क्या टाटा स्टील को ओडिशा सरकार से 1,902 करोड़ रुपए का डिमांड नोटिस मिला?

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क्या टाटा स्टील को ओडिशा सरकार से 1,902 करोड़ रुपए का डिमांड नोटिस मिला?

सारांश

टाटा स्टील को ओडिशा सरकार से 1,902 करोड़ रुपए का डिमांड नोटिस मिला है, जिसमें खनिज डिस्पैच में कमी का आरोप लगाया गया है। जानिए इस मामले में कंपनी का क्या कहना है और इसके संभावित प्रभाव क्या हो सकते हैं।

Key Takeaways

  • टाटा स्टील ने 1,902 करोड़ रुपए का डिमांड नोटिस प्राप्त किया है।
  • यह नोटिस खनिजों के डिस्पैच में कमी के संबंध में है।
  • कंपनी ने कानूनी कदम उठाने का निर्णय लिया है।
  • सुकिंदा ब्लॉक देश का महत्वपूर्ण क्रोमाइट स्रोत है।
  • इस मामले का औचित्य विवादित है।

मुंबई, 4 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। टाटा स्टील ने शुक्रवार को जानकारी दी कि उसे ओडिशा के जाजपुर में खान उप निदेशक से 1,902.72 करोड़ रुपए का डिमांड नोटिस प्राप्त हुआ है।

यह नोटिस कंपनी के सुकिंदा क्रोमाइट ब्लॉक से खनिजों के डिस्पैच में होने वाली कथित कमी से संबंधित है।

टाटा स्टील की ओर से स्टॉक एक्सचेंज में जारी की गई फाइलिंग के अनुसार, यह डिमांड नोटिस भारतीय खान ब्यूरो द्वारा जारी किया गया है और यह औसत बिक्री कीमतों की संशोधित गणना पर आधारित है।

खनन अधिकारियों ने खनिज (परमाणु और हाइड्रोकार्बन ऊर्जा खनिज के अलावा) रियायत नियम, 2016 के नियम 12ए के तहत 3 जुलाई को नोटिस जारी किया। उन्होंने, कंपनी की परफॉरमेंस सिक्योरिटी राशि का उपयोग करके बकाया राशि वसूलने का भी प्रस्ताव रखा है।

कंपनी ने अपनी फाइलिंग में कहा, "3 जुलाई को टाटा स्टील लिमिटेड को खान विकास और उत्पादन समझौते के अनुसार चौथे वर्ष के लिए कंपनी के सुकिंदा क्रोमाइट ब्लॉक से खनिजों के डिस्पैच में कमी के संशोधित आकलन के संबंध में जाजपुर के खान उप निदेशक के कार्यालय से एक डिमांड नोटिस प्राप्त हुआ है। इसमें खनिज (परमाणु और हाइड्रोकार्बन ऊर्जा खनिजों के अलावा) रियायत नियम, 2016 के नियम 12ए का कथित उल्लंघन की बात की गई है।"

कंपनी ने अपनी फाइलिंग में कहा, "मूल्यांकन में संशोधन भारतीय खान ब्यूरो द्वारा अधिसूचित औसत बिक्री मूल्य की घोषणा पर आधारित है।"

यह बताया जा रहा है कि सुकिंदा ब्लॉक के लिए खान विकास और उत्पादन समझौते (एमडीपीए) के तहत खनिज डिस्पैच में कमी टाटा स्टील के खनन समझौते के चौथे वर्ष 23 जुलाई, 2023 से 22 जुलाई, 2024 तक के दौरान हुई है।

टाटा स्टील ने इस डिमांड नोटिस को लेकर असहमति जताई है। कंपनी का कहना है कि दावे का कोई औचित्य या उचित आधार नहीं है, और वह कानूनी चैनलों के माध्यम से नोटिस को चुनौती देने की योजना बना रही है।

ओडिशा के जाजपुर जिले में स्थित सुकिंदा देश के सबसे बड़े क्रोमाइट भंडारों में से एक है और टाटा स्टील की कच्चे माल की आपूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

Point of View

टाटा स्टील का डिमांड नोटिस प्राप्त करना एक गंभीर मुद्दा है। कंपनी ने इसे अनुचित करार दिया है, लेकिन यह दिखाता है कि खनिज डिस्पैच में कमी के आरोप गंभीर हो सकते हैं। ऐसे मामलों में कानूनी दांव-पेंच से बचना मुश्किल होता है। देश के विकास में उद्योगों की भूमिका महत्वपूर्ण है और ऐसे विवादों का समाधान आवश्यक है।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

टाटा स्टील को क्यों डिमांड नोटिस मिला?
टाटा स्टील को यह डिमांड नोटिस खनिजों के डिस्पैच में कमी के कारण मिला है।
कंपनी ने इस नोटिस के खिलाफ क्या कदम उठाए हैं?
कंपनी ने कहा है कि वह कानूनी चैनलों के माध्यम से इस नोटिस को चुनौती देने की योजना बना रही है।
सुकिंदा क्रोमाइट ब्लॉक का क्या महत्व है?
सुकिंदा क्रोमाइट ब्लॉक देश के सबसे बड़े क्रोमाइट भंडारों में से एक है और टाटा स्टील की कच्चे माल की आपूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।