क्या यूके की इंजीनियरिंग टीम एफ-35बी फाइटर जेट की मरम्मत के लिए तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पहुंची?

सारांश
Key Takeaways
- यूके की इंजीनियरिंग टीम तिरुवनंतपुरम पहुंची।
- एफ-35बी फाइटर जेट की आपातकालीन लैंडिंग हुई।
- उच्च तकनीकी उपकरणों की आवश्यकता।
- भारतीय और ब्रिटिश अधिकारियों का सहयोग।
- जेट की मरम्मत और सुरक्षा जांच प्रक्रिया।
नई दिल्ली/तिरुवनंतपुरम, 6 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। ब्रिटिश उच्चायोग ने शनिवार को सूचित किया कि एक यूके की इंजीनियरिंग टीम तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर पहुंच चुकी है। यह टीम ब्रिटेन के एफ-35बी फाइटर जेट का मूल्यांकन और मरम्मत का कार्य करेगी। इस फाइटर जेट ने 14 जून को तिरुवनंतपुरम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आपातकालीन लैंडिंग की थी।
एक ब्रिटिश हाई कमीशन के प्रवक्ता ने ताजा जानकारी साझा करते हुए बताया, "यूके की इंजीनियरिंग टीम तिरुवनंतपुरम इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंच गई है। यह टीम ब्रिटेन के एफ-35बी फाइटर जेट का मूल्यांकन करेगी और उसकी मरम्मत करेगी। यह जेट आपात स्थिति में यहां उतरा था। यूनाइटेड किंगडम ने हवाई अड्डे पर उपलब्ध मरम्मत और रखरखाव (एमआरओ) सुविधाओं का उपयोग करने का निर्णय लिया है और अब भारतीय अधिकारियों के साथ मिलकर व्यवस्था को अंतिम रूप देने के लिए चर्चा कर रहे हैं। मानक प्रक्रिया के अनुसार, ब्रिटिश इंजीनियरों के आने के बाद विमान को स्थानांतरित किया जाएगा। इन इंजीनियरों के पास विमान को हटाने और मरम्मत के लिए आवश्यक विशेष उपकरण हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि यूके भारतीय अधिकारियों और एयरपोर्ट टीमों के निरंतर सहयोग और समर्थन के लिए आभारी है।
इससे पहले, प्रवक्ता ने कहा था कि तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक ब्रिटिश एफ-35बी विमान तकनीकी खराबी के कारण रुका हुआ है। ब्रिटिश इंजीनियरिंग टीमें विशेष उपकरणों के साथ विमान को स्थानांतरित करेंगी, ताकि अन्य विमानों की नियमित मरम्मत में न्यूनतम बाधा हो। मरम्मत और सुरक्षा जांच पूरी होने के बाद विमान सक्रिय सेवा में लौट आएगा। सुरक्षा और सावधानियों का पालन सुनिश्चित करने के लिए ग्राउंड टीमें भारतीय अधिकारियों के साथ मिलकर कार्य कर रही हैं।
यह अद्वितीय लड़ाकू विमान ब्रिटेन के एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स कैरियर स्ट्राइक ग्रुप का हिस्सा है, जो वर्तमान में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में तैनात है। यह विमान भारतीय नौसेना के साथ संयुक्त समुद्री अभ्यास के बाद बेस पर लौट रहा था, तभी इसकी आपातकालीन लैंडिंग तिरुवनंतपुरम में हुई। विमान में ईंधन का स्तर बहुत कम होने की सूचना मिलने के बाद इसे हवाई अड्डे पर उतरने की आपातकालीन अनुमति दी गई थी। हालांकि, बाद में पता चला कि विमान में तकनीकी खामी भी है।
यह लड़ाकू विमान अपने छोटी टेक-ऑफ और वर्टिकल लैंडिंग (एसटीओवीएल) की विशेषता के लिए जाना जाता है, जो इसे विमान वाहक और छोटे रनवे से संचालित करने में सक्षम बनाता है।