क्या यूपी पुलिस ने रोहिंग्या और बांग्लादेशियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की?
सारांश
Key Takeaways
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर कार्रवाई शुरू हुई।
- संदिग्ध विदेशी नागरिकों की तत्काल सूची बनाई जाएगी।
- डिटेंशन सेंटरों में अवैध निवासियों को रखा जाएगा।
- सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे।
- सरकार का इरादा घुसपैठियों को बख्शना नहीं है।
लखनऊ, ३ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने राज्य में अवैध रूप से निवास कर रहे रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ कठोर कदम उठाने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के १७ नगर निकायों को यह निर्देश दिया है कि वे अपने क्षेत्र में कार्यरत सभी संदिग्ध विदेशी नागरिकों की तत्काल सूची बनाएं।
सरकार का उद्देश्य है कि किसी भी घुसपैठिए को जो फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से यूपी में रहने की कोशिश कर रहा है, बख्शा न जाए। राज्यभर के कमिश्नरों और पुलिस महानिरीक्षकों को पहले चरण में डिटेंशन सेंटर स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं। इन सेंटरों में अवैध रूप से निवास करने वाले व्यक्तियों को तब तक रखा जाएगा, जब तक कि उनकी मूल देश में वापसी की प्रक्रिया पूरी न हो जाए।
जिलों में खाली सरकारी भवनों, सामुदायिक केंद्रों, पुलिस लाइनों और थानों को चिन्हित किया जा रहा है। इन स्थानों को हाई सिक्योरिटी जोन के रूप में विकसित किया जाएगा, ताकि घुसपैठियों पर निगरानी रखी जा सके। सरकार ने यह भी पाया है कि कई रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिक भारतीय पहचान पत्र बनाकर खुद को स्थानीय नागरिक बताने का प्रयास कर रहे थे। इसी कारण सभी संदिग्ध दस्तावेजों का बड़े पैमाने पर सत्यापन शुरू किया गया है।
उत्तर प्रदेश में अन्य राज्यों की तरह डिटेंशन सेंटर को प्रशासन और पुलिस की संयुक्त निगरानी में चलाया जाएगा।
ज्ञात हो कि बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिकों द्वारा भारतीय नागरिकता के दस्तावेज बनाने के कारण उनका सत्यापन किया जा रहा है। डिटेंशन सेंटरों पर खाने-पीने और चिकित्सा की सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाती हैं। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम भी किए जाते हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसकी मानक संचालन प्रक्रिया सभी राज्यों को भेजी है, जिसके बाद अब यूपी में भी अन्य राज्यों की तरह डिटेंशन सेंटर बनाए जा रहे हैं।