क्या राजनीतिक तनाव के बीच तमिलनाडु विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- तमिलनाडु विधानसभा का शीतकालीन सत्र 14 अक्टूबर से शुरू हुआ।
- अध्यक्ष एम. अप्पावु ने तिरुक्कुरल गायन से सत्र की शुरुआत की।
- दिवंगत पूर्व सदस्यों को श्रद्धांजलि दी गई।
- वित्त मंत्री थंगम थेन्नारसू अनुपूरक अनुमान प्रस्तुत करेंगे।
- सत्र में तीखी बहस की उम्मीद है।
चेन्नई, 14 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु विधानसभा का चार दिवसीय शीतकालीन सत्र मंगलवार को आरंभ हुआ। अध्यक्ष एम. अप्पावु ने कार्यवाही की अध्यक्षता करते हुए पारंपरिक तिरुक्कुरल गायन से सत्र की शुरुआत की।
सत्र में दिवंगत आठ पूर्व सदस्यों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इसके बाद 27 सितंबर को करूर में हुई भगदड़ में मारे गए 41 लोगों की याद में दो मिनट का मौन रखा गया।
विधानसभा ने केरल के पूर्व मुख्यमंत्री वी.एस. अच्युतानंद, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन, नागालैंड के पूर्व राज्यपाल एल. गणेशन, भाकपा महासचिव सुधाकर रेड्डी और आईएएस अधिकारी डॉ. बीला वेंकटेशन सहित कई प्रमुख हस्तियों के लिए शोक प्रस्ताव पारित किए। उपस्थित सदस्यों ने उनके योगदान को श्रद्धा के साथ याद किया।
वालपराई विधायक डी.के. अमूल कंदसामी का हाल ही में निधन हुआ।
सभी दलों के सदस्यों ने श्रद्धांजलि स्वरूप मौन धारण किया। शोक सभा की कार्यवाही पूरी करने के बाद, अध्यक्ष अप्पावु ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी और घोषणा की कि सत्र बुधवार को फिर से शुरू होगा।
कार्यसूची के अनुसार, वित्त मंत्री थंगम थेन्नारसू 15 अक्टूबर को वित्तीय वर्ष 2025-2026 के लिए अनुपूरक अनुमान प्रस्तुत करेंगे।
अनुदानों पर चर्चा 16 अक्टूबर को होगी, और मंत्री 17 अक्टूबर को बहस का उत्तर देंगे, जिसके साथ यह अल्पकालिक सत्र समाप्त हो जाएगा।
प्रत्येक दिन की बैठक सुबह 9.30 बजे प्रश्नकाल के साथ शुरू होगी, जिसके बाद विधायी कार्य होंगे।
हालांकि शीतकालीन सत्र संक्षिप्त है, लेकिन इसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस होने की संभावना है, विशेषकर करूर त्रासदी और राज्य में कानून-व्यवस्था से जुड़े अन्य विवादों के संदर्भ में।
अध्यक्ष ने आशा व्यक्त की कि कार्यवाही गरिमापूर्ण और रचनात्मक रहेगी तथा राजनीतिक मतभेदों के बावजूद जन कल्याण पर केंद्रित रहेगी।