क्या तमिलनाडु नर्सेस एसोसिएशन ने स्टालिन सरकार के खिलाफ राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया?

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क्या तमिलनाडु नर्सेस एसोसिएशन ने स्टालिन सरकार के खिलाफ राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया?

सारांश

तमिलनाडु में नर्सों के प्रति सरकार की उपेक्षा को लेकर असंतोष बढ़ रहा है। तमिलनाडु नर्सेस एम्पावरमेंट एसोसिएशन ने 4 दिसंबर को मदुरै में और 18 दिसंबर को चेन्नई में भूख हड़ताल का ऐलान किया है। जानिए इस आंदोलन का कारण और इसके महत्व के बारे में।

Key Takeaways

  • 4 दिसंबर को मदुरै में बड़ा प्रदर्शन होगा।
  • 18 दिसंबर को चेन्नई में भूख हड़ताल का आयोजन होगा।
  • सरकार ने नर्सों की सेवा को अचानक समाप्त कर दिया।
  • संविदा नर्सों की समस्याओं को उजागर करना मुख्य उद्देश्य है।
  • नर्सों की नौकरी की सुरक्षा को लेकर गहरी चिंताएँ हैं।

चेन्नई, 2 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु में एमके स्टालिन की डीएमके सरकार द्वारा 2021 विधानसभा चुनाव में किए गए वादों को पूरा न करने पर राज्य की नर्सों में भारी असंतोष है। इसी कारण से, तमिलनाडु नर्सेस एम्पावरमेंट एसोसिएशन ने राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन और भूख हड़ताल की तिथियों की घोषणा की है।

एसोसिएशन की कार्यकारिणी समिति की बैठक मदुरै में आयोजित की गई, जिसमें सदस्यों ने संविदा नर्सों के प्रति सरकार की लगातार उपेक्षा पर गहरी चिंता व्यक्त की। बैठक में यह तय किया गया कि 4 दिसंबर को मदुरै में एक बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा और इसके बाद 18 दिसंबर को चेन्नई में राज्यव्यापी भूख हड़ताल आयोजित की जाएगी।

एसोसिएशन के महासचिव एन सुबिन ने कहा कि नर्सें तमिलनाडु के स्वास्थ्य तंत्र की रीढ़ हैं, लेकिन उनके कार्यस्थल की परिस्थितियाँ और नौकरी की सुरक्षा निरंतर deteriorate हो रही हैं। हम तमिलनाडु में नर्सों की वर्तमान स्थिति को लेकर गहरी चिंताओं में हैं। यह दुखद है कि सरकार ने दिसंबर 2022 में मेडिकल सर्विसेस रिक्रूटमेंट बोर्ड के माध्यम से नियुक्त नर्सों की सेवा को अचानक समाप्त कर दिया।

सुबिन ने कहा कि ये नर्सें कोविड-19 महामारी के दौरान आपातकालीन स्टाफिंग की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अस्थायी रूप से नियुक्त की गई थीं। उनकी अचानक निकासी ने उन फ्रंटलाइन कर्मचारियों के लिए अत्यधिक कठिनाई पैदा की, जिन्होंने महामारी के कठिन समय में सेवा दी थी और अपेक्षा की थी कि सरकार उनके योगदान को सम्मानित करेगी।

उन्होंने आगे कहा कि डीएमके ने 2021 विधानसभा चुनाव के दौरान लगभग 8,000 संविदा नर्सों को नियमित करने का वादा किया था। दो साल से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन यह वादा अब तक पूरा नहीं हुआ। महामारी के दौरान जीवन जोखिम में डालकर सेवा देने वाली नर्सें अब अनिश्चितता में हैं।

एसोसिएशन ने कहा कि आगामी विरोध प्रदर्शन का उद्देश्य संविदा नर्सों की समस्याओं को उजागर करना और सरकार को अपने लंबित वादों को पूरा करने के लिए दबाव डालना है। उन्होंने मांग की है कि 2022 में समाप्त की गई सभी नर्सों की तत्काल पुनः नियुक्ति की जाए, नियमितीकरण की प्रक्रिया शुरू की जाए और नौकरी की सुरक्षा, सेवा लाभ और कार्य परिस्थितियों से जुड़े मुद्दों के समाधान के लिए नर्स प्रतिनिधियों के साथ वार्ता की जाए।

सरकार की ओर से अब तक कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। एसोसिएशन को उम्मीद है कि 4 दिसंबर को मदुरै प्रदर्शन और 18 दिसंबर को चेन्नई भूख हड़ताल में पूरे तमिलनाडु भर हजारों नर्सें भाग लेंगी।

Point of View

यह स्पष्ट है कि तमिलनाडु में नर्सों की समस्याएँ और सरकार की उपेक्षा गंभीर चिंताओं का विषय हैं। नर्सें हमारे स्वास्थ्य तंत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और उनकी आवाज़ को सुनना सरकार की जिम्मेदारी है।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

तमिलनाडु नर्सेस एसोसिएशन का उद्देश्य क्या है?
तमिलनाडु नर्सेस एसोसिएशन का उद्देश्य संविदा नर्सों की समस्याओं को उजागर करना और सरकार को अपने वादों को पूरा करने के लिए दबाव डालना है।
प्रदर्शन कब और कहाँ होंगे?
प्रदर्शन 4 दिसंबर को मदुरै में और 18 दिसंबर को चेन्नई में आयोजित किए जाएंगे।
सरकार ने नर्सों की सेवा को समाप्त क्यों किया?
सरकार ने दिसंबर 2022 में नर्सों की सेवा को अचानक समाप्त किया, जो कोविड-19 महामारी के दौरान नियुक्त की गई थीं।
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