क्या टीएमसी ने पश्चिम बंगाल में एसआईआर प्रक्रिया पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी को आपत्ति पत्र सौंपा?

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क्या टीएमसी ने पश्चिम बंगाल में एसआईआर प्रक्रिया पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी को आपत्ति पत्र सौंपा?

सारांश

अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में एसआईआर प्रक्रिया पर आपत्ति जताई है। क्या इसका मतदाता सूची पर प्रभाव पड़ेगा? जानें इस मुद्दे की गहराई।

Key Takeaways

  • टीएमसी ने एसआईआर प्रक्रिया पर गंभीर आपत्तियां उठाई हैं।
  • लॉजिकल विसंगति सूची का प्रकाशन आवश्यक है।
  • बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं के लिए घर पर सुनवाई की मांग।
  • निर्वाचन आयोग की प्रक्रिया पर सवाल उठाए गए हैं।
  • मतदाता अधिकारों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए।

कोलकाता, 29 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने पश्चिम बंगाल में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर गंभीर आपत्तियां उठाई हैं।

टीएमसी ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ), पश्चिम बंगाल को एक विस्तृत पत्र सौंपा है, जिसमें ‘लॉजिकल विसंगति’ सूची के प्रकाशन की कमी और बुजुर्ग तथा दिव्यांग (पीडब्ल्यूडी) मतदाताओं के लिए घर पर सुनवाई की मांग की गई है।

पत्र के अनुसार, एसआईआर के तहत राज्य में लगभग 1.36 करोड़ मतदाताओं को ‘लॉजिकल विसंगति’ (जैसे पिता के नाम में बेमेल, पीढ़ीगत उम्र का अंतर आदि) के आधार पर सुनवाई के लिए बुलाया जा रहा है।

टीएमसी का आरोप है कि भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) या सीईओ कार्यालय ने ऐसी कोई आधिकारिक सूची सार्वजनिक नहीं की है। न तो कोई वैधानिक अधिसूचना, प्रेस विज्ञप्ति या सार्वजनिक दस्तावेज जारी किया गया, जिसमें वर्गीकरण के तर्क, सत्यापन विधि या कानूनी आधार स्पष्ट हो।

इससे मतदाताओं को अज्ञात आधार पर नोटिस मिल रहे हैं और उन्हें अपनी वैधता साबित करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। टीएमसी का कहना है कि यह प्रक्रिया उचित प्रक्रिया, प्राकृतिक न्याय और चुनावी पारदर्शिता के सिद्धांतों का उल्लंघन है। पार्टी ने मांग की है कि सुनवाई शुरू करने से पहले पूरी ‘लॉजिकल विसंगति’ सूची को निर्वाचन क्षेत्र-वार और श्रेणी-वार तत्काल प्रकाशित किया जाए, साथ ही वर्गीकरण के मानदंडों और पद्धति का खुलासा हो।

पत्र में दूसरी प्रमुख मांग बुजुर्गों और दिव्यांग मतदाताओं की समावेशिता से जुड़ी है। ईसीआई ने 2024 लोकसभा चुनाव में 85 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों और 40 प्रतिशत या अधिक विकलांगता वाले पीडब्ल्यूडी मतदाताओं के लिए घर पर मतदान की सुविधा प्रदान की थी। टीएमसी का तर्क है कि एसआईआर सुनवाई में भी यही भावना अपनाई जानी चाहिए।

वर्तमान में इन मतदाताओं को दूर-दराज के कैंपों या कार्यालयों में शारीरिक रूप से उपस्थित होना पड़ रहा है, जो स्वास्थ्य, यात्रा, जलवायु और पहुंच की बाधाओं के कारण असंभव है। इससे उनके मताधिकार खतरे में पड़ सकता है। पार्टी ने जोर दिया कि ईसीआई पहले ही घर पर वोटिंग के लिए संसाधन, प्रशिक्षित कर्मचारी और व्यवस्था जुटा चुका है, इसलिए एसआईआर सत्यापन और सुनवाई भी घर-घर जाकर की जा सकती है।

Point of View

और यह आवश्यक है कि निर्वाचन आयोग सभी मतदाताओं के अधिकारों का सम्मान करे।
NationPress
29/12/2025

Frequently Asked Questions

टीएमसी ने किस विषय पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र भेजा?
टीएमसी ने पश्चिम बंगाल में एसआईआर प्रक्रिया पर गंभीर आपत्तियां उठाई हैं।
एसआईआर प्रक्रिया में टीएमसी की मुख्य मांग क्या है?
टीएमसी की मांग है कि 'लॉजिकल विसंगति' सूची को तुरंत प्रकाशित किया जाए और बुजुर्ग तथा दिव्यांग मतदाताओं के लिए घर पर सुनवाई की व्यवस्था की जाए।
क्या एसआईआर प्रक्रिया मतदाता अधिकारों को प्रभावित कर रही है?
टीएमसी का कहना है कि यह प्रक्रिया प्राकृतिक न्याय और चुनावी पारदर्शिता के सिद्धांतों का उल्लंघन कर रही है।
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