क्या पहलगाम हमले के बाद सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा की बजाय राजनीति को प्राथमिकता दी? : उद्धव ठाकरे

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क्या पहलगाम हमले के बाद सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा की बजाय राजनीति को प्राथमिकता दी? : उद्धव ठाकरे

सारांश

उद्धव ठाकरे ने पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा की विफलता पर सवाल उठाते हुए सरकार पर राजनीति को प्राथमिकता देने का आरोप लगाया है। उनके बयान में कश्मीर की अस्थिरता और आतंकवादियों की घुसपैठ पर चिंता व्यक्त की गई है। क्या सरकार सच में सुरक्षा को नजरअंदाज कर रही है?

Key Takeaways

  • उद्धव ठाकरे ने पहलगाम हमले पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
  • कश्मीर की सुरक्षा स्थिति अभी भी अस्थिर है।
  • सरकार को राजनीति और सुरक्षा में संतुलन बनाना चाहिए।
  • आतंकवादियों की घुसपैठ पर चिंता जताई गई है।
  • सत्ता में बैठे लोगों को संविधान का सम्मान करना चाहिए।

मुंबई, 20 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले को लेकर सरकार पर तीखा आरोप लगाया। उन्होंने सुरक्षा की विफलता पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा के बजाय राजनीति और कूटनीति को प्राथमिकता दी है।

'सामना' में दिए एक साक्षात्कार में ठाकरे ने कहा, "पहलगाम हमला चौंकाने वाला था। हमें बताया गया था कि कश्मीर में स्थिति सामान्य है। फिर यह हमला कैसे हुआ?"

ठाकरे ने धारा 370 को निरस्त करने का समर्थन किया और कहा कि बड़े दावों के बावजूद कश्मीर में स्थिति अभी भी अस्थिर है। उन्होंने कहा, "पर्यटन फिर से शुरू हो गया है, लेकिन सुरक्षा की अनदेखी की गई है। आप किसी पूर्व अशांत क्षेत्र के साथ ऐसा व्यवहार नहीं कर सकते जैसे सब कुछ ठीक हो और सुरक्षा कम कर दें।"

हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की मौत का जिक्र करते हुए उन्होंने पूछा, "छब्बीस महिलाओं ने अपना सिंदूर खो दिया। हमारी माताओं और बहनों की इज्जत को तार-तार करने के लिए कौन जिम्मेदार है?"

उन्होंने यह भी चिंता जताई कि आतंकवादी भारतीय क्षेत्र में इतनी गहराई तक कैसे घुसपैठ कर गए। उन्होंने कहा, "हमले के तीन महीने बाद भी आतंकवादियों का पता नहीं चल पाया है। पहले उनकी तस्वीरें जारी की गईं, फिर उन्हें खारिज कर दिया गया। वे आए, हमला किया और गायब हो गए। वे कहां गए?"

ठाकरे ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावों पर भी सरकार को घेरा। ट्रंप का कहना है कि उन्होंने संभावित भारत-पाकिस्तान युद्ध को रोकने के लिए हस्तक्षेप किया। इस पर ठाकरे ने पूछा, "ट्रंप 27 बार कह चुके हैं कि उन्होंने युद्ध रोका। हमारे '56 इंच के सीने' वाले प्रधानमंत्री इस पर चुप क्यों हैं?"

हमले के बाद शुरू किए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' अभियान पर निशाना साधते हुए ठाकरे ने कहा कि सेना के पराक्रम का राजनीतिकरण किया गया। हमारी सेना सीमा पार गई, लेकिन उन्हें क्यों वापस बुलाया गया? सरकार को पीछे हटने के लिए क्यों मजबूर होना पड़ा? यह अभी भी एक रहस्य है।"

उन्होंने भाजपा की आंतरिक आयु नीति पर भी कटाक्ष किया और पूछा कि क्या प्रधानमंत्री मोदी 75 साल की उम्र में सेवानिवृत्त होंगे। उन्होंने कहा कि लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे नेताओं को 75 साल में पद छोड़ने के लिए मजबूर किया गया। क्या पीएम मोदी अपने ही बनाए नियमों का पालन करेंगे?"

ठाकरे ने भाजपा पर शिवसेना को तोड़ने का आरोप लगाया और कहा कि सत्ता में बैठे लोग अब संविधान का सम्मान करने को भी तैयार नहीं हैं।

Point of View

यह स्पष्ट है कि सुरक्षा और राजनीति में संतुलन आवश्यक है। उद्धव ठाकरे की चिंताएँ सही हैं, लेकिन सरकार को भी अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। हमें राष्ट्रीय सुरक्षा को हमेशा प्राथमिकता देनी चाहिए।
NationPress
20/07/2025

Frequently Asked Questions

पहलगाम हमले में कितने लोग मारे गए?
पहलगाम हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या हुई थी।
उद्धव ठाकरे ने सरकार पर क्या आरोप लगाया?
उद्धव ठाकरे ने कहा कि सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा की बजाय राजनीति को प्राथमिकता दी है।
धारा 370 को लेकर ठाकरे का क्या कहना है?
ठाकरे ने कहा कि धारा 370 को निरस्त करने के बावजूद कश्मीर में स्थिति अस्थिर है।
क्या आतंकवादी अभी भी सक्रिय हैं?
ठाकरे ने चिंता जताई कि हमले के तीन महीने बाद भी आतंकवादियों का पता नहीं चला है।
क्या सरकार ने सेना का राजनीतिकरण किया है?
ठाकरे ने कहा कि 'ऑपरेशन सिंदूर' का राजनीतिकरण किया गया है।