क्या तेलंगाना के फार्मा प्लांट में विस्फोट से मृतकों की संख्या बढ़कर 32 हो गई?

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क्या तेलंगाना के फार्मा प्लांट में विस्फोट से मृतकों की संख्या बढ़कर 32 हो गई?

सारांश

तेलंगाना के पाशमैलारम में फार्मा प्लांट में हुए विस्फोट से बढ़ता मृतकों का आंकड़ा राज्य की औद्योगिक सुरक्षा पर सवाल उठाता है। जानें विस्फोट के पीछे की कहानी और सरकार की प्रतिक्रिया।

Key Takeaways

  • 32 मृतकों की संख्या बढ़ी है।
  • विस्फोट का समय 108 कर्मचारी मौजूद थे।
  • बचाव कार्य जारी है।
  • मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी घटनास्थल का दौरा करेंगे।
  • सरकार ने जांच के लिए समिति का गठन किया है।

हैदराबाद, 1 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। तेलंगाना के पाशमैलारम में स्थित एक फार्मास्यूटिकल इकाई में हुए विस्फोट में मृतकों की संख्या मंगलवार को 32 तक पहुँच गई है। सोमवार रात तक लगभग 15 घायल लोगों की अस्पताल में मृत्यु हो गई।

यह तेलंगाना का सबसे भयानक औद्योगिक हादसा माना जा रहा है, जिसमें मृतकों की संख्या और भी बढ़ सकती है। बचावकर्मी विस्फोट के कारण ढही तीन मंजिला इमारत के मलबे में शवों की तलाश कर रहे हैं।

सोमवार सुबह, संगारेड्डी जिले के पाशमैलारम औद्योगिक क्षेत्र में स्थित सिगाची इंडस्ट्रीज लिमिटेड की दवा फैक्ट्री में भीषण विस्फोट हुआ। यह विस्फोट माइक्रोक्रिस्टलाइन सेलूलोज ड्राइंग यूनिट में हुआ था, जिसमें 35 कर्मचारी झुलसे और 11 की हालत गंभीर बताई जा रही है।

अधिकारियों के अनुसार, 27 कर्मचारी अभी भी लापता हैं, जो मलबे में फंसे हो सकते हैं।

राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), हैदराबाद आपदा प्रतिक्रिया और संपत्ति संरक्षण एजेंसी, राजस्व और पुलिस के कर्मी मलबा हटाने का कार्य कर रहे हैं।

मृतकों में अधिकतर प्रवासी मजदूर शामिल हैं, जो बिहार, उत्तर प्रदेश और ओडिशा जैसे राज्यों से थे।

विस्फोट के समय कारखाने में 108 कर्मचारी मौजूद थे। विस्फोट इतना जोरदार था कि इसकी आवाज पांच किलोमीटर दूर तक सुनाई दी। विस्फोट के बाद भीषण आग लग गई, जिसे बुझाने के लिए 15 दमकल गाड़ियों का उपयोग किया गया।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि कर्मचारी हवा में उछलकर कई मीटर दूर जा गिरे। कुछ पीड़ितों के शव टुकड़ों में बिखर गए या पूरी तरह जल गए, जिसके कारण उनकी पहचान के लिए डीएनए परीक्षण किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी मंगलवार को हादसे के स्थल का दौरा करेंगे और सरकारी अस्पताल में घायलों से मिलेंगे।

स्वास्थ्य मंत्री दामोदर राजा नरसिम्हा ने सोमवार को घटनास्थल का दौरा किया और मीडियाकर्मियों से बातचीत में बताया कि विस्फोट का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है।

उन्होंने बताया कि 40-45 साल पुरानी यह कंपनी माइक्रोक्रिस्टलाइन सेलुलोज का उत्पादन करती है।

श्रम मंत्री जी. विवेक ने कहा कि प्रारंभिक तौर पर यह रिएक्टर विस्फोट नहीं था। यह एयर ड्रायर सिस्टम की समस्या के कारण हुआ माना जा रहा है।

राज्य सरकार ने इस आपदा और इसके कारणों की जांच के लिए एक उच्च-स्तरीय समिति का गठन किया है, जिसमें मुख्य सचिव, विशेष मुख्य सचिव (आपदा प्रबंधन), प्रधान सचिव (श्रम), प्रधान सचिव (स्वास्थ्य) और अतिरिक्त डीजीपी (अग्निशामक सेवाएं) शामिल हैं।

मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार, यह समिति ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सुझाव भी देगी।

Point of View

यह घटना न केवल तेलंगाना बल्कि पूरे देश के औद्योगिक सुरक्षा मानकों पर गंभीरता से विचार करने का संकेत देती है। सरकार को चाहिए कि वह ऐसे हादसों से सबक ले और भविष्य में सुरक्षा उपायों को और मजबूत करे।
NationPress
21/07/2025