क्या बेटियों की स्वतंत्रता को लेकर टीएमसी प्रमुख का बयान राजनीतिक पतन नहीं है?: सीएम रेखा गुप्ता

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क्या बेटियों की स्वतंत्रता को लेकर टीएमसी प्रमुख का बयान राजनीतिक पतन नहीं है?: सीएम रेखा गुप्ता

सारांश

पश्चिम बंगाल में एक मेडिकल छात्रा के साथ गैंगरेप की घटना ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। सीएम रेखा गुप्ता ने टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी के बयान को निंदनीय बताया है। क्या यह बयान राजनीतिक पतन को दर्शाता है? जानिए इस विवाद के पीछे की सच्चाई।

Key Takeaways

  • महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है।
  • राजनीतिक नेतृत्व की जिम्मेदारी को समझना होगा।
  • महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करना हर नागरिक का कर्तव्य है।

नई दिल्ली, १२ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल के बर्धवान जिले के दुर्गापुर स्थित एक प्राइवेट मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की द्वितीय वर्ष की मेडिकल छात्रा के साथ गैंगरेप ने पूरे देश में हड़कंप मचा दिया है।

इस बीच, भाजपा ने मुख्यमंत्री और टीएमसी चीफ ममता बनर्जी के उस बयान की कड़ी निंदा की है जिसमें उन्होंने कहा है कि निजी मेडिकल कॉलेजों से अपेक्षा की जाती है कि रात में लड़कियों को बाहर जाने की अनुमति नहीं दी जाए।

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने रविवार को कहा कि दुर्गापुर में हुई जघन्य घटना के बाद, ममता बनर्जी का बेटियों की स्वतंत्रता को लेकर दिया गया बयान न केवल निंदनीय है, बल्कि यह राजनीतिक पतन की पराकाष्ठा है।

उन्होंने कहा कि यह बयान तृणमूल कांग्रेस सरकार के विफल प्रशासन और नैतिक रूप से खोखले नेतृत्व की तस्वीर प्रस्तुत करता है, जो रेप पीड़िता को न्याय दिलाने की बजाय, बेशर्मी से बेटियों की आजादी और अधिकारों पर ही प्रश्नचिह्न लगाता है। किसी राज्य के मुखिया से अपेक्षा होती है कि वह नारी की सुरक्षा की गारंटी दे, न कि उनकी स्वतंत्रता पर तुगलकी पहरा लगाए।

ममता बनर्जी के बंगाल में सत्ता संरक्षित अपराधी बेखौफ होकर खुले घूमते हैं, जबकि न्याय की मांग करने वाली पीड़िताओं की आवाज को कुचल दिया जाता है। पश्चिम बंगाल लगातार महिलाओं के विरुद्ध जघन्य अपराधों में देश के शीर्ष राज्यों में बना हुआ है, जहां दोषियों का संरक्षण प्रशासन की पहचान बन चुका है।

यह वही बंगाल है, जहां मां दुर्गा और काली की पूजा होती है, लेकिन आज उन्हीं की बेटियों को भय, अन्याय और 'जंगलराज' के साये में जीने को मजबूर किया जा रहा है।

सीएम ममता बनर्जी ने आरोप लगाया है कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आप मुझसे एक सवाल पूछते हैं, और जब मैं जवाब देती हूं तो मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़कर पेश किया जाता है और संदर्भ से बाहर ले जाया जाता है।

उन्होंने कहा कि मेरे साथ यह घटिया राजनीति न करें। दूसरों के विपरीत, मुझमें आपसे मिलने और सीधे बात करने की शालीनता है। दूसरे तो बस पहले से तय सवालों का जवाब देते हैं।

Point of View

बल्कि हमारे समाज में घट रही बुराइयों और राजनीतिक नेतृत्व की असफलताओं की भी परतें खोलती है। हमें इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है।
NationPress
12/10/2025

Frequently Asked Questions

क्या यह घटना पश्चिम बंगाल में महिलाओं की सुरक्षा की स्थिति को दर्शाती है?
जी हां, यह घटना पश्चिम बंगाल में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की बढ़ती प्रवृत्ति को दर्शाती है।
सीएम ममता बनर्जी का बयान क्यों विवादास्पद है?
ममता बनर्जी का बयान बेटियों की स्वतंत्रता को लेकर सवाल उठाता है, जो इस घटना के संदर्भ में विवादास्पद है।
इस तरह की घटनाओं के खिलाफ क्या कदम उठाए जाने चाहिए?
सरकार को महिला सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए और पीड़िताओं को न्याय दिलाने के लिए प्रभावी तंत्र स्थापित करने चाहिए।