क्या तकनीकी ज्ञान को मानव कल्याण का माध्यम बनाना चाहिए युवा?: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
सारांश
Key Takeaways
- तकनीकी ज्ञान का उपयोग मानव कल्याण में किया जाना चाहिए।
- सफलता का मूल्यांकन समाज में योगदान से होना चाहिए।
- समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का प्रयास आवश्यक है।
- शैक्षणिक संस्थानों का मूल्यांकन उनके सामाजिक योगदान से होना चाहिए।
- स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए इनक्यूबेशन सेंटर जरूरी हैं।
जमशेदपुर, 29 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी), जमशेदपुर के 15वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि तकनीकी ज्ञान को मानव कल्याण और समावेशी राष्ट्र निर्माण के लिए एक साधन के रूप में उपयोग करना चाहिए।
उन्होंने बताया कि दीक्षांत समारोह केवल एक उत्सव नहीं है, बल्कि यह जीवन में नए संकल्प लेने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। सफलता का मूल्यांकन बड़े पदों या उपलब्धियों से नहीं, बल्कि इस बात से होना चाहिए कि आपके कार्यों ने कितने लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाए हैं।
राष्ट्रपति ने आगे कहा कि आज हमारे देश को वेस्ट मैनेजमेंट, सस्टेनेबिलिटी और पर्यावरण संरक्षण जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिनका समाधान तकनीकी विशेषज्ञता के साथ-साथ सामाजिक और आर्थिक दृष्टिकोण से भी आवश्यक है। उन्होंने एनआईटी जमशेदपुर में सेंटर फॉर इनोवेशन और इनक्यूबेशन सेंटर की स्थापना की सराहना की और कहा कि इस तरह के प्रयास स्टार्टअप संस्कृति को मजबूती प्रदान करते हैं और युवाओं को नवाचार की दिशा में प्रेरित करते हैं।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि शैक्षणिक संस्थानों का मूल्यांकन केवल रैंकिंग और प्लेसमेंट के आधार पर नहीं, बल्कि समाज में उनके योगदान से होना चाहिए। समारोह की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई, जिसमें राष्ट्रपति के साथ झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार, संस्थान के निदेशक प्रो. गौतम सूत्रधार और बीओजी के चेयरपर्सन सुनील अलघ सहित कई गणमान्य अतिथि मंचासीन रहे। शपथ ग्रहण समारोह के दौरान निदेशक प्रो. गौतम सूत्रधार ने विद्यार्थियों को शपथ दिलाई।
इस समारोह में बीटेक इलेक्ट्रिकल के प्रियांशु राज और एमएससी फिजिक्स की कृष्णाष्टमी मंडल को गोल्ड मेडल प्रदान किया गया। राज्यपाल संतोष गंगवार ने राष्ट्रपति का स्वागत करते हुए कहा कि जमशेद जी टाटा ने औद्योगिक विकास के साथ शिक्षा को भी सशक्त किया और एनआईटी जमशेदपुर उसी परंपरा को आगे बढ़ा रहा है। उन्होंने विद्यार्थियों से राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने का आग्रह किया। मंत्री दीपक बिरुआ ने सभी उपाधिधारकों को शुभकामनाएं दीं।