क्या मुख्तार अंसारी का बेटा उमर अंसारी गाजीपुर से कासगंज जेल में शिफ्ट हुआ?

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क्या मुख्तार अंसारी का बेटा उमर अंसारी गाजीपुर से कासगंज जेल में शिफ्ट हुआ?

सारांश

कुख्यात माफिया मुख्तार अंसारी का बेटा उमर अंसारी अब कासगंज जेल में अपने भाई अब्बास के साथ रहेंगे। यह स्थानांतरण उनके खिलाफ चल रहे कानूनी मामलों के बीच हुआ है। जानें इस बदलाव के पीछे की कहानी और इससे जुड़े अन्य महत्वपूर्ण तथ्य।

Key Takeaways

  • उमर अंसारी का कासगंज जेल में स्थानांतरण उनके परिवार के अन्य सदस्यों के साथ है।
  • उमर पर फर्जी दस्तावेज दाखिल करने का आरोप है।
  • अब्बास अंसारी को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है।
  • भड़काऊ भाषण का मामला चुनाव प्रचार से जुड़ा है।
  • कानून सभी के लिए समान है, चाहे वह किसी भी पृष्ठभूमि से हो।

लखनऊ, 23 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। कुख्यात माफिया और पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी को अब कासगंज जेल में रखा जाएगा, जहां वह अपने बड़े भाई अब्बास अंसारी के साथ रहेंगे। उमर को गाजीपुर जेल से शिफ्ट किया गया है, जहां वह पिछले कुछ समय से बंद था।

गाजीपुर जेल से शनिवार सुबह 5 बजे पुलिस की टीम उमर को लेकर कासगंज के लिए रवाना हुई। कासगंज जेल में अब्बास अंसारी भी बंद हैं, जो कई मामलों में अभियुक्त हैं। अब उमर को भी अब्बास के साथ कासगंज जेल में रहना होगा।

उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस महीने उमर अंसारी को गाजीपुर से गिरफ्तार किया था। उन पर कोर्ट में फर्जी दस्तावेज दाखिल करने का आरोप है। गिरफ्तारी की कार्रवाई 4 अगस्त को हुई थी।

उमर अंसारी को कासगंज शिफ्ट किया गया है, जबकि दो दिन पहले ही उसके भाई अब्बास के खिलाफ हाईकोर्ट ने दोषसिद्धि के फैसले को पलटा। 20 अगस्त को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अब्बास को राहत देते हुए भड़काऊ भाषण मामले में मऊ कोर्ट के फैसले को रद्द किया। इससे अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता बहाल करने का रास्ता साफ हो गया है।

31 मई को, मऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट ने अब्बास को दो साल की कैद की सजा सुनाई थी, जबकि उनके चुनाव एजेंट मंसूर को छह महीने की सजा दी गई। उमर को इस मामले में बरी कर दिया गया था। अब्बास और मंसूर दोनों पर जुर्माना भी लगाया गया था।

यह भड़काऊ भाषण का मामला 3 मार्च, 2022 को हुआ था, जब अब्बास अंसारी ने चुनाव प्रचार के दौरान सरकारी अधिकारियों को निशाना बनाते हुए भड़काऊ टिप्पणी की थी। उनके भाषण का वीडियो वायरल होने के बाद इंस्पेक्टर गंगाराम बिंद ने शिकायत दर्ज की थी।

Point of View

यह कहा जा सकता है कि उमर और अब्बास अंसारी के मामलों ने समाज में एक गंभीर संदेश दिया है। ये मामले न केवल व्यक्तिगत स्तर पर महत्वपूर्ण हैं, बल्कि यह भी प्रदर्शित करते हैं कि कानून सभी के लिए समान है।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

उमर अंसारी को क्यों शिफ्ट किया गया?
उमर अंसारी को गाजीपुर जेल से कासगंज जेल शिफ्ट किया गया है ताकि वह अपने बड़े भाई अब्बास के साथ रह सकें।
क्या अब्बास अंसारी को राहत मिली है?
हाँ, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अब्बास अंसारी की दोषसिद्धि को पलटा है, जिससे उनकी विधानसभा सदस्यता बहाल होने का रास्ता साफ हो गया है।