क्या ट्रंप के टैरिफ से भारत का उदय रुकेगा?

सारांश
Key Takeaways
- ट्रंप का टैरिफ भारत के निर्यात पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
- भारत की वैश्विक ताकत बढ़ रही है।
- भारत ने कोविड-19 में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- मोदी का नेतृत्व भारत को एक महाशक्ति बना रहा है।
- अमेरिका की नीतियां उसे कमजोर कर रही हैं।
चेन्नई, 7 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु भाजपा प्रवक्ता ए.एन.एस. प्रसाद ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय वस्तुओं पर 50 फीसद टैरिफ लगाने के निर्णय की तीव्र आलोचना की है। उन्होंने इसे अमेरिका की कमजोरी और भारत के बढ़ते वैश्विक प्रभाव के खिलाफ हताशा का संकेत बताया। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में भारत एक वैश्विक महाशक्ति बन चुका है, जबकि ट्रंप की नीतियां अमेरिका को आर्थिक और कूटनीतिक रूप से कमजोर कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि ट्रंप का यह टैरिफ भारत को कमजोर करने का प्रयास है, लेकिन यह अमेरिका के लिए नुकसानदायक साबित होगा। भारत से रूसी तेल की खरीद के आधार पर यह शुल्क अनुचित और राजनीतिक प्रेरित है। प्रसाद ने इसे ट्रंप की असुरक्षा और भारत के बढ़ते दबदबे से डर का प्रतीक बताया और कहा कि यह कदम अमेरिका की वैश्विक साख को कमजोर करेगा और भारत को नई वैश्विक व्यवस्था में और मजबूत करेगा।
प्रसाद ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के 11 साल के नेतृत्व में भारत ने आर्थिक, बुनियादी ढांचे और तकनीकी प्रगति में अभूतपूर्व तरक्की की है। विश्व बैंक के 2024 के आंकड़ों के अनुसार भारत की जीडीपी 3.6 ट्रिलियन डॉलर है और 2024 में 8.2 फीसद की विकास दर (आईएमएफ) हासिल की गई है। भारत की क्वाड, जी20 और अफ्रीका-लैटिन अमेरिका के साथ साझेदारियां इसकी वैश्विक ताकत को दर्शाती हैं। इसके विपरीत, ट्रंप की अलगाववादी नीतियां अमेरिका को वैश्विक मंच पर कमजोर कर रही हैं।
भाजपा प्रवक्ता ए.एन.एस. प्रसाद ने कोविड-19 महामारी के दौरान भारत की भूमिका की सराहना की और कहा कि भारत ने कोवैक्सिन और कोविशील्ड जैसे टीकों का उत्पादन कर 100 से अधिक देशों को वैक्सीन मैत्री पहल के तहत उपलब्ध कराया, जबकि अमेरिका 10 लाख से अधिक मौतों के साथ महामारी से जूझता रहा। यह भारत की नैतिक और रणनीतिक श्रेष्ठता को दर्शाता है।
उन्होंने बताया कि अमेरिका का 50 फीसद टैरिफ भारत के निर्यात क्षेत्र, विशेष रूप से दवाइयों और आईटी सेवाओं, को नुकसान पहुंचा सकता है। भारत अमेरिका का प्रमुख व्यापारिक साझेदार है और 2023 में अमेरिका का भारत के साथ 36 अरब डॉलर का व्यापार घाटा था। यह टैरिफ भारत को यूरोपीय संघ, आसियान और ब्रिक्स जैसे वैकल्पिक बाजारों की ओर ले जाएगा, जिससे अमेरिका आर्थिक रूप से अलग-थलग पड़ सकता है।
प्रसाद ने कहा, "भारत ने 2019 के पुलवामा हमले और 2025 के पहलगाम हमले में त्वरित और निर्णायक कार्रवाई कर अपनी रणनीतिक ताकत दिखाई है। पीएम मोदी की मेक इन इंडिया और 1.1 ट्रिलियन डॉलर के बुनियादी ढांचे के निवेश ने भारत को विनिर्माण और हरित ऊर्जा में अग्रणी बना दिया है। 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा का लक्ष्य भारत को वैश्विक ऊर्जा केंद्र बनाएगा। ट्रंप का यह कदम भारत के उदय को नहीं रोक सकता। भारत की सॉफ्ट पावर और वैश्विक नेतृत्व इसे एक अजेय शक्ति बनाते हैं, जबकि अमेरिका की गलत नीतियां उसे कमजोर कर रही हैं।