क्या टीएमसी नेता का बम विस्फोट की जांच के लिए कोर्ट जाना उसे पार्टी से निष्कासित करवा देगा?

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क्या टीएमसी नेता का बम विस्फोट की जांच के लिए कोर्ट जाना उसे पार्टी से निष्कासित करवा देगा?

सारांश

पश्चिम बंगाल में बम विस्फोट की जांच के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय जाने पर टीएमसी नेता को पार्टी से निष्कासित किया गया है। यह कदम पार्टी के भीतर की राजनीति और नेतृत्व के प्रति निष्ठा को दर्शाता है। क्या इस मामले में और भी गहराई होगी?

Key Takeaways

  • टीएमसी नेता का निष्कासन पार्टी अनुशासन का संकेत है।
  • बम विस्फोट ने सुरक्षा चिंताओं को उजागर किया।
  • राजनीतिक दलों में आंतरिक मतभेदों का प्रभाव पड़ सकता है।
  • स्थानीय लोगों की सुरक्षा पर ध्यान देना आवश्यक है।
  • पुलिस की कार्रवाई से स्थिति और भी जटिल हो सकती है।

कोलकाता, २४ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल में हाल में हुए एक बम विस्फोट की जांच के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय का रुख करने पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के एक जिला स्तर के नेता को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। इस नेता ने अपनी याचिका में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से बम विस्फोट की जांच कराने की मांग की थी।

टीएमसी के महासचिव और लोकसभा सांसद अभिषेक बनर्जी के निर्देश पर पार्टी नेतृत्व ने पूर्व बर्दवान जिला समिति के उपाध्यक्ष सुवेंदु कुमार दास को आजीवन निष्कासित कर दिया। दास पेशे से एक वकील हैं।

टीएमसी के पूर्व बर्दवान जिला अध्यक्ष और कटवा विधानसभा क्षेत्र के विधायक रबींद्रनाथ चटर्जी ने इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए कहा कि दास ने बुधवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय में ४ जुलाई को राजुआ गांव में हुए बम विस्फोट की एनआईए जांच का अनुरोध किया था।

चटर्जी ने कहा, "दास ने पार्टी नेतृत्व से बिना परामर्श किए यह याचिका दायर की। मुझे पता चला कि दास ने बुधवार सुबह एनआईए जांच की मांग वाली याचिका दायर की। मुझे नहीं पता कि उन्होंने ऐसा क्यों किया। मैंने इसकी जानकारी शीर्ष नेतृत्व को दी। बीती रात को नेतृत्व से निर्देश आया कि दास को पार्टी से आजीवन निष्कासित किया जाए। इस आदेश के अनुसार, उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है।"

उन्होंने यह भी बताया कि जब पार्टी नेतृत्व को राज्य पुलिस की विश्वसनीयता पर पूरा भरोसा है, तो दास का एनआईए जांच की मांग के साथ कलकत्ता उच्च न्यायालय में जाना, वह भी एक राज्य के मामले में, पार्टी विरोधी गतिविधि माना गया है।

दास की पार्टी से निष्कासन के बाद कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

कलकत्ता उच्च न्यायालय में एनआईए जांच की मांग वाली याचिका दायर करने के बाद दास ने कहा था कि उन्होंने स्थानीय लोगों की सुरक्षा के हित में यह याचिका दायर की थी।

दास ने कहा, "एक बड़ा विस्फोट हुआ था, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई। कई लोग घायल हुए। एक घर उड़ गया। मुझे नहीं लगता कि यह कोई छोटी घटना थी।"

४ जुलाई को पूर्व बर्दवान जिले के कटवा में एक देसी बम विस्फोट में एक व्यक्ति की मौत हो गई और तीन अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इस घटना के बाद चटर्जी ने आरोप लगाया कि उन्हें निशाना बनाने के लिए एक घर में देसी बम बनाए जा रहे थे।

पुलिस ने राजुआ गांव में बम विस्फोट के मुख्य आरोपी तूफान चौधरी के घर से दो हथियार, गोलियां और दो किलोग्राम देसी बम बनाने की सामग्री बरामद की। उसे कटवा कोर्ट में पेश किया गया, जहां उसे १४ दिनों की जेल हिरासत में भेज दिया गया।

Point of View

यह स्पष्ट है कि इस घटना ने टीएमसी की आंतरिक राजनीति और अनुशासन को उजागर किया है। नेता के द्वारा उच्च न्यायालय में जाने का कदम पार्टी के सिद्धांतों के खिलाफ माना गया। यह एक संकेत है कि राजनीतिक दलों में अनुशासन बनाए रखना कितना आवश्यक है।
NationPress
25/07/2025

Frequently Asked Questions

टीएमसी नेता का निष्कासन क्यों हुआ?
टीएमसी नेता ने बम विस्फोट की एनआईए जांच के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी, जो पार्टी विरोधी गतिविधि मानी गई।
बम विस्फोट में कितने लोग प्रभावित हुए?
बम विस्फोट में एक व्यक्ति की मौत हुई और तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हुए।
क्या टीएमसी का निर्णय उचित था?
पार्टी के अनुशासन को बनाए रखने के लिए यह निर्णय उचित प्रतीत होता है, लेकिन इसके पीछे की राजनीति पर भी विचार करने की आवश्यकता है।
क्या दास ने अपने निष्कासन पर कोई प्रतिक्रिया दी?
दास की ओर से पार्टी से निष्कासन के बाद कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।
पुलिस ने क्या कार्रवाई की?
पुलिस ने मुख्य आरोपी के घर से बम बनाने की सामग्री और हथियार बरामद किए हैं।