क्या तेलंगाना के हिस्से का अधिशेष जल तय होने के बाद ही नई परियोजनाएं संभव होंगी?

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क्या तेलंगाना के हिस्से का अधिशेष जल तय होने के बाद ही नई परियोजनाएं संभव होंगी?

सारांश

तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री ने कहा है कि गोदावरी नदी पर नई परियोजनाएं तभी शुरू हो सकती हैं, जब दोनों तेलुगु राज्यों के बीच अधिशेष जल का बंटवारा तय किया जाए। यह मुद्दा राज्य के गठन से जुड़ा है और इसके लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदारी लेनी होगी।

Key Takeaways

  • तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री का बयान जल बंटवारे पर आधारित है।
  • नई परियोजनाओं की शुरुआत के लिए जल बंटवारे की आवश्यकता है।
  • केंद्र सरकार को इस मुद्दे पर शीघ्र निर्णय लेना होगा।

विशाखापट्टनम, 17 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्का ने रविवार को कहा कि गोदावरी नदी पर किसी भी नई परियोजना का निर्माण तभी उचित और वैध होगा, जब दोनों तेलुगु राज्यों के बीच अधिशेष जल के बंटवारे का फैसला पहले हो जाए।

उन्होंने आगे कहा कि जल बंटवारे की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है। विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए विशाखापट्टनम पहुंचे विक्रमार्का ने मीडिया से बातचीत में यह जानकारी दी।

कांग्रेस नेता ने बताया कि तेलंगाना राज्य का गठन ही नदी जल के मुद्दे पर हुआ था। उन्होंने कहा, “अधिशेष जल को लेकर स्पष्टता तभी आएगी जब हमारे राज्य की चल रही परियोजनाएं पूरी होंगी और जल आवंटन किया जाएगा।”

उपमुख्यमंत्री विक्रमार्का आंध्र प्रदेश द्वारा प्रस्तावित गोदावरी-बनाकचेरला परियोजना से जुड़े सवालों का जवाब दे रहे थे।

गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने 15 अगस्त को इस परियोजना का बचाव करते हुए कहा था कि इससे किसी भी राज्य के जल हितों को नुकसान नहीं होगा। उन्होंने यह भी कहा कि पोलावरम से गोदावरी के अपव्यय जल को बनाकचेरला ले जाकर रायलसीमा को कृषि क्षेत्र में तब्दील किया जाएगा।

नायडू ने कहा था कि निचले प्रवाही राज्य के रूप में आंध्र प्रदेश को बाढ़ झेलनी पड़ती है। उन्होंने कहा, “जब ऊपरी राज्य पानी छोड़ते हैं तो हमें नुकसान उठाना पड़ता है। ऐसे में यदि हम वही बाढ़ का पानी इस्तेमाल करना चाहें तो आपत्ति क्यों है? हमें बाढ़ का बोझ उठाना पड़ता है, लेकिन लाभ क्यों न मिले?”

इस बीच, तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री ने आंध्र प्रदेश में कांग्रेस द्वारा आयोजित ‘वोट चोरी’ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में भी भाग लिया।

उन्होंने कहा कि मतदाताओं का नाम काटना नागरिक अधिकारों को कुचलने के समान है। संविधान ने देश के हर नागरिक को मतदान का अधिकार दिया है।

विक्रमार्का ने आरोप लगाया कि भाजपा ने वास्तविक मतदाताओं के नाम काटकर और फर्जी नाम जोड़कर फायदा उठाया है। उन्होंने कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सबूतों के साथ देश के सामने वोट चोरी का पर्दाफाश किया है और मोदी सरकार से सवाल पूछा है।

उपमुख्यमंत्री ने चुनाव आयोग पर भी भाजपा के पक्ष में काम करने का आरोप लगाते हुए इसे लोकतंत्र के लिए खतरनाक बताया। उन्होंने दावा किया कि राहुल गांधी की यात्रा को राजनीतिक दलों और जनता का पूरा समर्थन मिल रहा है।

Point of View

बल्कि पूरे देश के लिए भी। सही जल प्रबंधन और वितरण से ही सभी राज्यों के विकास की संभावनाएं बढ़ेंगी।
NationPress
17/08/2025

Frequently Asked Questions

क्या नई परियोजनाओं के लिए अधिशेष जल का बंटवारा जरूरी है?
हाँ, उपमुख्यमंत्री विक्रमार्का के अनुसार, नई परियोजनाएं तभी शुरू हो सकती हैं जब अधिशेष जल का बंटवारा दोनों राज्यों के बीच तय हो जाए।
केंद्र सरकार की क्या भूमिका है?
जल बंटवारे की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है, और उन्हें इस मुद्दे पर निर्णय लेना होगा।
क्या आंध्र प्रदेश की गोदावरी-बनाकचेरला परियोजना से तेलंगाना को नुकसान होगा?
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बिना जल के बंटवारे के निर्णय के, किसी भी नई परियोजना की वैधता पर सवाल उठता है।