क्या बाराबंकी में रामस्वरूप विश्वविद्यालय पर प्रशासन का बुलडोजर चला?

सारांश
Key Takeaways
- बुलडोजर कार्रवाई प्रशासन की अतिक्रमण के खिलाफ सख्ती का संकेत है।
- स्थानीय लोगों की शिकायतों के आधार पर कार्रवाई की गई।
- एनिमल हाउस का ध्वस्त होना विश्वविद्यालय परिसर में अफरातफरी का कारण बना।
- अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने इस मामले में विरोध प्रदर्शन किया।
- आने वाले समय में अन्य अतिक्रमण पर भी कार्रवाई की संभावना है।
बाराबंकी, 6 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में श्री रामस्वरूप विश्वविद्यालय पर शनिवार को प्रशासन ने बुलडोजर चलाया। दोपहर तक परिसर के गेट के बाहर खड़े बुलडोजरों को करीब तीन बजे विश्वविद्यालय के अंदर ले जाया गया और सबसे पहले फार्मेसी विभाग के एनिमल हाउस को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया। इस कार्रवाई से विश्वविद्यालय परिसर में हड़कंप मच गया।
प्रशासनिक टीम की निगरानी में हुई इस कार्रवाई के दौरान भारी पुलिस बल तैनात किया गया, जिसने परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया। मौके पर नवाबगंज के एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व विभाग की टीम और नगर कोतवाली पुलिस मौजूद थे।
राजस्व कर्मचारियों ने दस्तावेजों और पैमाइश के आधार पर कार्रवाई की पुष्टि की। कॉलेज के फार्मेसी विभाग के एनिमल हाउस को खाली कराकर उसे ध्वस्त कर दिया गया। इस दौरान विश्वविद्यालय प्रशासन और कर्मचारियों में अफरातफरी का माहौल बना रहा।
श्री रामस्वरूप विश्वविद्यालय पर 2013 से ही सरकारी जमीन और तालाब पर कब्जे के आरोप लगते रहे हैं। स्थानीय ग्राम प्रधान की शिकायत के बाद राजस्व विभाग ने जांच शुरू की थी।
जांच में अतिक्रमण की पुष्टि होने पर तहसीलदार कोर्ट ने विश्वविद्यालय पर जुर्माना लगाया और अतिक्रमित संरचनाओं को हटाने का आदेश दिया। इसके बावजूद कार्रवाई में देरी के चलते स्थानीय लोगों और संगठनों में नाराजगी बढ़ती जा रही थी।
बीते सोमवार को विश्वविद्यालय परिसर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं और छात्रों ने अतिक्रमण के खिलाफ प्रदर्शन किया था। इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिसने मामले को और गरमा दिया।
एबीवीपी ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर सरकारी जमीन पर कब्जे का आरोप लगाते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की थी। इन प्रदर्शनों और बढ़ते दबाव के बीच प्रशासन ने शनिवार को बुलडोजर कार्रवाई शुरू की।
एनिमल हाउस के ध्वस्त होने के बाद प्रशासन ने साफ संदेश दिया है कि अतिक्रमण के खिलाफ सख्ती बरती जाएगी।
मिली जानकारी के अनुसार, यह कार्रवाई महज शुरुआत है। आने वाले दिनों में विश्वविद्यालय परिसर में अन्य अतिक्रमित संरचनाओं पर भी बुलडोजर चल सकता है।