क्या तमिलनाडु में नर्सों की हड़ताल जारी रहेगी? स्वास्थ्य मंत्री ने दी कुछ मांगों का आश्वासन

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क्या तमिलनाडु में नर्सों की हड़ताल जारी रहेगी? स्वास्थ्य मंत्री ने दी कुछ मांगों का आश्वासन

सारांश

क्या तमिलनाडु में नर्सों की हड़ताल का अंत होगा? स्वास्थ्य मंत्री ने कुछ मांगों का आश्वासन दिया है, लेकिन नर्सें अपने आंदोलन को जारी रखने की तैयारी में हैं। जानिए इस गतिरोध की पूरी कहानी और क्या हो सकता है आगे।

Key Takeaways

  • नर्सों की हड़ताल का प्रभावी समाधान जरूरी है।
  • स्वास्थ्य मंत्री का आश्वासन नर्सों की मांगों की मान्यता है।
  • नर्सिंग पदों का सृजन स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करेगा।
  • नर्सों के लिए मातृत्व अवकाश की मांग महत्वपूर्ण है।
  • नर्सों का आंदोलन स्वास्थ्य प्रणाली को प्रभावित कर सकता है।

चेन्नई, 22 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु सरकार और अनुबंध पर कार्यरत नर्सों के बीच सोमवार को भी गतिरोध बरकरार रहा। लगातार पांचवें दिन अपनी मांगों को लेकर नर्स धरने पर बैठी रहीं। इस बीच, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मा सुब्रमण्यम और नर्सों के बीच बातचीत का एक और दौर हुआ, जिसमें उनकी कुछ मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया गया।

तमिलनाडु नर्सेज डेवलपमेंट एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने गिंडी में 'तमिलनाडु डॉ. एमजीआर मेडिकल यूनिवर्सिटी' में मंत्री से मुलाकात की।

स्वास्थ्य विभाग के सचिव पी. सेंथिलकुमार समेत कई वरिष्ठ अधिकारी इस बातचीत में शामिल हुए।

मीटिंग के बाद मीडिया से बात करते हुए, सुब्रमण्यम ने कहा कि नर्सों द्वारा उठाई गई कई जायज मांगों पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि जब से डीएमके सत्ता में आई है तब से 3,614 नर्सों को नियमित किया जा चुका है।

उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री ने हमसे सभी जायज मांगों पर गंभीरता से विचार करने और उचित कार्रवाई करने के लिए कहा है।"

मुख्य घोषणाओं में से एक 750 नए नर्सिंग पदों का सृजन था, जिसके लिए पोंगल से पहले नियुक्ति पत्र जारी किए जाएंगे।

इनमें से 724 पद उन लोगों के लिए आरक्षित होंगे जिन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान सेवा दी थी।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जिन 169 नर्सों ने आवश्यक सेवा शर्तें पूरी कर ली हैं, उन्हें जल्द ही स्थायी नौकरी पर रखने के आदेश जारी किए जाएंगे।

प्रदर्शनकारियों के लिए एक मुख्य मुद्दा मातृत्व लाभ को लेकर भी था। सुब्रमण्यम ने कहा कि सरकार एमआरबी और कंसोलिडेटेड-पे नर्सों के लिए सवैतनिक मातृत्व अवकाश बढ़ाने पर सक्रिय रूप से विचार कर रही है।

उन्होंने यह भी बताया कि सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में नर्सिंग कॉलेज स्थापित करने का एक सरकारी आदेश पाइपलाइन में है।

मंत्री ने पिछली एआईएडीएमके सरकार के दौरान 2014-15 में शुरू की गई एमआरबी भर्ती प्रणाली की आलोचना करते हुए इसे दोषपूर्ण और अपर्याप्त बताया।

उन्होंने कहा, "वर्तमान सरकार सिर्फ अपने घोषणापत्र में वादे नहीं करती; उन्हें लागू भी करती है।"

आश्वासन के बावजूद नर्सों ने तुरंत अपना आंदोलन खत्म नहीं किया। उन्होंने कहा कि वे अगला कदम तय करने से पहले अपने नेतृत्व से सलाह लेंगी।

यह विरोध प्रदर्शन 18 दिसंबर को शुरू हुआ था, जब कॉन्ट्रैक्ट नर्सों ने शिवानंदा सलाई पर 10-सूत्रीय मांगों के चार्टर के साथ भूख हड़ताल शुरू की थी, जिसमें समान काम के लिए समान वेतन और सभी कंसोलिडेटेड-पे नर्सों के लिए स्थायी नियुक्तियां शामिल थीं।

साइट से हटाए जाने और किलंबक्कम बस टर्मिनस पर छोड़े जाने के बाद, नर्सों ने वहीं अपना विरोध जारी रखा था; बाद में वे गुडुवनचेरी में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के पास धरने पर बैठ गई थीं।

Point of View

बल्कि यह स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को भी प्रभावित करता है। हमें इस पर गहराई से विचार करने की आवश्यकता है कि कैसे हम स्वास्थ्यकर्मियों का सम्मान कर सकते हैं और उन्हें उचित सुविधाएँ प्रदान कर सकते हैं।
NationPress
22/12/2025

Frequently Asked Questions

तमिलनाडु में नर्सों की हड़ताल कब शुरू हुई?
यह हड़ताल 18 दिसंबर को शुरू हुई थी।
स्वास्थ्य मंत्री ने नर्सों को क्या आश्वासन दिया?
स्वास्थ्य मंत्री ने कुछ मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया है।
नर्सों की प्रमुख मांगें क्या हैं?
समान काम के लिए समान वेतन और स्थायी नियुक्तियों की मांग की जा रही है।
कितने नए नर्सिंग पदों का सृजन किया जाएगा?
750 नए नर्सिंग पदों का सृजन किया जाएगा।
क्या नर्सों ने आंदोलन खत्म करने का फैसला किया है?
नहीं, उन्होंने अपने आंदोलन को जारी रखने का निर्णय लिया है।
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