क्या यूपी में घुमंतू जातियों के लिए गठित होगा बोर्ड? : सीएम योगी

सारांश
Key Takeaways
- प्रदेश सरकार ने घुमंतू जातियों के लिए विशेष बोर्ड का गठन करने की घोषणा की है।
- इन जातियों को कॉलोनी और मकान उपलब्ध कराने की योजना बनाई जा रही है।
- सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में भी कई योजनाएं लागू की हैं।
- विमुक्त जातियों को अब जमीन के पट्टे और मतदान अधिकार भी मिलेंगे।
- समाज में समान अवसर और विकास के लिए यह कदम महत्वपूर्ण है।
लखनऊ, 31 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को विमुक्त व घुमंतू जातियों के कल्याणार्थ आयोजित 'विमुक्त जाति दिवस' समारोह में भाग लेते हुए एक महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार घुमंतू और विमुक्त जातियों के कल्याण के लिए एक विशेष बोर्ड का गठन करेगी। इसके साथ ही इन जातियों के लोगों को कॉलोनी और मकान उपलब्ध कराने की योजना पर भी काम किया जाएगा।
सीएम योगी ने 'विमुक्त जाति दिवस' पर सभी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि नट, बंजारा, बावरिया, सासी, कंजड़, कालबेलिया, सपेरा और जोगी जैसी जातियां वीरता के प्रतीक हैं जिन्होंने विदेशी आक्रमणों के समय लड़ाई लड़ी।
उन्होंने कहा कि इन जातियों ने मुगलों और अंग्रेजों के खिलाफ अदम्य साहस के साथ संघर्ष किया। अंग्रेजों ने इनके साहस से भयभीत होकर वर्ष 1871 में क्रिमिनल ट्राइब्स एक्ट लागू किया और इन्हें जन्म से ही अपराधी घोषित कर दिया। स्वतंत्रता के बाद भी 1952 तक यह कलंक इन पर बना रहा। बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के प्रयासों से 31 अगस्त 1952 को इन जातियों को इस कलंक से मुक्ति मिली।
उन्होंने कहा कि 'विमुक्त जाति दिवस' उस ऐतिहासिक पल की याद दिलाता है, जब इन समुदायों को आजादी का महत्व समझ आया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 11 वर्षों में केंद्र और राज्य सरकार विमुक्त और घुमंतू जातियों के कल्याण के लिए गंभीरता से कार्य कर रही है। प्रदेश में शिक्षा और आवास की दिशा में कई योजनाएं लागू की गई हैं।
सीएम योगी ने कहा कि 9 जनपदों में जय प्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालय संचालित हो रहे हैं, दो आवासीय आश्रम पद्धति विद्यालय शुरू हो चुके हैं, जबकि 101 आवासीय विद्यालय पहले से चल रहे हैं। यहां छात्रों को रहने, खाने से लेकर यूनिफॉर्म तक की व्यवस्था सरकार द्वारा की जा रही है। इसके अलावा 264 राजकीय अनुसूचित जाति छात्रावासों में विमुक्त जातियों के बच्चों के लिए विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
मुख्यमंत्री ने वनटांगिया समाज का उदाहरण देते हुए कहा कि हमारी सरकार ने उन्हें राजस्व गांव का दर्जा और मताधिकार प्रदान किया, उनके लिए स्कूल, अस्पताल और घर बनाए। इसी तरह मुसहर, कोल, थारू, गौड़, चेरो और सहरिया जातियों के लिए भी योजनाएं संचालित की गई हैं। कुम्हार, निषाद और राजभर समाज को भी सरकारी योजनाओं का लाभ दिया गया है।
उन्होंने कहा कि अब विमुक्त और घुमंतू जातियों को भी जमीन के पट्टे और मतदान की सुविधाएं दी जाएंगी। इस संबंध में उन्होंने समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण से मंच पर कहा कि घुमंतू जातियों के लिए बोर्ड का गठन किया जाए। उन्होंने आश्वासन दिया कि जैसे शामली और वनटांगिया का मॉडल बना, उसी प्रकार घुमंतू जातियों के लिए भी योजनाएं लागू की जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्रदेश की पुलिस भर्ती में घुमंतू जातियों से जुड़े कई युवक-युवतियों का चयन हुआ है, जो इस बात का प्रमाण है कि सरकार बिना भेदभाव के सभी वर्गों को समान अवसर प्रदान कर रही है।