क्या प्रधानमंत्री की विदेश यात्रा पर भगवंत मान का बयान शर्मनाक है? : तरुण चुघ

सारांश
Key Takeaways
- तरुण चुघ ने भगवंत मान के बयान को बेहूदा बताया।
- प्रधानमंत्री मोदी की विदेश यात्राएं भारत की प्रतिष्ठा का प्रतीक हैं।
- भगवंत मान को माफी मांगनी चाहिए।
- कांग्रेस की तानाशाही मानसिकता पर सवाल उठाया गया।
- ममता बनर्जी सरकार पर भी गंभीर आरोप लगे।
नई दिल्ली, 11 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा प्रधानमंत्री मोदी की विदेश यात्राओं के संबंध में दिए गए बयान को ‘बेहूदा और शर्मनाक’ करार देते हुए कड़ी आलोचना की।
उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि मान का यह बयान 140 करोड़ भारतीयों का अपमान है। पीएम मोदी को मिलने वाला अंतरराष्ट्रीय सम्मान भारत की गौरवशाली प्रतिष्ठा का प्रतीक है। सीएम भगवंत मान को अपने पद से इस्तीफा देकर देशवासियों से माफी मांगनी चाहिए।
दरअसल, 10 जुलाई को चंडीगढ़ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, भगवंत मान ने प्रधानमंत्री मोदी की हालिया विदेश यात्रा पर तंज कसते हुए कहा कि वह 140 करोड़ की आबादी वाले देश में समय बिताने के बजाय छोटे देशों की यात्रा कर रहे हैं, जिनकी जनसंख्या महज 10,000 है।
मान ने मजाकिया अंदाज में कहा, "प्रधानमंत्री जी कहीं गए हैं। शायद घाना। वह वापस आ रहे हैं, उनका स्वागत है। भगवान जाने वह किस-किस देश की यात्रा कर रहे हैं—‘मैग्नेशिया’, ‘गैल्वेसिया’, ‘टार्वेसिया’। वह 140 करोड़ की आबादी वाले देश में नहीं रुकते। ऐसे देशों में जा रहे हैं, जहां 10,000 लोग हैं और वहां से सबसे बड़ा पुरस्कार ले रहे हैं।"
इसके अलावा, तरुण चुघ ने आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पर भी हमला किया। उन्होंने कहा कि जब आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल सर्जिकल स्ट्राइक और ऑपरेशन ब्लू स्टार पर सवाल उठाते हैं, तब भगवंत मान का ज्ञान कहां चला जाता है? जो नेता सच बोलता है, उसे पार्टी ‘तोता’ कहकर चुप करा देती है।
उन्होंने 1975 की आपातकाल की घटना का जिक्र करते हुए कांग्रेस की तानाशाही मानसिकता पर सवाल उठाए और कहा कि पार्टी अपना ‘काला इतिहास’ छुपाने की कोशिश कर रही है।
चुघ ने पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पर भी हमला बोला और कहा कि ममता सरकार क्रांतिकारियों और स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान कर रही है। बंगाल में स्कूलों के प्रश्नपत्रों में क्रांतिकारियों को आतंकवादी बताया जा रहा है, जो देशभक्तों की जन्मभूमि का घोर अपमान है।