क्या तमिलनाडु के तंजावुर में भारी बारिश ने धान की फसल को डुबो दिया?

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क्या तमिलनाडु के तंजावुर में भारी बारिश ने धान की फसल को डुबो दिया?

सारांश

तमिलनाडु के तंजावुर में हाल की भारी बारिश से धान के खेत जलमग्न हो गए हैं। किसानों की चिंताएं बढ़ती जा रही हैं, क्योंकि फसल के नुकसान का खतरा मंडरा रहा है। क्या यह बारिश उनकी मेहनत को बर्बाद कर देगी? जानिए इस संकट की पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • तंजावुर में भारी बारिश ने धान की फसल को नुकसान पहुंचाया है।
  • किसान जलमग्न क्षेत्रों में फसल की कटाई नहीं कर पा रहे हैं।
  • राज्य सरकार से राहत उपायों की मांग की जा रही है।
  • जलभराव से फसल की गुणवत्ता पर बुरा असर पड़ सकता है।
  • किसानों की वित्तीय स्थिति में गिरावट आ रही है।

चेन्नई, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। हाल के दिनों में हुई अचानक और भारी बारिश ने तमिलनाडु के तंजावुर जिले में धान की फसल को काफी नुकसान पहुंचाया है, जिससे कटाई के लिए तैयार खेतों का एक बड़ा हिस्सा जलमग्न हो गया है।

भारी बारिश ने तमिलनाडु के मुख्य चावल उत्पादक क्षेत्रों में से एक तंजावुर जिले के सैकड़ों किसानों को संभावित फसल नुकसान को लेकर चिंतित कर दिया है।

कृषि विभाग के अनुसार, इस वर्ष 1.99 लाख एकड़ में धान की खेती की गई थी, जिसमें से 1.65 लाख एकड़ की कटाई हो चुकी है। लेकिन, ओराथानाडु, तंजावुर और अम्मापेट्टई जैसे क्षेत्रों में खड़ी फसल अभी भी जलभराव की स्थिति में है और अनुमानतः 1,500 एकड़ धान की फसल अब भी जलमग्न है।

बारिश के कारण धान की बड़ी फसलें नष्ट हो गई हैं और पानी जमा होने के चलते किसान खेतों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।

किसानों का कहना है कि यदि पानी जल्दी नहीं निकला तो इस अप्रत्याशित बारिश से फसल को भारी नुकसान हो सकता है। ओराथानाडु के कई किसानों ने कहा, "जो फसल कटाई के लिए तैयार थी, वह अब पानी में डूबी हुई है। यदि हम अभी भी कटाई करें तो अनाज की गुणवत्ता खराब होगी।"

उन्होंने यह भी बताया कि सरकारी खरीद केंद्रों ने समय पर काम शुरू नहीं किया, जिससे कई केंद्रों को कटाई में देरी करनी पड़ी। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि पानी जितना ज्यादा देर तक रहेगा, अनाज की गुणवत्ता और मिट्टी की संरचना दोनों को उतना ही ज्यादा नुकसान होगा। खेत अब भी पानी में डूबे हुए हैं, जिससे यांत्रिक हार्वेस्टर किराए पर लेने की लागत भी बढ़ गई है।

किसान बताते हैं कि गीली भूमि पर मशीनरी चलाना कठिन है और इससे खर्च काफी बढ़ जाता है, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति और खराब हो जाती है।

राजस्व और कृषि विभाग के अधिकारी फसल क्षति की सीमा का आकलन कर रहे हैं।

किसान संगठनों ने राज्य सरकार से प्रभावित लोगों के लिए राहत उपायों और मुआवजे की घोषणा करने का अनुरोध किया है।

Point of View

हमें यह समझना चाहिए कि कृषि क्षेत्र की समस्याएं केवल एक राज्य तक सीमित नहीं हैं। किसानों की स्थिति और उनकी मेहनत का महत्व देश की अर्थव्यवस्था के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। हमें इस संकट के समय में उनके साथ खड़ा होना चाहिए और उचित सहायता प्रदान करनी चाहिए।
NationPress
21/10/2025

Frequently Asked Questions

तंजावुर में बारिश का फसल पर क्या असर पड़ा है?
तंजावुर में भारी बारिश से धान की फसल जलमग्न हो गई है, जिससे किसानों को संभावित नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।
किसान राहत के लिए क्या मांग कर रहे हैं?
किसान संगठनों ने राज्य सरकार से प्रभावित लोगों के लिए राहत उपायों और मुआवजे की घोषणा करने का अनुरोध किया है।
कृषि विभाग का क्या कहना है?
कृषि विभाग के अनुसार, इस वर्ष 1.99 लाख एकड़ में धान की खेती की गई थी, लेकिन जलभराव के कारण फसल कटाई में देरी हो रही है।