क्या गुजरात में 'आप' के निलंबित विधायक उमेश मकवाणा ने पार्टी के नेताओं पर गंभीर आरोप लगाया?

सारांश
Key Takeaways
- उमेश मकवाणा का पार्टी से निलंबन
- भाजपा के एजेंटों का आरोप
- भीमराव अंबेडकर के सिद्धांतों से भटकाव
- विधानसभा में जनता की आवाज उठाने का प्रयास
- आम आदमी पार्टी की स्थिति पर सवाल
गांधीनगर, 26 जून (राष्ट्र प्रेस)। आम आदमी पार्टी से निष्कासित विधायक उमेश मकवाणा ने पार्टी के कुछ नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि जैसे कांग्रेस में भाजपा के एजेंट हैं, उसी तरह अब 'आप' में भी ऐसे एजेंट घुसे हुए हैं जो भाजपा की भाषा बोलकर उन्हें बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं।
आम आदमी पार्टी के उच्च नेतृत्व ने पार्टी विरोधी और जनविरोधी गतिविधियों के कारण उमेश मकवाणा को पांच साल के लिए निलंबित करने का निर्णय लिया है। इस सूचना को आप की गुजरात इकाई के अध्यक्ष इसुदान गढ़वी ने सोशल मीडिया पर साझा किया है। इससे पहले, मकवाणा ने आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा
उमेश मकवाणा ने कहा, "कुछ दिनों से भाजपा के एजेंट आम आदमी पार्टी में घुसे हुए हैं। उनका प्रयास है कि मैं पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो जाऊं।"
उन्होंने आगे कहा, "मैंने 2020 में सत्ताधारी पार्टी को त्यागकर आम आदमी पार्टी जॉइन की थी। उस समय जब गुजरात में आप को कोई पहचानता भी नहीं था, तब मैंने भाजपा छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल होने का निर्णय लिया था। आज मुझे लगता है कि आम आदमी पार्टी भीमराव अंबेडकर के सिद्धांतों से भटक गई है। इसलिए मैंने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है।"
मकवाणा ने कहा, "आपने देखा होगा कि विधानसभा में आम आदमी पार्टी की ओर से गुजरात की जनता की आवाज बनकर सबसे अधिक प्रश्न मैंने उठाए हैं। महिलाओं पर अत्याचार के खिलाफ भी मैंने विधानसभा में आवाज उठाई है। शराब के मुद्दे पर या अन्य विषयों पर, मैंने सबसे अधिक सवाल उठाए हैं।"
उन्होंने कहा, "जातिवादी विचारधारा के लोग और भाजपा से आए एजेंट नहीं चाहते कि मैं आम आदमी पार्टी में रहूं। इसलिए मुझे निलंबित किया गया है।" उन्होंने यह भी कहा कि वे दो दिन बाद गुजरात की जनता के सामने कई मुद्दे प्रस्तुत करेंगे।