क्या तमिलनाडु में भारी बारिश से नीलगिरि और कोयंबटूर प्रभावित होंगे?

सारांश
Key Takeaways
- तमिलनाडु में भारी बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
- नीलगिरि और कोयंबटूर में भारी वर्षा होने की संभावना है।
- दक्षिण-पश्चिम मानसून सक्रिय है।
- बारिश के कारण तापमान में गिरावट हो सकती है।
- जनजीवन पर असर पड़ सकता है।
चेन्नई, 20 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। दक्षिण भारत के मौसम में बदलाव का प्रभाव स्पष्ट नजर आ रहा है। तमिलनाडु के पश्चिमी घाट क्षेत्रों में लगातार भारी बारिश हो रही है। चेन्नई स्थित क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (आरएमसी) ने रविवार को नीलगिरि और कोयंबटूर जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जहां भारी वर्षा की चेतावनी दी गई है।
मौसम विभाग ने कहा है कि तमिलनाडु के कई क्षेत्रों और पड़ोसी राज्यों में 24.4 सेमी तक की वर्षा हो सकती है। ऑरेंज अलर्ट का तात्पर्य है भारी से बहुत भारी बारिश, जिससे जनजीवन पर प्रभाव पड़ सकता है और कई स्थानों पर जोखिम उत्पन्न हो सकते हैं।
शनिवार को नीलगिरि जिले में 11.8 सेमी और कोयंबटूर के चिन्नाकलार में 11.2 सेमी बारिश रिकॉर्ड की गई। इसके अतिरिक्त, नीलगिरि के विंट वर्थ एस्टेट में 8.4 सेमी और कोयंबटूर के सीनकोना में 8.2 सेमी वर्षा दर्ज की गई।
थेनी, डिंडीगुल और तेनकासी जिलों में भी अगले दो दिनों तक तेज बारिश की संभावना है। राज्य के लगभग 50 प्रतिशत मौसम केंद्रों पर हल्की से मध्यम बारिश होने की उम्मीद है।
आरएमसी ने बताया कि इस समय दक्षिण-पश्चिम मानसून केरल, कर्नाटक के तटीय और आंतरिक क्षेत्रों, तथा तमिलनाडु के पश्चिमी घाट जिलों में सक्रिय है। केरल में हो रही तीव्र वर्षा का असर अब तमिलनाडु के सटे हुए पश्चिमी घाट क्षेत्रों पर भी पड़ रहा है।
आरएमसी चेन्नई की प्रमुख बी. अमुधा ने कहा कि तमिलनाडु के तटीय जिलों में दोपहर और शाम के समय गर्जन के साथ बारिश हो सकती है, जो समुद्री हवा और पश्चिमी हवाओं के टकराव का परिणाम है।
बारिश के कारण तमिलनाडु और पुडुचेरी के कुछ क्षेत्रों में अधिकतम तापमान में गिरावट देखी जा सकती है। हालांकि, मदुरै और करूर जैसे आंतरिक जिले इन मौसम प्रणालियों के प्रभाव से बाहर रह सकते हैं, जिससे वहां गर्मी बनी रह सकती है।