क्या उज्ज्वला योजना, सुशासन तिहार और ‘नियाद नेल्लनार’ ने बस्तर की महिलाओं के जीवन में बदलाव लाया?

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क्या उज्ज्वला योजना, सुशासन तिहार और ‘नियाद नेल्लनार’ ने बस्तर की महिलाओं के जीवन में बदलाव लाया?

सारांश

बीजापुर जिले में विकास की नई कहानी लिखी जा रही है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, सुशासन तिहार और ‘नियाद नेल्लनार’ जैसे कार्यक्रमों ने बस्तर की महिलाओं के जीवन में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाए हैं। जानें कैसे इन पहलों ने महिलाओं के जीवन को संवारने में मदद की है।

Key Takeaways

  • उज्ज्वला योजना ने महिलाओं के जीवन को सरल और सुरक्षित बनाया।
  • सुशासन तिहार ने शासन में पारदर्शिता बढ़ाई।
  • महिलाएं अब आर्थिक रूप से मजबूत हो रही हैं।
  • नियाद नेल्लनार कार्यक्रम ने महिलाओं को सशक्त किया है।
  • बीजापुर में विकास और सुरक्षा का माहौल स्थापित हुआ है।

बीजापुर, 12 अक्‍टूबर (राष्ट्र प्रेस)। छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के बीजापुर जिले में, जो कभी नक्सल प्रभावित क्षेत्र के रूप में जाना जाता था, अब विकास और विश्वास की नई गाथा लिखी जा रही है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, सुशासन तिहार और ‘नियाद नेल्लनार’ जैसे जनकल्याणकारी पहलों ने यहां की महिलाओं के जीवन में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाए हैं।

पहले जहाँ महिलाएं लकड़ी इकट्ठा करने और धुएं से भरे रसोईघरों में दिन बिताती थीं, वहीं अब एलपीजी गैस के उपयोग से खाना बनाना न केवल सरल, बल्कि सुरक्षित और स्वास्थ्यवर्धक हो गया है।

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत, जिले की हजारों महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन मिले हैं। पहले, ग्रामीण महिलाओं को जंगलों से लकड़ी लाने में न केवल समय बर्बाद होता था, बल्कि बारिश के मौसम में उन्हें बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। धुएं में खाना पकाने से आंखों में जलन और श्वसन संबंधी बीमारियाँ आम होती थीं। अब रसोई में धुआं नहीं, बल्कि मुस्कान है। महिलाएं बताती हैं कि अब एलपीजी से खाना बनाना समय की बचत करता है, जिससे वे अपने बच्चों और अन्य घरेलू कार्यों को बेहतर तरीके से संभाल पा रही हैं।

सुशासन तिहार और ‘नियाद नेल्लनार’ जैसे कार्यक्रमों ने शासन और जनता के बीच की दूरी को कम किया है। अब सरकारी योजनाओं और सेवाओं का लाभ गांव-गांव तक आसानी से पहुंच रहा है। ग्रामीण महिलाएं स्वयं सहायता समूहों, पोषण अभियान, और स्वच्छता मिशन में सक्रिय रूप से भाग ले रही हैं। प्रशासनिक अधिकारी नियमित रूप से गांवों में जाकर लोगों की समस्याएं सुन रहे हैं और समाधान प्रदान कर रहे हैं। इन पहलों से शासन में पारदर्शिता और जनसहभागिता को नई दिशा मिली है।

इन योजनाओं से महिलाओं की भागीदारी और सशक्तीकरण में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। महिलाएं अब न केवल घर संभाल रही हैं, बल्कि रोजगारमूलक गतिविधियों में भी शामिल होकर आत्मनिर्भर बन रही हैं। वे स्थानीय बाजारों में अपने उत्पाद बेच रही हैं, स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से वित्तीय रूप से मजबूत हो रही हैं और गांव के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

गांव की महिला नीलिमा ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बताया कि पहले की तुलना में बोरवेल का पानी अब स्वच्छ और पीने योग्य है। आंगनबाड़ी में भी इसी पानी का उपयोग किया जा रहा है। वहीं, कमला ने भी नीलिमा के विचारों का समर्थन किया। कांता बाई और रानी ने बताया कि जब से उज्ज्वला योजना के तहत गैस चूल्हा मिला है, तब से काफी राहत मिली है। पहले लकड़ी से खाना बनाने पर धुएं के कारण आंखों में जलन होती थी, जिसके लिए वे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का धन्यवाद करती हैं।

पालूराम और सुरेश कुमार ने कहा कि पहले सड़कें पक्की न होने के कारण कीचड़ हो जाता था और आवागमन में परेशानी होती थी, लेकिन अब पक्की सड़क बनने से यह समस्या दूर हो गई है। रमेश कुमार ने बताया कि पहले बिजली की समस्या रहती थी, जिससे बच्चों को पढ़ाई करने और खेती के लिए समय पर पानी मिलने में कठिनाई होती थी, लेकिन अब बिजली की समस्या से राहत मिल गई है।

जिस बीजापुर जिले को कभी नक्सल प्रभावित इलाका कहा जाता था, वहां अब सुरक्षा और विकास का वातावरण स्थापित हो चुका है। सड़कें बन रही हैं, बिजली और इंटरनेट गांवों तक पहुंच रहे हैं, स्कूलों और स्वास्थ्य केंद्रों में सुविधाएं बढ़ी हैं। गांवों में शांति और विश्वास का माहौल दिखाई दे रहा है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की भाजपा सरकार के आने के बाद विकास कार्यों में तेजी आई है। दोनों सरकारें समन्वित रूप से काम कर रही हैं, जिससे योजनाओं का लाभ सीधे लोगों तक पहुंच रहा है।

Point of View

बल्कि गांवों में भी विकास की नई लहर पैदा कर रहा है। सभी योजनाओं का लाभ सीधे जनता तक पहुंच रहा है, जो लोकतंत्र की एक सच्ची पहचान है।
NationPress
12/10/2025

Frequently Asked Questions

उज्ज्वला योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उज्ज्वला योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को स्वच्छ और सुरक्षित खाना पकाने के लिए एलपीजी गैस कनेक्शन प्रदान करना है।
सुशासन तिहार का क्या महत्व है?
सुशासन तिहार कार्यक्रम का महत्व है कि यह शासन और जनता के बीच की दूरी को कम करता है और सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे जनता तक पहुंचाता है।
‘नियाद नेल्लनार’ कार्यक्रम का क्या फायदा है?
‘नियाद नेल्लनार’ कार्यक्रम के तहत ग्रामीण महिलाएं विभिन्न विकासात्मक गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी करती हैं, जिससे उनका सशक्तीकरण होता है।
क्या इन योजनाओं से महिलाओं की स्थिति में सुधार हुआ है?
जी हां, इन योजनाओं से महिलाओं की भागीदारी और आत्मनिर्भरता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
क्या बीजापुर में विकास की स्थितियाँ सुधरी हैं?
हां, बीजापुर में सड़कें, बिजली, और इंटरनेट की सुविधाएं बढ़ी हैं, जिससे विकास की नई संभावनाएं खुली हैं।