क्या यूपी के छह जिलों की 7273.35 लाख रुपए की परियोजनाओं को हरी झंडी मिली?
सारांश
Key Takeaways
- 7273.35 लाख रुपए की परियोजनाओं को मंजूरी
- शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार
- भारत सरकार को भेजे जाने वाले प्रस्ताव
- जनजातीय और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए महत्वपूर्ण
लखनऊ, 5 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव एसपी गोयल की अध्यक्षता में आयोजित कार्यकारी समिति की महत्वपूर्ण बैठक में शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे से संबंधित 7273.35 लाख रुपए की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। ये प्रस्ताव अब अंतिम स्वीकृति और धनराशि निर्गमन के लिए भारत सरकार को भेजे जाएंगे। मुख्य सचिव ने पहले से स्वीकृत प्रस्तावों की अद्यतन प्रगति की समीक्षा की और बाकी कार्यों को गुणवत्ता के साथ समयबद्ध तरीके से पूरा करने के निर्देश दिए।
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि भारत सरकार को भेजे जाने वाले सभी प्रस्ताव पूरी तरह से परिपक्व और आवश्यक मानकों के अनुसार होने चाहिए। अनुमोदित प्रस्तावों में जनपद ललितपुर के बानपुर में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय के संचालन के लिए फर्नीचर और उपकरणों की व्यवस्था, अपूर्ण बालक छात्रावास और 12 आवासों के निर्माण के लिए 674.29 लाख रुपए शामिल हैं।
इसी प्रकार, बलरामपुर जनपद में थारू विकास परियोजना के तहत विशुनपुर विश्राम में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए फर्नीचर और अन्य सामग्री की व्यवस्था हेतु 36.91 लाख रुपए की स्वीकृति दी गई। सोनभद्र के चोपन, म्योरपुर और दुद्धी विकास खंडों के 71 कार्यों के लिए 4368.12 लाख रुपए की मंजूरी दी गई है, जिनमें इंटरलॉकिंग/सीसी रोड का निर्माण प्रमुख है।
लखीमपुर खीरी के पलिया विकासखंड के दो ग्रामों में इंटरलॉकिंग रोड निर्माण के लिए 375.01 लाख रुपए, चंदौली के सकलडीह व चहनियां विकासखंडों के 12 कार्यों—सीसी रोड और सोलर लाइट—के लिए 227.48 लाख रुपए तथा बहराइच के मिहींपुरवा विकासखंड के आठ ग्रामों में सीसी रोड और नाली निर्माण हेतु 1591.54 लाख रुपए के प्रस्ताव भी अनुमोदित किए गए। इन प्रस्तावों को अब अंतिम स्वीकृति और धनराशि निर्गमन के लिए भारत सरकार को भेजा जाएगा।
अधिकारियों के अनुसार, इन परियोजनाओं से प्रदेश के जनजातीय और ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, संपर्क मार्ग और मूलभूत अधोसंरचना के विकास को नई दिशा मिलेगी। ध्यान दें कि संविधान के अनुच्छेद 275(1) के तहत जनजातीय कार्य मंत्रालय को भेजे जाने वाले प्रस्तावों को मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली कार्यकारी समिति के अनुमोदन के बाद ही अग्रसारित किए जाने का प्रावधान है।