क्या सीबीआई ने उन्नाव दुष्कर्म मामले में जमानत आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की?
सारांश
Key Takeaways
- सीबीआई ने जमानत आदेश को चुनौती दी।
- सेंगर की उम्रकैद की सजा निलंबित की गई थी।
- सेंगर को अन्य मामले में भी सजा का सामना करना है।
- सुप्रीम कोर्ट का फैसला महत्वपूर्ण होगा।
- उन्नाव दुष्कर्म मामला देशभर में चर्चित रहा।
नई दिल्ली, 26 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उन्नाव दुष्कर्म मामले में दोषी पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली हाईकोर्ट से मिली जमानत के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सीबीआई ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) प्रस्तुत की है, जिसमें उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसके तहत सेंगर की सजा को निलंबित करके उन्हें जमानत दी गई थी।
इस याचिका में, जो सीबीआई बनाम कुलदीप सिंह सेंगर के नाम से दायर की गई है, एजेंसी ने स्पष्ट किया है कि दिल्ली हाईकोर्ट का निर्णय गंभीर प्रश्न उठाता है और इसे सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देना आवश्यक है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने 23 दिसंबर को सेंगर की अपील लंबित रहने तक उनकी उम्रकैद की सजा को निलंबित कर दिया था और कुछ शर्तों के साथ जमानत दी थी।
हालांकि, इस राहत के बावजूद सेंगर अभी जेल में रहेंगे, क्योंकि वह एक अन्य सीबीआई मामले में 10 साल की सजा काट रहे हैं, जो हत्या से संबंधित है।
24 दिसंबर को सीबीआई ने स्पष्ट किया था कि वे इस फैसले को चुनौती देंगे।
कुलदीप सिंह सेंगर को दिसंबर 2019 में उन्नाव दुष्कर्म मामले में दोषी ठहराते हुए उम्रकैद और 25 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया था। इसके बाद सेंगर ने जनवरी 2020 में दिल्ली हाईकोर्ट में सजा के खिलाफ अपील दायर की और मार्च 2022 में सजा निलंबन की याचिका दाखिल की थी, जिसका सीबीआई और पीड़िता की ओर से अदालत में जोरदार विरोध किया गया।
उन्नाव दुष्कर्म मामला 2017 में सामने आया था, जिसने पूरे देश को हिला दिया था। लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद 2019 में अदालत ने कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। अब इस मामले में सभी की नजरें सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर हैं।