaways
- सुप्त भद्रासन तनाव और चिंता को कम करता है।
- यह गहरी नींद लाने में मदद करता है।
- पाचन तंत्र को मजबूत करता है।
- कमर और पीठ दर्द में राहत देता है।
- महिलाओं के लिए बहुत लाभकारी है।
नई दिल्ली, 28 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। आजकल की भागदौड़ भरी और अनियमित जीवनशैली में तनाव, चिंता और नींद की कमी की समस्याएं आम हो गई हैं। योग की विशेषता यह है कि यह शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की समस्याओं का समाधान प्रदान करता है। सुप्त भद्रासन भी ऐसा एक आसन है, जिसका नियमित अभ्यास अनेक फायदों को प्राप्त करने में सहायक है।
सुप्त भद्रासन एक सरल और प्रभावकारी आसन है, जिसके फायदों, सही विधि और सावधानियों के बारे में मोरारजी देसाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ योगा ने विस्तृत जानकारी दी है।
इसे सुप्त बद्ध कोणासन के नाम से भी जाना जाता है। यह आसन विशेष रूप से नर्वस सिस्टम को शांत करता है और गहरी नींद लाने में मदद करता है।
वास्तव में, सुप्त भद्रासन एक आरामदायक लेटने वाला आसन है। इसमें पैरों की एड़ियां आपस में जोड़कर घुटने दोनों तरफ जमीन की ओर खोले जाते हैं, फिर पीठ के बल लेटकर सिर और कमर को आराम दिया जाता है। इसे दिन में 5 से 10 मिनट तक किया जा सकता है, खासकर सोने से पहले यह और भी लाभदायी होता है।
योग इंस्टीट्यूट सुप्त भद्रासन के अभ्यास से मिलने वाले 5 बड़े फायदों के बारे में जानकारी देता है। यह पाचन तंत्र को मजबूत कर खून के संचार को दुरुस्त करता है, पेट के अंगों पर हल्का दबाव पड़ता है, जिससे कब्ज, गैस और अपच जैसी समस्याएं दूर होती हैं।
यह दिमाग और नर्वस सिस्टम को शांत करता है, जिससे तनाव, चिंता और सिर दर्द में राहत मिलती है। दिमाग शांत होता है।
कमर और पीठ दर्द से परेशान लोगों के लिए भी यह सरल आसन लाभदायक है। लंबे समय तक बैठने वाले लोगों के लिए यह बहुत फायदेमंद है। रीढ़ की हड्डी को आराम मिलता है। नितंब, जांघें और कूल्हों की मांसपेशियां मजबूत और लचीली बनती हैं। यह खासकर महिलाओं के लिए बहुत अच्छा माना जाता है।
अनिद्रा या नींद न आने की समस्या को यह आसन दूर करता है। रात में यह आसन करने से आरामदायक और गहरी नींद आती है।
योग विशेषज्ञ बताते हैं कि गर्भवती महिलाओं और कमर में गंभीर दर्द या स्लिप डिस्क वालों को डॉक्टर या योग प्रशिक्षक से सलाह लेने के बाद ही सुप्त भद्रासन का अभ्यास करना चाहिए।