क्या 'उल्लू का धमाका' नाम की मिठाई बेचने पर 2.70 लाख का जुर्माना लगा?

सारांश
Key Takeaways
- उल्लू का धमाका मिठाई पर 2.70 लाख रुपए का जुर्माना।
- खाद्य सुरक्षा मानकों की अनदेखी पर सख्त कार्रवाई।
- सुरक्षित और प्रमाणित उत्पादों के उपयोग की आवश्यकता।
चतरा, 7 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के चतरा जिला मुख्यालय में एक स्टोर पर 'उल्लू का धमाका' नामक मिठाई बेचने वाले एक स्थानीय विक्रेता पर 2 लाख 70 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। यह आदेश खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के तहत चतरा के अपर समाहर्ता सह न्याय निर्णयन पदाधिकारी की अदालत द्वारा जारी किया गया है。
जानकारी के अनुसार, चतरा में खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी की टीम ने कैलाश प्रसाद अग्रवाल द्वारा संचालित स्टोर में जांच के दौरान शुगर बॉयल्ड कॉन्फेक्शनरी 'जय पारस उल्लू का धमाका' नाम से बेची जा रही मिठाई के नमूने जब्त किए थे। नमूनों की जांच राष्ट्रीय खाद्य प्रयोगशाला, कोलकाता में कराई गई, जिसमें उत्पाद को भ्रामक ब्रांड बताया गया।
परीक्षण रिपोर्ट और उपलब्ध तथ्यों के आधार पर यह स्पष्ट हुआ कि यह मिठाई उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है और फूड पॉइजनिंग का खतरा उत्पन्न कर सकती है। इस रिपोर्ट के आधार पर अपर समाहर्ता-सह-न्याय निर्णयन अधिकारी, चतरा की अदालत में मामले की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान प्रतिष्ठान संचालक का जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया। इसके बाद, खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम की धारा-52 के तहत स्टोर संचालक पर दंड लगाया गया।
न्यायालय ने आदेश दिया कि 2.70 लाख रुपए की राशि आदेश प्राप्ति के सात दिनों के भीतर जमा की जाए और इसकी सूचना संबंधित अधिकारियों को दी जाए। अदालत ने चेतावनी दी कि अगर आदेश का पालन नहीं हुआ तो स्टोर संचालक के खिलाफ विधिसम्मत कार्रवाई होगी।
इस बीच, झारखंड के खाद्य सुरक्षा विभाग ने आम जनता से अपील की है कि वे केवल प्रमाणित और सुरक्षित ब्रांडेड उत्पादों का ही उपयोग करें और किसी भी संदिग्ध या भ्रामक उत्पाद की जानकारी तुरंत विभाग को दें।