क्या उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली सरकार ने जम्मू-कश्मीर में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के लिए 124.83 करोड़ रुपए आवंटित किए?

सारांश
Key Takeaways
- जम्मू-कश्मीर सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 124.83 करोड़ रुपए का आवंटन किया।
- स्वास्थ्य मंत्री सकीना इटू ने इस बारे में जानकारी दी।
- केंद्र सरकार ने एमबीबीएस की 50 सीटें बढ़ाई हैं।
- जम्मू-कश्मीर में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 4 से 11 हो गई है।
- दूर-दराज के क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं अब अधिक सुलभ हैं।
श्रीनगर, 12 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में जम्मू कश्मीर सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे को सुधारने के लिए 124.83 करोड़ रुपए का आवंटन किया है। यह जानकारी जम्मू-कश्मीर की स्वास्थ्य मंत्री सकीना इटू ने शुक्रवार को दी।
स्वास्थ्य मंत्री सकीना इटू ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट 'एक्स' पर लिखा, "जैसा कि माननीय मुख्यमंत्री ने बजट भाषण में वादा किया था, हमने जम्मू-कश्मीर के स्वास्थ्य क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधारों के लिए 124.83 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। इनमें जीएमसी जम्मू में सीटी स्कैन, जीएमसी बरामूला, जीएमसी कठुआ और जीएमसी राजौरी में एमआरआई मशीनें, जीएमसी डोडा में कैथ लैब, जीएमसी श्रीनगर में पीईटी स्कैन, और जम्मू-कश्मीर भर में टेलीमेडिसिन को मजबूती प्रदान करना (80 यूनिटें) शामिल हैं।"
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार मजबूत और सुलभ स्वास्थ्य सेवाओं के लिए प्रतिबद्ध है।
केंद्र सरकार ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर में एमबीबीएस की 50 सीटें बढ़ाई हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि केंद्र शासित प्रदेश के दूर-दराज के इलाकों में भी प्रशिक्षित स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हों। पिछले 10 वर्षों में जम्मू-कश्मीर में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 4 से बढ़कर 11 हो गई है।
इन 11 मेडिकल कॉलेजों में प्रतिष्ठित शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज और एम्स जम्मू के साथ-साथ जीएमसी श्रीनगर, जीएमसी जम्मू जैसे कई अन्य सरकारी मेडिकल कॉलेज और अनंतनाग, बारामूला, कठुआ, राजौरी, डोडा, हंदवाड़ा और उधमपुर जैसे जिलों के अन्य मेडिकल कॉलेज शामिल हैं।
इन मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस सीटों की संख्या अब 1400 से अधिक है। जम्मू-कश्मीर के नर्सिंग कॉलेजों में सरकारी क्षेत्र में 1300 और निजी क्षेत्र में 2000 सीटें हैं।
जम्मू-कश्मीर के दूर-दराज के क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य सेवाएं व्याप्त हो गई हैं, जहां प्रशिक्षित चिकित्सा अधिकारियों के साथ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्थित हैं। प्रत्येक जिले में एक उप-जिला अस्पताल और एक जिला अस्पताल है, जहां ओपीडी और आंतरिक रोगी देखभाल सुविधाएं उपलब्ध हैं।