क्या बुरहानपुर के बिरोदा में स्कूली बच्चों ने निकाली स्वच्छता रैली और लिया प्लास्टिक मुक्त गांव का संकल्प?

सारांश
Key Takeaways
- बुरहानपुर में प्लास्टिक मुक्त गांव का संकल्प।
- स्कूली बच्चों ने जागरूकता रैली निकाली।
- पंचायत की टीम घर-घर जाकर प्लास्टिक के नुकसान के बारे में समझा रही है।
- ग्रामीण प्राकृतिक विकल्पों को अपना रहे हैं।
- यह मुहिम जन आंदोलन का रूप ले सकती है।
बुरहानपुर, २५ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘स्वच्छ भारत मिशन’ से प्रेरित होकर बुरहानपुर जिले की बिरोदा ग्राम पंचायत ने एक नई और प्रभावशाली पहल का आरंभ किया है। गांव के सरपंच, सचिव, उपसरपंच और अन्य जनप्रतिनिधियों ने मिलकर यह संकल्प लिया है कि बिरोदा को प्लास्टिक मुक्त बनाया जाएगा।
इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए एक जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। पंचायत की टीम घर-घर जाकर ग्रामीणों को प्लास्टिक के दुष्प्रभावों के बारे में समझा रही है। उन्हें बताया जा रहा है कि प्लास्टिक न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुँचाता है, बल्कि यह हमारे स्वास्थ्य पर भी गंभीर असर डालता है। इस मुहिम में स्कूली छात्र-छात्राएं भी सक्रिय भागीदारी निभा रहे हैं। विद्यार्थी गांव में जन जागरूकता रैली निकालकर लोगों को प्लास्टिक मुक्त अभियान के प्रति जागरूक कर रहे हैं।
इस अभियान को ग्रामीणों का भी भरपूर समर्थन मिल रहा है। लोग स्वेच्छा से प्लास्टिक का उपयोग बंद कर रहे हैं और कपड़े, जूट व अन्य प्राकृतिक विकल्पों का चयन कर रहे हैं। बिरोदा की यह मुहिम अब एक जन आंदोलन का स्वरूप ले रही है। यदि अभियान इसी तरह जारी रहा, तो यह गांव आने वाले समय में केवल प्रदेश ही नहीं, बल्कि देशभर में स्वच्छता और जागरूकता का प्रतीक बन जाएगा।
रैली में शामिल छात्र-छात्राएं बहुत उत्साहित दिख रहे थे। उन्होंने नागरिकों को स्वच्छता और गांव को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए जागरूक किया।
स्कूल के शिक्षक संदीप चौधरी ने राष्ट्र प्रेस को बताया, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश में स्वच्छता अभियान चलाया है। इसी के अंतर्गत बिरोदा ग्राम में रैली का आयोजन किया गया। रैली में कक्षा ६ से १२ के विद्यार्थी सम्मिलित हुए, जो लोगों को प्लास्टिक मुक्त ग्राम बनाने के लिए जागरूक कर रहे हैं।"
एक अन्य ने बताया, "केंद्र के स्वच्छता अभियान से प्रेरित होकर हम बिरोदा को प्लास्टिक मुक्त और स्वच्छता में नंबर एक लाने की कोशिश कर रहे हैं। पहले लोग बिरोदा गांव को पिछड़ा मानते थे, पर अब हम इसे आगे बढ़ाने में जुट गए हैं। पूरी टीम इस दिशा में सक्रिय है। घरों से सुबह-शाम कचरे का उठान हो रहा है।"