क्या यूपी में निवेश की अपार संभावनाएं हैं? राकेश सचान ने सरकार के समर्थन की बात की

सारांश
Key Takeaways
- यूपी में निवेश की अपार संभावनाएं हैं।
- सरकार हर संभव मदद देने के लिए तत्पर है।
- भारत-रूस व्यापार संबंधों को नई ऊंचाई दी जा रही है।
- एमएसएमई क्षेत्र में 9 मिलियन इकाइयां कार्यरत हैं।
- ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट’ योजना स्थानीय उद्यमियों को मदद कर रही है।
ग्रेटर नोएडा, 26 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। "उत्तर प्रदेश में निवेश की अपार संभावनाएं हैं और राज्य सरकार निवेशकों को हरसंभव सहायता प्रदान करेगी।" यह बयान उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी, हथकरघा और वस्त्र मंत्री राकेश सचान ने दिया। उन्होंने यह बातें शुक्रवार को यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो के दूसरे दिन आयोजित भारत-रूस बिजनेस डायलॉग को संबोधित करते हुए कहीं।
मंत्री राकेश सचान ने रूस के अधिकारियों और व्यवसायियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह आयोजन दोनों देशों के कारोबारी संबंधों को नई ऊंचाई प्रदान करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी दृष्टिकोण से भारत एक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है, वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश निरंतर विकास के नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत के औद्योगिकीकरण के समर्थन से लेकर अब तक हमारी रणनीतिक साझेदारी रक्षा, ऊर्जा, अंतरिक्ष और अन्य क्षेत्रों में गहराई तक पहुंच चुकी है। हाल के वर्षों में यह साझेदारी और मजबूत हुई है और दोनों देशों के बीच व्यापार नई ऊंचाई पर पहुंच चुका है। भारत ने वर्ष 2025 तक रूस से अपने व्यापार को 30 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। सचान ने विश्वास व्यक्त किया कि यह लक्ष्य अवश्य प्राप्त होगा।
उन्होंने आगे कहा कि यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो के उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री मोदी ने एमएसएमई क्षेत्र की महत्ता पर विशेष ध्यान दिया था। उत्तर प्रदेश में देश की सबसे अधिक 9 मिलियन एमएसएमई इकाइयां कार्यरत हैं, जो राज्य की लगभग 15 प्रतिशत जनसंख्या को रोजगार देती हैं। ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट’ योजना ने स्थानीय कारीगरों और उद्यमियों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहुंचने का अवसर प्रदान किया है।
मंत्री राकेश सचान ने कहा कि उत्तर प्रदेश 25 करोड़ से अधिक की जनसंख्या वाला एक विशाल बाजार है, जो निवेशकों को स्थायी अवसर प्रदान करता है। यहां उद्योगों को उत्पादन और उपभोग दोनों स्तर पर मजबूती मिलती है। उन्होंने रूस से आग्रह किया कि अपनी उन्नत प्रौद्योगिकी के माध्यम से प्रदेश की औद्योगिक प्रगति में सहयोग करें।
उन्होंने कहा कि यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो केवल एक मेला नहीं है, बल्कि यह राष्ट्र और राज्य के विकास को नए क्षितिज से जोड़ने का प्रयास है। उन्होंने विश्वास जताया कि इस आयोजन से भारत-रूस कारोबारी रिश्ते और प्रगाढ़ होंगे तथा निवेश और रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।
इस व्यापार संवाद का शुभारंभ उत्तर प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार ने किया। इस अवसर पर इन्वेस्ट यूपी पर आधारित एक शॉर्ट मूवी भी प्रदर्शित की गई। कार्यक्रम का संचालन रूस की डेप्युटी हेड ऑफ द इकोनॉमिक डिपार्टमेंट ज्लाटा अंटुशेवा ने किया और स्वागत भाषण डेप्युटी ट्रेड कमिश्नर डॉ. इवगेनी जेंचेंको ने दिया।
बातचीत में पैरामाउंट कम्युनिकेशन के एमडी संदीप अग्रवाल ने कहा कि भारत और रूस एक-दूसरे के विश्वसनीय साथी हैं। भारत तेजी से एक आर्थिक महाशक्ति बनता जा रहा है और पावर, टेलीकॉम, ऊर्जा से लेकर रक्षा तक दोनों देशों के बीच मजबूत कारोबारी संबंध हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय उद्योग ‘कास्ट इफेक्टिव और रिलायबल’ है और फार्मास्युटिकल सेक्टर में सहयोग के जरिए नई उपलब्धियां हासिल की जा सकती हैं।
रूस की प्रतिनिधि ज्लाटा अंटुशेवा ने कहा कि भविष्य में हमारे कारोबारी रिश्ते और अधिक गहरे होंगे। वहीं, डॉ. अजय सहाय ने कहा कि भारत-रूस संबंध केवल व्यापार तक सीमित नहीं हैं बल्कि मार्केट एक्सेस, शिपिंग रूट और इंश्योरेंस जैसे क्षेत्रों में भी चुनौतियां और अवसर मौजूद हैं। पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स के विशाल ढींगरा ने एमएसएमई क्षेत्र में सहयोग की उम्मीद व्यक्त की।
वहीं संगठन के पदाधिकारी विवेक अग्रवाल ने कहा कि यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो भारत-रूस रिश्तों के लिहाज से एक अत्यंत महत्वपूर्ण आयोजन है। उन्होंने दावा किया कि उत्तर प्रदेश अब एक उत्तम प्रदेश बन चुका है और यहां निवेश की अपार संभावनाएं मौजूद हैं।