क्या सूरत पुलिस की निगहबानी में गरबा का मजा दोगुना हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- सुरक्षा व्यवस्था में सुधार से लोग बेफिक्र होकर गरबा खेल रहे हैं।
- नवरात्रि छोटे दुकानदारों के लिए आर्थिक अवसर लेकर आया है।
- सूरत पुलिस ने सुरक्षा के लिए सख्त इंतजाम किए हैं।
सूरत, 28 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। गुजरात में नवरात्रि का त्योहार पूर्ण उत्साह और जोश के साथ मनाया जा रहा है। सूरत शहर में रातभर पंडालों में गरबा और डांडिया की धूम मच रही है। सूरत पुलिस ने सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं, जिससे लोग बेफिक्र होकर गरबा का आनंद ले रहे हैं। स्थानीय लोगों ने पुलिस के इंतजामों पर आनंद व्यक्त किया है।
इस बार नवरात्रि के दौरान सूरत में मजबूत सुरक्षा व्यवस्था के चलते छोटे दुकानदारों और रेहड़ी वालों के लिए यह त्योहार आर्थिक लाभ का सुनहरा अवसर बन गया है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि नवरात्रि का इंतजार उन्हें सालभर रहता है।
पायल ने कहा, "नवरात्रि मेरे लिए विशेष है। हम गुजरात में हैं और यह त्योहार माता की भक्ति के लिए मनाया जाता है। सुबह हम माता की पूजा करते हैं और रात में सब मिलकर गरबा खेलते हैं। यह ऐसा त्योहार है जिसमें हर उम्र का व्यक्ति उत्साह से शामिल होता है।"
निष्ठा चिरानीय ने कहा, "हम पूरे साल नवरात्रि का उत्सुकता से इंतज़ार करते हैं। नौ-दस दिन हम इस त्योहार को मनाते हैं। सूरत में पंडालों का माहौल शानदार होता है। पुलिस के इंतजाम इतने अच्छे हैं कि हमें कोई परेशानी नहीं होती। रात में हम गरबा खेल सकते हैं।"
सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। चौक-चौराहों पर पुलिस की गश्त, ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों के जरिए निगरानी और आपातकालीन सेवाएं उपलब्ध कराई गई हैं। इन इंतजामों की वजह से लोग देर रात तक बिना डर के गरबा का आनंद ले रहे हैं।
डीसीपी (जोन-7) शेफाली बरवाल ने बताया, "गृह राज्यमंत्री हर्ष सांघवी और पुलिस कमिश्नर अनुपम गहलोत के मार्गदर्शन में सूरत पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद है। पूरे शहर में 1500 सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। हमारे ड्रोन में लगे एआई कैमरे भीड़ की गिनती और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखते हैं। हमारी प्राथमिकता है कि लोग इस त्योहार को सुरक्षित और खुशी से मनाएं।"
निधि ने कहा, "सूरत में नवरात्रि का माहौल बहुत शानदार है। रात को गरबा खेलने के बावजूद हमें कोई डर नहीं लगता। हर जगह पुलिस वैन तैनात रहती हैं, जिससे हम सुरक्षित महसूस करते हैं।"
मोनिका अग्रवाल ने कहा, "सूरत पुलिस ने बहुत अच्छे इंतजाम किए हैं। हम रात को 2 बजे तक गरबा खेलते हैं और खाने-पीने की व्यवस्था भी बहुत अच्छी है। नवरात्रि हमारे लिए विशेष है और हम इसे जोश के साथ मना रहे हैं।"
नवरात्रि का त्योहार छोटे दुकानदारों और रेहड़ी वालों के लिए भी कमाई का सुनहरा मौका लेकर आया है। सूरत में देर रात तक स्टॉल खुले रहते हैं, जिससे खाना-पीना बेचने वालों की आय में भारी इजाफा हुआ है।
रेहड़ी चलाने वाले हिरेन ने कहा, "पहले मैं महीने में 15-20 हजार रुपये कमा लेता था, लेकिन इस नवरात्रि में मैंने सिर्फ 5 दिन में इतनी कमाई कर ली है।"
पंकज वर्मा ने भी यही बात दोहराई। उन्होंने बताया कि पहले हमें रात 11 बजे तक दुकान बंद करनी पड़ती थी, लेकिन अब हम सुबह 4-5 बजे तक काम कर सकते हैं। इससे हमारी कमाई दोगुनी हो गई है।"
गरबा खेलकर लौटे निखिल रांका ने कहा, "गुजरात पुलिस का सपोर्ट कमाल का है। हम बिना किसी डर के रातभर गरबा खेल सकते हैं।"