क्या यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर तेजी से निवेश और रोजगार के नए द्वार खोल रहा है?

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क्या यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर तेजी से निवेश और रोजगार के नए द्वार खोल रहा है?

सारांश

उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (यूपीडीआईसी) की तेजी से प्रगति, निवेश और रोजगार के नए अवसरों की संभावना को उजागर करती है। यह परियोजना राज्य की औद्योगिक अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रही है। जानिए इस कॉरिडोर के पीछे की कहानी और इसके भविष्य के प्रभाव।

Key Takeaways

  • यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में तेजी से प्रगति हो रही है।
  • अब तक 62 कंपनियों को भूमि आवंटित की जा चुकी है।
  • इस परियोजना से 14,256 से अधिक रोजगार की संभावना है।
  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे औद्योगिक विकास का प्रमुख आधार बताया है।
  • आने वाले समय में और भी बड़े निवेश की उम्मीद है।

लखनऊ, 12 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (यूपीडीआईसी) अब जमीन पर तेजी से आकार ग्रहण कर रही है। देश को रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई इस परियोजना में निवेश, भूमि आवंटन और एमओयू के मोर्चे पर महत्वपूर्ण प्रगति देखी गई है।

कॉरिडोर के छह नोड्स में कंपनियों को भूमि देना, बड़े औद्योगिक समूहों को आकर्षित करना और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में तेजी से यूपी अब गुजरात और तमिलनाडु जैसे पारंपरिक रक्षा विनिर्माण केंद्रों को कड़ी टक्कर दे रहा है। अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, अब तक कुल 62 कंपनियों को 977.54 हेक्टेयर से अधिक भूमि आवंटित की गई है, जिसमें 11,997 करोड़ रुपए का निवेश और 14,256 से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार सृजन की संभावना है। इसके अलावा 110 कंपनियों के साथ एमओयू की प्रक्रिया पाइपलाइन में है, जिससे लगभग 23,000 करोड़ रुपए का निवेश और 38,000 से ज्यादा रोजगार मिलने का अनुमान है।

एक अधिकारी ने बताया कि यूपी एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीईआईडीए) ने अलीगढ़, कानपुर, लखनऊ, झांसी, चित्रकूट और आगरा सहित सभी नोड्स में कुल 2,097 हेक्टेयर से अधिक भूमि को मंजूरी दी है, जिनमें 2,040 हेक्टेयर से ज्यादा का अधिग्रहण पूरा हो चुका है। वर्तमान में 1,598 हेक्टेयर से अधिक भूमि आवंटन के लिए उपलब्ध है। अलीगढ़ में सबसे ज्यादा 24 कंपनियों को प्लॉट मिले हैं, जबकि कानपुर में 210 हेक्टेयर के साथ सबसे बड़ी भूमि आवंटन प्रक्रिया पूरी हुई है।

झांसी में 17 कंपनियों को 571 हेक्टेयर और लखनऊ में 16 कंपनियों को 131 हेक्टेयर से अधिक भूमि का आवंटन किया गया है। अन्य नोड्स—चित्रकूट, आगरा और अलीगढ़ फेज-2—में भी आवंटन प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। कॉरिडोर के लिए अब तक कुल 197 एमओयू पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं, जिनमें से 172 औद्योगिक श्रेणी के हैं। इनकी कुल निवेश क्षमता 34,844 करोड़ रुपए है, जिससे लगभग 52,658 नौकरियां सृजित होने की उम्मीद है।

तेजी से प्रगति करते इस कॉरिडोर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न केवल 'मेक इन इंडिया' और 'एक जिला-एक उत्पाद' योजना से जोड़ा है, बल्कि इसे उत्तर प्रदेश की भविष्य की औद्योगिक अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख आधार भी बताया है। रक्षा विनिर्माण के क्षेत्र में यूपी की बढ़ती ताकत का सबसे बड़ा उदाहरण लखनऊ नोड में स्थापित ब्रह्मोस मिसाइल उत्पादन इकाई है, जिसका संचालन शुरू होना इस कॉरिडोर की रणनीतिक अहमियत को और पुख्ता करता है।

यूपीईआईडीए के एसीईओ एचपी शाही के अनुसार, आने वाले महीनों में कई और बड़े निवेश और औद्योगिक इकाइयों की घोषणा होने की संभावना है, जिससे यूपी का 'ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी' लक्ष्य और अधिक साकार होता दिखाई देगा।

Point of View

NationPress
12/12/2025

Frequently Asked Questions

यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इसका मुख्य उद्देश्य देश को रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है।
इस परियोजना से कितनी नौकरियां सृजित होने की उम्मीद है?
इस परियोजना से लगभग 52,658 नौकरियों के सृजन की संभावना है।
कितनी कंपनियों को भूमि आवंटित की गई है?
अब तक 62 कंपनियों को 977.54 हेक्टेयर से अधिक भूमि आवंटित की गई है।
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