क्या तेजस्वी यादव के आरोपों पर विजय चौधरी का पलटवार सही है?

Click to start listening
क्या तेजस्वी यादव के आरोपों पर विजय चौधरी का पलटवार सही है?

सारांश

बिहार में चुनाव आयोग द्वारा जारी मतदाता सूची पर तेजस्वी यादव के आरोपों का विजय चौधरी ने दिया करारा जवाब। जानें क्या है इस मुद्दे की सच्चाई और चुनाव आयोग की प्रक्रिया की पारदर्शिता पर उनका क्या कहना है।

Key Takeaways

  • विजय चौधरी ने तेजस्वी यादव के आरोपों को निराधार बताया।
  • चुनाव आयोग की प्रक्रिया पारदर्शी है।
  • मतदाता सूची में लगभग 22 लाख मृत मतदाताओं के नाम हटाए जाएंगे।
  • राजद नेता के आरोपों का जिला कार्यालय से सत्यापन किया गया।
  • विपक्षी महागठबंधन रैली निकालने की योजना बना रहा है।

पटना, 3 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में चुनाव आयोग द्वारा जारी मतदाता सूची के मसौदे (ड्राफ्ट) पर राजद नेता तेजस्वी यादव के आरोपों का जवाब देते हुए बिहार के जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि विपक्ष को संवैधानिक संस्थाओं पर आरोप लगाने से पहले तथ्यों की गहन जांच करनी चाहिए।

तेजस्वी यादव ने यह दावा किया था कि उनका नाम मतदाता सूची में नहीं है, लेकिन जिला कार्यालय से सत्यापन के बाद उनके आरोपों को निराधार सिद्ध किया गया।

विजय चौधरी ने कहा कि विपक्ष आरोप लगाने की अपनी पुरानी आदत से बाज नहीं आ रहा है। उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग ने न केवल तेजस्वी के नाम की उपस्थिति को स्पष्ट किया, बल्कि उनकी मतदाता सूची की प्रति भी सबूत के साथ सार्वजनिक की। इसके बाद विपक्ष ने ईपिक नंबर बदलने का आरोप लगाया, जिसे आयोग ने खारिज कर दिया।

चौधरी ने कहा कि विपक्ष को किसी संवैधानिक संस्था को बदनाम करने या उसकी प्रक्रिया को दूषित साबित करने का प्रयास नहीं करना चाहिए।

उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी है। ड्राफ्ट मतदाता सूची को आयोग के पोर्टल पर उपलब्ध कराया गया है, ताकि बिहार का कोई भी मतदाता अपने नाम की जानकारी प्राप्त कर सके। उन्होंने कहा, "जल्दबाजी में आरोप लगाने से गड़बड़ी होती है और जब सत्य सामने आता है, तो आरोप लगाने वाले की स्थिति असहज हो जाती है।" चौधरी ने आगे कहा कि चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर अब तक कोई ऐसा सवाल नहीं उठा, जिसके आधार पर उस पर आरोप लगाया जा सके।

उन्होंने कहा, "शुरू में कुछ लोगों ने कहा था कि मतदाता सूची से किसी विशेष समुदाय के नाम हटाए जा रहे हैं, लेकिन यह गलत साबित हुआ।"

उन्होंने कहा कि आयोग ने घर-घर जाकर मतदाताओं का सत्यापन किया, जिसमें सरकारी अधिकारियों के साथ-साथ सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को शामिल होने का अवसर दिया गया। चुनाव आयोग ने एक महीने का समय दिया है, जिसमें लोग अपने और अपने परिवार के नाम की जांच कर सकते हैं। अगर किसी का नाम छूट गया है, तो उसे जोड़ा जाएगा और गलत नामों को हटाया जाएगा।

चौधरी ने बताया कि आयोग ने बिहार में लगभग 22 लाख मृत मतदाताओं के नाम सूची से हटाने की प्रक्रिया शुरू की है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या विपक्ष चाहता है कि मृत लोगों के नाम सूची में रहें?

बिहार में रक्षाबंधन के बाद विपक्षी महागठबंधन रैली निकालेगा, जिसमें राहुल गांधी भी शामिल होंगे। इस पर विजय चौधरी ने कहा, "इसमें कोई नेता आएगा तो इसका सीधा अर्थ होगा कि इनको अब न्यायपालिका पर भी विश्वास नहीं रहा।" क्योंकि ये सभी पार्टियां मिलकर सुप्रीम कोर्ट में इस प्रक्रिया को रोकने के लिए अर्जी दायर कर चुकी हैं, जिस पर सुनवाई चल रही है। इतना तो इंतजार करना चाहिए, न्यायपालिका पर तो विश्वास रखना चाहिए। इस बीच में रैली निकालना और प्रदर्शन करना यही दर्शाता है कि इन लोगों को न्यायपालिका पर भी विश्वास नहीं है।

Point of View

जब बात संवैधानिक संस्थाओं की होती है, तब तथ्यों की जांच करना आवश्यक है। यह आवश्यक है कि सभी राजनीतिक दल सच्चाई का सामना करें और जनता के सामने सही जानकारी रखें।
NationPress
03/08/2025

Frequently Asked Questions

क्या तेजस्वी यादव का आरोप सही है?
जिला कार्यालय से सत्यापन के बाद उनके आरोपों को निराधार पाया गया है।
विजय चौधरी ने क्या कहा?
उन्होंने आरोपों को खारिज करते हुए चुनाव आयोग की प्रक्रिया को पारदर्शी बताया।
चुनाव आयोग की प्रक्रिया कैसी है?
चुनाव आयोग की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी है और मतदाता सूची को सार्वजनिक किया गया है।
क्या विपक्षी महागठबंधन रैली निकालने जा रहा है?
हां, रक्षाबंधन के बाद विपक्षी महागठबंधन रैली निकालने की योजना बना रहा है।
क्या मृत मतदाताओं के नाम सूची में रहेंगे?
नहीं, आयोग ने मृत मतदाताओं के नाम हटाने की प्रक्रिया शुरू की है।