क्या टीएमसी ने विधायक हुमायूं कबीर को बाबरी मस्जिद बनाने के लिए निलंबित किया?

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क्या टीएमसी ने विधायक हुमायूं कबीर को बाबरी मस्जिद बनाने के लिए निलंबित किया?

सारांश

पश्चिम बंगाल के विधायक हुमायूं कबीर को तृणमूल कांग्रेस ने निलंबित कर दिया है। उनके द्वारा बाबरी मस्जिद बनाने की योजना की घोषणा से पार्टी ने नाखुश होकर यह कदम उठाया। यह घटनाक्रम धार्मिक राजनीति के बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है। क्या यह मामला और बढ़ेगा?

Key Takeaways

  • हुमायूं कबीर का निलंबन पार्टी अनुशासन का उल्लंघन माना गया।
  • बाबरी मस्जिद बनाने की योजना ने धार्मिक राजनीति को बढ़ावा दिया है।
  • भाजपा का संभावित हस्तक्षेप भी इस मामले में चर्चा का विषय है।

कोलकाता, 4 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। तृणमूल कांग्रेस ने गुरुवार को अल्पसंख्यक बहुल मुर्शिदाबाद जिले के भरतपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक हुमायूं कबीर को निलंबित कर दिया। उन्होंने हाल ही में इसी जिले के बेलडांगा में बाबरी मस्जिद बनाने की योजना की घोषणा की थी।

पश्चिम बंगाल के नगर मामलों और शहरी विकास मंत्री और कोलकाता नगर निगम (केएमसी) के मेयर फिरहाद हकीम ने कहा कि पार्टी ने उनकी हालिया गतिविधियों के कारण यह फैसला लिया है, जिसमें धार्मिक जोश के साथ राजनीति की बू भी आ रही थी, जिसे तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व ने पार्टी अनुशासन का गंभीर उल्लंघन माना है।

हकीम ने कहा, “पार्टी कबीर से कोई संबंध नहीं रखेगी। बाबरी मस्जिद बनाने की घोषणा करके, उन्होंने असल में 1992 की असली बाबरी मस्जिद की कड़वी यादों को फिर से जगाने की कोशिश की है। हमें लगता है कि उनके हाल के कामों में भाजपा का भी हाथ है। हमें यह भी लगता है कि भाजपा कबीर को आगे करके बांटने वाली राजनीति को हवा देने की कोशिश कर रही है।”

निलंबन के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए, कबीर ने कहा कि वह शुक्रवार को अपना इस्तीफा देंगे, लेकिन यह साफ नहीं किया कि वह पार्टी से इस्तीफा देंगे या विधायक पद से या दोनों से दे सकते हैं।

कबीर ने कहा, “मैं हकीम ने जो कहा उस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दूंगा। मैं कल अपना इस्तीफा दूंगा।”

पहले ही, कलकत्ता हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सुजॉय पॉल की अध्यक्षता वाली एक डिवीजन बेंच के सामने एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें बेलडांगा में बाबरी मस्जिद बनाने की कबीर की घोषणा को चुनौती दी गई है।

मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा में उस जमीन को लेकर भी विवाद बढ़ गया है, जिसे कबीर ने प्रस्तावित निर्माण स्थल बताया था।

जमीन के मालिक मुर्शिदाबाद के एक किसान ने सार्वजनिक रूप से घोषणा की है कि वह न तो जमीन बेचेंगे और न ही किसी को उस पर बाबरी मस्जिद बनाने देंगे।

उन्होंने प्रॉपर्टी के चारों ओर एक चारदीवारी भी बना दी है। हालांकि, कबीर ने कड़ी चुनौती देते हुए कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वह बाबरी मस्जिद बनवाने के लिए "अपनी जान भी दे देंगे।"

Point of View

समाज में तनाव बढ़ सकता है। यह रुख सभी राजनीतिक दलों को ध्यान में रखना चाहिए।
NationPress
09/12/2025

Frequently Asked Questions

हुमायूं कबीर को क्यों निलंबित किया गया?
उन्हें बाबरी मस्जिद बनाने की घोषणा करने के कारण निलंबित किया गया है।
क्या कबीर ने इस्तीफा देने का ऐलान किया है?
हां, उन्होंने कहा कि वह शुक्रवार को इस्तीफा देंगे।
बेलडांगा में बाबरी मस्जिद बनाने का क्या विवाद है?
विवाद इस जमीन के मालिक की घोषणा को लेकर है, जिसने कहा है कि वह जमीन नहीं बेचेगा।
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