क्या उज्जैन के आस-पास किसानों की जमीन पर निर्माण की गतिविधियाँ स्वीकार्य हैं? - राकेश टिकैत
सारांश
Key Takeaways
- किसानों की जमीन पर चल रही निर्माण गतिविधियों का विरोध हो रहा है।
- आरएसएस का किसान संगठन इस विरोध का समर्थन कर रहा है।
- किसानों को उचित मुआवजा दिए बिना जमीन का अधिग्रहण नहीं किया जाना चाहिए।
- यह आंदोलन किसानों के अधिकारों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
- किसान नेता राकेश टिकैत ने इस आंदोलन का समर्थन किया है।
मुजफ्फरनगर, 18 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बुधवार को मध्य प्रदेश के उज्जैन के आसपास किसानों की जमीन पर चल रही निर्माण गतिविधियों पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि इस निर्माण के खिलाफ किसानों द्वारा बड़े पैमाने पर विरोध किया जा रहा है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) का किसान संगठन भारतीय किसान संगठन इस विरोध प्रदर्शन की अगुवाई कर रहा है, जिसका इतिहास किसान आंदोलन में सहयोग का रहा है।
टिकैत ने कहा कि जब भी किसानों पर संकट आया, आरएसएस का किसान संघ हमेशा हमारे साथ खड़ा रहा है। उन्होंने हमारे मुद्दों को मजबूती से उठाया और हमें समर्थन दिया। आज भी यह संगठन हमारे साथ है, जो दर्शाता है कि जब भी कोई संकट आएगा, वे हमारे साथ रहेंगे।
उन्होंने बताया कि आरएसएस का किसान संगठन पहले भी ट्रैक्टर मार्च कर चुका है। वर्तमान में, सिंहस्थ के नाम पर किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है। यदि इन जमीनों का अधिग्रहण कर वहां होटल और धर्मशाला का निर्माण किया जाता है, तो इससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर नहीं बढ़ेंगे।
उनका कहना है कि यदि किसानों की जमीन का अधिग्रहण करना है, तो पहले उन्हें उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए ताकि वे आर्थिक रूप से समर्थ हो सकें। वर्तमान में किसानों की जमीन पर जो हमला किया जा रहा है, वह बिल्कुल गलत है। हम इस निंदा करते हैं और विरोध प्रदर्शनों का स्वागत करते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि इस मुद्दे पर बड़े पैमाने पर विरोध होगा।
किसान नेता टिकैत ने कहा कि उज्जैन में चल रहे विरोध प्रदर्शनों का हम समर्थन करते हैं और इसे बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। हमने वहां के किसानों से भी बात की है और उन्हें आश्वस्त किया है कि यदि उन्हें कोई समस्या होती है, तो उसका समाधान हमारे द्वारा किया जाएगा।