क्या तमिलनाडु भाजपा ने लोगों से वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने का जश्न मनाने की अपील की?
सारांश
Key Takeaways
- तमिलनाडु भाजपा ने 7 नवंबर को वंदे मातरम के 150वीं वर्षगांठ का जश्न मनाने की अपील की है।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर सामूहिक गायन के लिए सभी से भाग लेने की अपील की है।
- वंदे मातरम एकता और देशभक्ति का प्रतीक है।
चेन्नई, 6 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु भाजपा के प्रवक्ता ए.एन.एस. प्रसाद ने राज्य की जनता से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर 7 नवंबर को वंदे मातरम के 150वीं वर्षगांठ के राष्ट्रव्यापी समारोह में भाग लेने का अनुरोध किया है।
इस गीत की एकता और देशभक्ति के प्रतीक के रूप में स्थायी भूमिका पर जोर देते हुए, प्रसाद ने तमिलनाडु के नागरिकों, छात्रों और परिवारों से इस ऐतिहासिक अवसर को गर्व और भक्ति के साथ मनाने का आग्रह किया है, ताकि सभी लोग एक साथ वंदे मातरम गाएं।
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा 1875 में रचित इस राष्ट्रीय गीत की 150वीं वर्षगांठ मनाने का संकल्प लिया है।
केंद्र सरकार ने हर घर, स्कूल और संस्थान से इस सामूहिक गायन में भाग लेने की अपील की है, जो एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना का प्रतीक है।
30 अक्टूबर को अपने 'मन की बात' संबोधन में, प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि कैसे रवींद्रनाथ टैगोर ने 1896 में पहली बार इस गीत का गायन किया था और इसे 'राष्ट्रीय गौरव का पवित्र मंत्र' बताया।
उन्होंने कहा, "अगर यह गीत 19वीं सदी में बना था, तो भी यह भारत की हजारों साल पुरानी संस्कृति से गहराई से जुड़ा हुआ है। यह 140 करोड़ भारतीयों को ताकत और एकता देता है।"
इस समारोह के तहत, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा के नेतृत्व में 7 नवंबर से 26 नवंबर तक एक राष्ट्रव्यापी अभियान की घोषणा की है, जिसका समापन संविधान दिवस पर होगा।
तमिलनाडु की भूमिका पर चर्चा करते हुए, प्रसाद ने कहा कि राज्य को स्वतंत्रता संग्राम में अपनी गौरवमयी विरासत के अनुरूप इस समारोह में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने कहा, "तमिलनाडु के हर घर, स्कूल और कार्यालय में वंदे मातरम की गूंज होनी चाहिए।"
भाजपा नेता ने मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन से सभी राज्य विभागों को व्यापक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए दिशानिर्देश जारी करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, "यह त्योहार राष्ट्र का है, किसी राजनीतिक दल का नहीं।"
प्रसाद ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के नायकों जैसे सुब्रमण्यम भारती और वी.ओ. चिदंबरम पिल्लई के योगदान को याद करते हुए कहा कि वंदे मातरम के प्रति उनकी श्रद्धा ने इसे स्वतंत्रता के लिए एक आह्वान बना दिया। उन्होंने कहा, "महान कवि भारती ने कहा था, 'हम वंदे मातरम कहते हैं।' यह विरासत आज भी जिंदा रहनी चाहिए।"
प्रसाद ने कहा, "आइए 7 नवंबर को तमिलनाडु के घरों, स्कूलों और संस्थानों में इस अमर गीत की गूंज सुनाई दे।"
उन्होंने सभी नागरिकों से परिवार और दोस्तों के साथ इस उत्सव में शामिल होने और इसे सोशल मीडिया पर साझा करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, "वंदे मातरम केवल एक गीत नहीं है—यह हमारे राष्ट्र की आत्मा है, जो पीढ़ियों को प्रेम और एकता में बांधती है।"