क्या त्रिपुरा के सीएम साहा ने 'टीटीएएडीसी' में धन की कमी को खारिज किया?

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क्या त्रिपुरा के सीएम साहा ने 'टीटीएएडीसी' में धन की कमी को खारिज किया?

सारांश

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा ने टीटीएएडीसी में वित्तीय संकट के आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने बताया कि 1,400 करोड़ रुपए की परियोजना आदिवासी विकास के लिए समर्पित है। जानिए इस पर उनका क्या कहना है और इसके पीछे की सच्चाई क्या है।

Key Takeaways

  • मुख्यमंत्री साहा ने धन की कमी के आरोपों को खारिज किया।
  • 1,400 करोड़ रुपए की परियोजना के जरिए आदिवासी विकास होगा।
  • सरकार स्वदेशी संस्कृति के संरक्षण को प्राथमिकता दे रही है।
  • आदिवासी छात्रों की शैक्षणिक उपलब्धियों की सराहना।
  • राजनीतिक तनाव के बीच सरकार की योजनाओं पर ध्यान।

अगरतला, 26 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा ने शनिवार को त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (टीटीएएडीसी) में वित्तीय संकट के आरोपों को खारिज किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार ने जनजातीय क्षेत्रों के विकास के लिए विशेष रूप से समर्पित 1,400 करोड़ रुपए की एक परियोजना शुरू की है।

अगरतला के रवींद्र सतबर्षिकी भवन में गैर-सरकारी संगठनों द्वारा संचालित बोर्डिंग हाउसों के कक्षा 10वीं और 12वीं के मेधावी आदिवासी छात्रों के लिए आयोजित एक सम्मान समारोह में बोलते हुए, मुख्यमंत्री ने एडीसी में धन की कमी के बारे में उठाई जा रही अनावश्यक चिंताओं का जवाब दिया।

उन्होंने कहा, "एडीसी में कोई वित्तीय संकट नहीं है। कुछ लोग बेवजह इस मुद्दे को विधानसभा और बाहर दोनों जगह उठा रहे हैं। मैंने पहले भी यह स्पष्ट किया है।"

आदिवासी कल्याण के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालते हुए साहा ने कहा, "1,400 करोड़ रुपए की इस परियोजना का उद्देश्य केंद्रित विकास के माध्यम से एडीसी क्षेत्रों का कायाकल्प करना है। हमारे प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत सरकार और राज्य सरकार अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के लिए ईमानदारी से काम कर रही है।”

केंद्र प्रायोजित कार्यक्रमों के अलावा, मुख्यमंत्री ने आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, सड़क संपर्क और पेयजल आपूर्ति में सुधार के लिए राज्य द्वारा संचालित विभिन्न पहलों की ओर इशारा किया।

उन्होंने स्वदेशी संस्कृति और पहचान के संरक्षण पर सरकार के ध्यान की भी पुष्टि की और इसे बुनियादी ढांचे के विकास के साथ-साथ सर्वोच्च प्राथमिकता बताया।

मुख्यमंत्री ने आदिवासी छात्रों की शैक्षणिक उपलब्धियों की प्रशंसा की और उनकी सफलता को इस बात का प्रमाण बताया कि सरकारी पहल जमीनी स्तर पर प्रभाव डाल रही हैं।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री की यह टिप्पणी भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार और टिपरा मोथा पार्टी (टीएमपी) के बीच बढ़ते तनाव के बीच आई है। पार्टी ने हाल ही में सेवानिवृत्त कर्मचारियों के एक वर्ग को पेंशन निधि जारी करने में विफलता के लिए प्रशासन की आलोचना की थी, जिसके कारण विरोध प्रदर्शन हुए थे।

Point of View

यह कहना उचित है कि त्रिपुरा में आदिवासी विकास के लिए की जा रही पहलों पर नजर रखना जरूरी है। मुख्यमंत्री साहा का यह बयान इस बात को दर्शाता है कि राज्य सरकार आर्थिक संकट के दावों का सकारात्मक जवाब दे रही है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि कैसे यह स्थिति आगे बढ़ती है, खासकर जब राजनीतिक तनाव भी मौजूद है।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

टीटीएएडीसी में वित्तीय संकट के आरोप क्यों लगाए जा रहे हैं?
कुछ राजनीतिक दलों और संगठनों ने वित्तीय संकट के आरोप लगाए हैं, लेकिन मुख्यमंत्री ने इनका खंडन किया है।
1,400 करोड़ रुपए की परियोजना का क्या उद्देश्य है?
यह परियोजना जनजातीय क्षेत्रों के विकास के लिए समर्पित है और इसका मुख्य उद्देश्य एडीसी क्षेत्रों का कायाकल्प करना है।