क्या तमिलनाडु में होगेनक्कल झरनों में जलप्रवाह तेज हो गया है?

Click to start listening
क्या तमिलनाडु में होगेनक्कल झरनों में जलप्रवाह तेज हो गया है?

सारांश

दक्षिण-पश्चिम मानसून के कारण कावेरी नदी में जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे होगेनक्कल झरनों में पानी का प्रवाह अत्यधिक तेज हो गया है। प्रशासन ने पर्यटकों के लिए स्नान पर प्रतिबंध लगा दिया है। जानिए इस स्थिति के पीछे की वजह और प्रशासन की क्या तैयारी है।

Key Takeaways

  • दक्षिण-पश्चिम मानसून के कारण कावेरी नदी में जलस्तर में वृद्धि।
  • प्रशासन ने पर्यटकों के लिए स्नान पर प्रतिबंध लगाया।
  • कबिनी और केआरएस बांधों से पानी का प्रवाह बढ़ा।
  • बाढ़ संबंधी आपात स्थितियों के लिए प्रशासन हाई अलर्ट पर।
  • स्थानीय निवासियों से सावधानी बरतने की अपील।

चेन्नई, 27 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। दक्षिण-पश्चिम मानसून के प्रभाव से कावेरी बेसिन में हुई भारी बारिश के कारण कर्नाटक के प्रमुख जलाशय काबिनी और कृष्णराज सागर (केआरएस) के जलस्तर में तेज वृद्धि हुई है। इस स्थिति में पानी ओवरफ्लो होकर बह रहा है। संरचनात्मक सुरक्षा बनाए रखने के लिए अधिकारियों ने दोनों बांधों के फ्लडगेट खोल दिए हैं और कावेरी नदी में बड़ी मात्रा में पानी छोड़ा जा रहा है।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, कबिनी बांध से 21 हजार क्यूसेक और केआरएस बांध से 23 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इस प्रकार कुल 44 हजार क्यूसेक पानी कावेरी नदी में छोड़ा गया है।

यह भारी जलप्रवाह अब तमिलनाडु में बिलीगुंडली के अंतरराज्यीय सीमा बिंदु से होकर प्रवेश कर रहा है, जिससे धर्मपुरी जिले के होगेनक्कल में जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। शुक्रवार को होगेनक्कल में जल प्रवाह 18 हजार क्यूसेक था, जो अगले 24 घंटों में निरंतर बढ़ता गया। शनिवार शाम 6 बजे तक, प्रवाह बढ़कर 32 हजार क्यूसेक हो गया। रविवार सुबह तक, यह और भी तेज बढ़कर 57 हजार क्यूसेक तक पहुंच गया।

नदी के जलस्तर में इस उल्लेखनीय वृद्धि के कारण होगेनक्कल के मुख्य झरने, सिनेप्लस और ऐंथरवु में बहाव बहुत तेज हो गया है। पानी चट्टानों पर तेजी से उछल रहा है, जिससे दूर-दूर से लोग इसे देखने के लिए आकर्षित हो रहे हैं।

हालांकि, जन सुरक्षा के हित में जिला प्रशासन ने लगातार दूसरे दिन भी पर्यटकों के झरनों में स्नान करने पर प्रतिबंध लगाया है।

यह प्रतिबंध इस आशंका के बीच लगाया गया है कि आने वाले घंटों में जलस्तर और बढ़ सकता है, क्योंकि कर्नाटक अपने बांधों से अतिरिक्त पानी छोड़ता जा रहा है।

केंद्रीय जल संसाधन विभाग के अधिकारी तमिलनाडु-कर्नाटक सीमा पर स्थित प्रमुख माप बिंदु बिलिगुंडलु में नदी के प्रवाह पर कड़ी नजर रख रहे हैं।

लगातार मानसूनी बारिश के कारण ऊपरी जलस्तर में कमी के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं, इसलिए निचले इलाकों में बाढ़ संबंधी आपात स्थितियों की आशंका के चलते अधिकारी हाई अलर्ट पर हैं। जिला अधिकारियों ने स्थानीय निवासियों और पर्यटकों से नदी के किनारों से दूर रहने और स्थिति सामान्य होने तक जलाशयों में जाने से बचने का आग्रह किया है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि स्थानीय प्रशासन ने जन सुरक्षा को प्राथमिकता दी है। जलस्तर की वृद्धि और संभावित बाढ़ की आशंकाओं के चलते, यह आवश्यक है कि लोग सावधानी बरतें और नदियों के किनारे से दूर रहें। प्रशासन की तत्परता इस बात का प्रमाण है कि वे नागरिकों की सुरक्षा के प्रति गंभीर हैं।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

क्या होगेनक्कल झरनों में जाने की अनुमति है?
नहीं, प्रशासन ने जन सुरक्षा के लिए झरनों में स्नान करने पर प्रतिबंध लगाया है।
जलस्तर में वृद्धि के पीछे क्या कारण है?
दक्षिण-पश्चिम मानसून के चलते कावेरी बेसिन में भारी बारिश हुई है।
प्रवेश करने वाले पानी की मात्रा कितनी है?
कबिनी और केआरएस बांधों से कुल 44 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।
प्रशासन ने क्या कदम उठाए हैं?
प्रशासन ने फ्लडगेट खोल दिए हैं और स्थानीय निवासियों को नदी के किनारे से दूर रहने की सलाह दी है।
क्या बाढ़ की आशंका है?
हाँ, अधिकारियों ने बाढ़ संबंधी आपात स्थितियों की आशंका के चलते हाई अलर्ट घोषित किया है।