क्या बचत उत्सव जनता को गुमराह करने का प्रयास है? उदित राज का तंज

सारांश
Key Takeaways
- बचत उत्सव का आयोजन त्योहारी सीजन में किया गया है।
- जीएसटी स्लैब की दरें कम होने से दामों में कमी आई है।
- कांग्रेस नेता उदित राज ने तंज कसा है कि जनता को गुमराह नहीं होना चाहिए।
नई दिल्ली, 1 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। 22 सितंबर से देशभर में जीएसटी स्लैब की दरों में कमी के चलते खाद्य पदार्थों और अन्य उत्पादों के दामों में कमी आई है। त्योहारी सीजन को देखते हुए बाजारों में रौनक लौट आई है। व्यापारी वर्ग बचत उत्सव मना रहे हैं और पीएम मोदी के स्वदेशी अभियान को जन-जन तक पहुंचा रहे हैं। वहीं, कांग्रेस नेता उदित राज ने बचत उत्सव पर तंज कसा है।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कांग्रेस नेता ने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा इसे ऐसे उत्सव के रूप में मना रही है, जैसे अंग्रेजों ने जीएसटी लागू किया था और केंद्र सरकार ने इसे हटाया हो। जनता सबकुछ समझती है। जनता को गुमराह करने का प्रयास नहीं होना चाहिए।
सीजफायर को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान पर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बयानों का खंडन क्यों नहीं करती। उन्होंने कहा कि सरकार को इस पर स्पष्ट रुख अपनाना चाहिए।
अमेरिका में शटडाउन पर उन्होंने कहा कि इसका असर दिहाड़ी मजदूरों और संविदा कर्मचारियों पर पड़ सकता है। हालांकि, अभी यह कहना मुश्किल है कि इसका अमेरिका पर कितना प्रभाव होगा।
उन्होंने आरएसएस को लेकर कहा कि संविधान के खिलाफ बोलने वालों के लिए भारत रत्न की मांग की जा रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि आरएसएस ने ऐसा कौन सा काम किया है, जिसके लिए भारत रत्न की मांग हो रही है।
उदित राज ने करूर हादसे पर कहा कि उन्हें सीबीआई जांच पर भरोसा नहीं है, क्योंकि कई मामलों में सीबीआई जांच से कोई ठोस नतीजा नहीं निकलता। उन्होंने सीबीआई को सरकार से प्रेरित बताते हुए कहा कि इस घटना के लिए एक्टर विजय स्वयं जिम्मेदार हैं, न कि राज्य सरकार। उन्होंने माना कि दक्षिण भारत में फिल्मी सितारों के प्रति प्रशंसकों की दीवानगी अत्यधिक होती है, जिसके कारण ऐसी घटनाएं हो जाती हैं।
बरेली में कांग्रेस नेताओं को रोके जाने पर उदित राज ने आरोप लगाया कि इसमें भाजपा और कुछ मुस्लिम नेताओं की मिलीभगत है। कुछ छिपाने की कोशिश की जा रही है।
बिहार में अंतिम मतदाता सूची जारी होने पर उदित राज ने कहा कि यदि विपक्षी दलों ने प्रारंभिक ड्राफ्ट पर ऐतराज न जताया होता और सुप्रीम कोर्ट न गए होते, तो 21 लाख मतदाताओं को सूची में नहीं जोड़ा जाता।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा चुनाव से पहले आयोग का दुरुपयोग कर मतदाता सूची में हेरफेर करती है और विपक्षी वोटों को हटाने की कोशिश करती है। उनकी पार्टी इस सूची का निरीक्षण कर रही है।