क्या उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने गोपाल खेमका के परिजनों से मुलाकात की और अपराधियों को नहीं बख्शने का आश्वासन दिया?

सारांश
Key Takeaways
- गोपाल खेमका की हत्या ने बिहार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।
- उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने परिवार से मिलकर आश्वासन दिया कि अपराधियों को नहीं बख्शा जाएगा।
- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है।
- बिहार पुलिस को सख्त कार्रवाई के लिए पूरी छूट दी गई है।
- जनसुराज पार्टी के अध्यक्ष ने सरकार पर निशाना साधा।
पटना, 5 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार की राजधानी पटना के गांधी मैदान क्षेत्र में व्यवसायी और उद्योगपति गोपाल खेमका की गोली मारकर हत्या की घटना ने कानून व्यवस्था पर फिर से सवाल उठा दिए हैं। इस संदर्भ में, बिहार के उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने गोपाल खेमका के निवास जाकर शोक संतप्त परिवार से मुलाकात की।
उन्होंने इस अवसर पर कहा कि अपराधी किसी भी स्थिति में बख्शे नहीं जाएंगे। विजय सिन्हा ने दावा किया कि अपराधियों की पहचान कर ली गई है। शोक संतप्त परिवार से मिलने के बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि गोपाल खेमका की हत्या केवल एक हत्या नहीं, बल्कि कानून व्यवस्था को चुनौती देने का प्रयास है। जो भी इस जघन्य कृत्य में शामिल हैं, चाहे वे धरती के किसी कोने में छिपे हों या पाताल में, उन्हें खींचकर निकाला जाएगा।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि इस घटना का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वयं संज्ञान लिया है। लापरवाह पुलिस अधिकारी भी बख्शे नहीं जाएंगे। गैर जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों को क्षेत्र से हटाने के लिए वे खुद मुख्यमंत्री से मिलेंगे और इस पर चर्चा करेंगे। यह घटना निंदनीय है। सरकार इस घटना को पूरी गंभीरता से ले रही है।
उन्होंने कहा कि किसी की हत्या होना हमें मर्माहत करता है। जरूरत पड़ी तो एनकाउंटर भी होगा और यदि अपराधियों के घर पर बुलडोजर चलाना पड़े तो प्रशासन पीछे नहीं हटेगा। बिहार पुलिस और प्रशासन को पूरी छूट दी गई है। अब कोई राजनीतिक या कानूनी ढाल नहीं, केवल कठोरतम कार्रवाई होगी। सरकार अपराध को स्वीकार नहीं कर सकती, एक्शन होगा।
इधर, जनसुराज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि यह घटना बहुत दुखद है। बिहार में अब कुछ बचा नहीं है। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अब मुख्यमंत्री को अपनी निद्रा से उठना चाहिए। बिहार में सामान्य नागरिक को जीने का अधिकार दे दें, कानून व्यवस्था तो अब बड़ी बात हो गई है।