क्या स्वदेशी जागरण मंच 'ज्ञान कुंज' में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी और कार्यालय का उद्घाटन होगा?
सारांश
Key Takeaways
- भारत की आर्थिक संप्रभुता को मजबूती प्रदान करना
- आत्मनिर्भरता के लिए रोडमैप तैयार करना
- स्वदेशी विकास मॉडल को आगे बढ़ाना
- राष्ट्रीय चर्चा में शामिल होना
- अर्थायाम पत्रिका का विमोचन
नई दिल्ली, ७ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। स्वदेशी शोध संस्थान, जो आधुनिक भारत में स्वदेशी आंदोलन के दूरदर्शी विचारक और संस्थापक दत्तोपंत ठेंगड़ी जी की जयंती के उपलक्ष्य में ९ और १० नवंबर को दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन कर रहा है, भारत के सभ्यतागत ज्ञान और स्वदेशी विकास मॉडल को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध एक प्रमुख शोध संस्थान है।
इस ऐतिहासिक अवसर पर दीन दयाल उपाध्याय मार्ग स्थित नई पांच मंजिला इमारत 'ज्ञान कुंज' का उद्घाटन किया जाएगा। यह अत्याधुनिक इमारत स्वदेशी शोध संस्थान के राष्ट्रीय मुख्यालय की मेज़बानी करेगी और देशभर में कार्यरत इसके कई अध्यायों की गतिविधियों को एकीकृत करेगी।
उद्घाटन सत्र में ९ नवंबर को मुख्य अतिथि लोकसभा सांसद बांसुरी स्वराज होंगी। इस अवसर पर, स्वदेशी शोध संस्थान भारतीय आर्थिक चिंतन और आत्मनिर्भरता अध्ययन को समर्पित अपनी नई शोध पत्रिका "अर्थायाम" का भी विमोचन करेगा।
राष्ट्रीय संगोष्ठी का विषय है: "स्वदेशी, आत्मनिर्भरता और भारत का पुनरुत्थान"
इस संगोष्ठी में देश के कुछ सबसे प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री, औद्योगिक नेता और नीति विचारक शामिल होंगे, जिनमें प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष डॉ. महेंद्र देव, डीयू के कुलपति डॉ. योगेश सिंह, नालंदा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सचिन चतुर्वेदी, हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के कुलपति डॉ. बीआर कंबोज, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सोमनाथ सचदेवा, केंद्रीय विश्वविद्यालय, लखनऊ के कुलपति प्रोफेसर राजकुमार मित्तल, नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार, हिमाचल प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर रामसिंह और जेएनयू के प्रोफेसर प्रदीप चौहान शामिल होंगे।
इस अवसर पर राष्ट्रीय संयोजक आर. सुंदरम, राष्ट्रीय सह-संयोजक प्रोफेसर अश्विनी महाजन, राष्ट्रीय सह-संयोजक डॉ. धनपत राम अग्रवाल, राष्ट्रीय संगठक कश्मीरी लाल, राष्ट्रीय संघचालक सतीश कुमार और राष्ट्रीय संयुक्त संगठक, स्वदेशी जागरण मंच के साथ-साथ कई अन्य प्रमुख अर्थशास्त्रियों और नीति विशेषज्ञों के शामिल होने की संभावना है।
विशेषज्ञ ट्रंप के बाद की टैरिफ नीति व्यवस्था में भारत की रणनीतिक प्रतिक्रिया, घरेलू उद्योगों और आपूर्ति श्रृंखलाओं को मज़बूत करने, स्वदेशी तकनीक, उद्यमिता और नवाचार को बढ़ावा देने, भारतीय आर्थिक विचारों पर आधारित आत्मनिर्भर भारत के लिए एक रोडमैप तैयार करने और जमीनी स्तर पर अनुसंधान, नीति समर्थन और राष्ट्रीय विकास को आगे बढ़ाने में स्वदेशी शोध संस्थान की भूमिका पर विचार-विमर्श करेंगे।
दो दिवसीय संगोष्ठी का उद्देश्य भारत की आर्थिक संप्रभुता को मजबूत करना और एक समृद्ध एवं विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी भारत सुनिश्चित करने के लिए एक व्यापक रोडमैप प्रस्तुत करना है। स्वदेशी शोध संस्थान विद्वानों, नीति निर्माताओं, उद्योग विशेषज्ञों और मीडिया प्रतिनिधियों को इस महत्वपूर्ण राष्ट्रीय चर्चा में शामिल होने के लिए आमंत्रित करता है।