क्या ऊना में सियासी घमासान तेज हो रहा है: पूर्व विधायक रायजादा सतपाल सत्ती पर मानहानि का मुकदमा करेंगे?
सारांश
Key Takeaways
- पूर्व विधायक सतपाल सिंह रायजादा ने मानहानि का मुकदमा दायर करने का निर्णय लिया।
- भाजपा विधायक सतपाल सिंह सत्ती पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
- जिला प्रशासन की व्यवस्थाओं पर भी रायजादा ने सवाल उठाए हैं।
- इस विवाद का राजनीतिक माहौल पर गहरा असर हो सकता है।
- रायजादा ने प्रशासन से सुधार की मांग की है।
ऊना, 23 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। पूर्व कांग्रेस विधायक सतपाल सिंह रायजादा ने वर्तमान भाजपा विधायक सतपाल सिंह सत्ती के खिलाफ मानहानि का दावा करने का निर्णय लिया है।
पूर्व विधायक सतपाल सिंह रायजादा और भाजपा विधायक सतपाल सिंह सत्ती के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तेज हो गया है। रायजादा ने मंगलवार को जिला मुख्यालय स्थित सर्किट हाउस में एक प्रेस वार्ता के दौरान यह स्पष्ट किया कि वह विधायक सत्ती के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे।
उन्होंने बताया कि विधायक सतपाल सिंह को उन्होंने कानूनी नोटिस भेजा था, लेकिन इसके जवाब में सत्ती ने आरोपों से इनकार कर दिया। इसके बावजूद उनके बयान मीडिया और सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से फैल गए, जिससे रायजादा की छवि पर गहरा असर पड़ा। अब वह अदालत का दरवाजा खटखटाने जा रहे हैं।
इस मुद्दे के अलावा रायजादा ने जिला प्रशासन की व्यवस्थाओं पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने नो पार्किंग और नो वेंडिंग जोन को लेकर प्रशासन की आलोचना करते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की। सरकारी दुकानों के किराए और सबलेटिंग के मामलों पर भी उन्होंने प्रशासन को कठघरे में खड़ा किया और इन मुद्दों की जांच कर उचित कदम उठाने का आह्वान किया है।
पूर्व विधायक ने कहा कि जिला प्रशासन की लापरवाही के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। प्रशासन को जल्द से जल्द जनता की समस्याएं दूर करनी चाहिए।
विधायक सतपाल सिंह सत्ती पर निशाना साधते हुए रायजादा ने कहा कि अपने साले को गलत तरीके से दुकान दिलाई। इसको लेकर मैंने कई बार उच्च अधिकारियों को अवगत कराया था, लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
मामला 19 नवंबर को रायजादा के होटल के बाहर हुए गोलीकांड के बाद शुरू हुआ, जब विधायक सत्ती ने होटल पर वेश्यावृत्ति जैसे गंभीर आरोप लगाए। रायजादा ने इसे अपनी छवि धूमिल करने की साजिश बताया है और कहा है कि इन आरोपों से न केवल उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है, बल्कि यह पूरे राजनीतिक माहौल को भी विषाक्त कर दिया है।