क्या 12 देशों को 7 जुलाई को अमेरिका से टैरिफ पत्र भेजे जाएंगे?

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क्या 12 देशों को 7 जुलाई को अमेरिका से टैरिफ पत्र भेजे जाएंगे?

सारांश

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 12 देशों को निर्यात पर टैरिफ लगाने के पत्रों पर हस्ताक्षर किए हैं। ये पत्र सोमवार को भेजे जाएंगे, जो व्यापार संबंधों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं। क्या भारत इस मामले में कोई खास कदम उठाने जा रहा है? जानें इस लेख में।

Key Takeaways

  • 12 देशों को टैरिफ पत्र भेजे जाएंगे।
  • ट्रंप ने 70 प्रतिशत तक रेसिप्रोकल टैरिफ बढ़ाने का संकेत दिया है।
  • भारत के लिए यह एक संवेदनशील मुद्दा है।
  • केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने समयसीमा के दबाव में समझौते पर हस्ताक्षर करने से इनकार किया है।
  • उम्मीद है कि 9 जुलाई से पहले एक अंतरिम व्यापार समझौता हो सकता है।

वाशिंगटन, 5 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 12 देशों से होने वाले निर्यात पर टैरिफ लगाने से संबंधित पत्रों पर हस्ताक्षर कर दिए हैं, जिन्हें सोमवार को भेजे जाने की आशा है।

मीडिया से बातचीत करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ने बताया कि जिन देशों को पत्र भेजे जाएंगे, उनके नाम सोमवार को ही प्रकट किए जाएंगे। उन्होंने कहा, "मैंने कुछ पत्रों पर हस्ताक्षर किए हैं। ये सोमवार को भेजे जाएंगे, संभवतः 12 पत्र। अलग-अलग रकम, अलग-अलग टैरिफ। पत्र भेजना बेहतर है। एक पत्र भेजना कहीं आसान है।"

ट्रंप ने यह भी संकेत दिया है कि 'रेसिप्रोकल टैरिफ' कुछ देशों पर 70 प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता है। इसे 1 अगस्त से लागू करने की योजना है।

अप्रैल में अमेरिकी राष्ट्रपति ने देश में आने वाले अधिकांश सामानों पर 10 प्रतिशत का बेस टैरिफ घोषित किया था। इसके साथ ही कुछ देशों, जैसे चीन के लिए इससे भी अधिक दरें निर्धारित की गई थीं। हालांकि, इन बढ़े हुए टैरिफ को बाद में 9 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

वाशिंगटन ने दो देशों (यूनाइटेड किंगडम और वियतनाम) के साथ 'ट्रेड एग्रीमेंट' किए हैं।

इस बीच, भारत का उच्च-स्तरीय सरकारी प्रतिनिधिमंडल, वाशिंगटन से बिना किसी अंतिम समझौते के लौट आया है। इसकी अगुवाई मुख्य वार्ताकार राजेश अग्रवाल कर रहे थे। यह समझौता अमेरिका द्वारा दबाव डाले जा रहे संवेदनशील मुद्दों एग्रीकल्चर और डेयरी प्रोडक्ट्स के व्यापार को लेकर होना था।

हालांकि, अभी भी एक उम्मीद की किरण है। आशा है कि 9 जुलाई की निर्धारित समयसीमा से पहले दोनों देशों के बीच उच्चतम राजनीतिक स्तर पर एक अंतरिम द्विपक्षीय व्यापार समझौता हो सकता है।

भारतीय दल 26 जून से 2 जुलाई तक अमेरिका के साथ अंतरिम व्यापार समझौते पर बातचीत के लिए वाशिंगटन में था।

केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के अनुसार, भारत किसी समयसीमा के दबाव में 'फ्री ट्रेड एग्रीमेंट' पर हस्ताक्षर करने में जल्दबाजी नहीं करेगा।

नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मंत्री पीयूष गोयल ने इस बात पर जोर दिया कि भारत राष्ट्रीय हित में व्यापार सौदों के लिए तैयार है, लेकिन वह "कभी भी समयसीमा के साथ व्यापार सौदों पर बातचीत नहीं करता है।"

अमेरिका अपने एग्रीकल्चर और डेयरी प्रोडक्ट्स के लिए व्यापक बाजार की मांग कर रहा है, जो एक बड़ी चुनौती है। भारत के लिए, यह देश के छोटे किसानों की आजीविका का मुद्दा है, इसलिए इसे एक संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है।

भारत 9 जुलाई से पहले एक अंतरिम समझौता करके राष्ट्रपति ट्रंप के 26 प्रतिशत टैरिफ से छूट पाने की कोशिश कर रहा है। वह टेक्सटाइल, लेदर और जूते जैसे अपने लेबर-इंटेंसिव निर्यात के लिए महत्वपूर्ण टैरिफ कन्सेशन पर भी जोर दे रहा है।

-राष्ट्र प्रेस

आरएसजी/केआर

Point of View

हमारे देश की प्राथमिकता राष्ट्रीय हित है। जब भी कोई अंतरराष्ट्रीय व्यापार सौदा होता है, तो हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह छोटे किसानों और आर्थिक स्थिरता के लिए फायदेमंद हो। इस मामले में भारत को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी।
NationPress
23/07/2025

Frequently Asked Questions

ट्रंप के टैरिफ पत्रों का क्या महत्व है?
ये पत्र अमेरिका के व्यापार नीतियों में महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देते हैं, जो वैश्विक व्यापार पर असर डाल सकते हैं।
भारत को इस स्थिति से कैसे निपटना चाहिए?
भारत को अपने छोटे किसानों के हितों की रक्षा करते हुए एक मजबूत व्यापार रणनीति विकसित करनी चाहिए।