क्या उत्तर प्रदेश के कई शहरों में बाढ़ जैसे हालात भाजपा के भ्रष्टाचार को उजागर करते हैं?

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क्या उत्तर प्रदेश के कई शहरों में बाढ़ जैसे हालात भाजपा के भ्रष्टाचार को उजागर करते हैं?

सारांश

उत्तर प्रदेश के कई शहरों में बाढ़ जैसे हालात भाजपा पर आरोप लगाते हैं। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने भाजपा के भ्रष्टाचार का खुलासा किया है। जानिए इस पर उनका क्या कहना है।

Key Takeaways

  • उत्तर प्रदेश के शहरों में बाढ़ जैसी स्थिति गंभीर समस्या है।
  • भाजपा पर भ्रष्टाचार के आरोपों में बढ़ोतरी हुई है।
  • जल निकासी की व्यवस्था को सुधारने की जरूरत है।
  • राजनीतिक दलों को जनता की समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए।
  • सांस्कृतिक धरोहर की सुरक्षा पर ध्यान देना आवश्यक है।

लखनऊ, 6 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने उत्तर प्रदेश के कई शहरों में बाढ़ जैसे हालात को लेकर भाजपा पर तीखा हमला किया है। उन्होंने कहा कि यह भाजपा के भ्रष्टाचार की स्पष्ट तस्वीर पेश करता है।

फखरुल हसन चांद ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने स्मार्ट शहरों का जो सपना दिखाया था, वह आज कहां है? लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी और गोरखपुर जैसे प्रमुख शहरों में जलभराव की समस्या सामने आ रही है, जो किसी न किसी रूप में भाजपा के भ्रष्टाचार का संकेत है। वाराणसी और प्रयागराज को स्मार्ट सिटी का दर्जा देने के नाम पर खरबों रुपये खर्च किए गए हैं, फिर भी जल निकासी की उचित व्यवस्था नहीं है। यह भाजपा का भ्रष्टाचार ही है जो जलभराव के रूप में उभरकर सामने आया है।

फखरुल हसन चांद ने आगे कहा कि एक भाजपा प्रवक्ता को महाराष्ट्र में न्यायाधीश नियुक्त करने के मामले में कथित तौर पर सिफारिश की गई है। यह एक गंभीर मसला है। यदि भाजपा प्रवक्ता या सदस्य बनना न्यायाधीश बनने की योग्यता बन जाता है, तो यह बेहद चिंता का विषय है। देश की सर्वोच्च अदालत को इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। जहां तक राहुल गांधी पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का सवाल है, समाजवादी पार्टी इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहती।

उन्होंने यह भी कहा कि कोई व्यक्ति किसी विचारधारा से प्रभावित नहीं होता। हर जगह पर सभी विचारधाराओं के लोग होते हैं। यह कहना कि एक विचारधारा के लोग एक ही जगह होंगे, यह संभव नहीं है। देश की न्यायपालिका में संविधान और कानून पर निर्णय होता है।

उन्होंने उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया। हसन चांद ने कहा कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा था कि लोहिया जी ने हिमालय, पहाड़ों और नदियों की सुरक्षा की बात कही थी। भविष्य के लिए पहाड़ों को संरक्षित करना आवश्यक है। सपा इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त करती है और उन परिवारों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करती है जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है। सरकार से उम्मीद करते हैं कि राहत और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी रहेगा।

चांद ने गुजरात में यूसीसी पर कहा कि यह मुद्दा हिंदू-मुसलमान, लव जिहाद और मदरसा भाजपा के एजेंडे में शामिल हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि भाजपा के एजेंडे में रोजगार क्यों नहीं है। गुजरात में बेरोजगारी और महंगाई बढ़ रही है। जिन राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं वहां की सरकारें पूरी तरह से विफल साबित हो रही हैं।

उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ की धमकी पर कहा कि अमेरिका वैश्विक बाजार पर अपना वर्चस्व स्थापित करना चाहता है। अमेरिका की दादागिरी सभी राष्ट्र देख रहे हैं, लेकिन हमें अपनी विदेश नीति पर भी ध्यान देना चाहिए। अमेरिका के राष्ट्रपति लगातार भारत पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं, इससे निपटने का उपाय सरकार को निकालना चाहिए। इस मुद्दे पर अमेरिका से बातचीत की आवश्यकता है, क्योंकि संवाद ही समाधान है।

बंगाल में भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी के काफिले पर हुई घटना पर उन्होंने कहा कि सपा किसी भी प्रकार की हिंसा का समर्थन नहीं करती है। शुभेंदु के साथ जो घटना हुई वह दुखद है। शुभेंदु अधिकारी के कई वीडियो सामने आए हैं, जिनमें वह कार्यकर्ताओं से कई बार बहस कर लेते हैं। यह किसी विपक्ष के जिम्मेदार नेता की भूमिका नहीं होती। शुभेंदु अधिकारी को अपने आचरण में सुधार करना चाहिए।

Point of View

वहीं ऐसी स्थितियों में भ्रष्टाचार की बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। सभी राजनीतिक दलों को अपने कार्यों पर ध्यान देने की जरूरत है ताकि जनता की समस्याओं का समाधान हो सके।
NationPress
06/08/2025

Frequently Asked Questions

उत्तर प्रदेश में बाढ़ की समस्या का मुख्य कारण क्या है?
उत्तर प्रदेश में बाढ़ की समस्या का मुख्य कारण जल निकासी की उचित व्यवस्था का अभाव है।
भाजपा पर भ्रष्टाचार के आरोप क्यों लगाए जा रहे हैं?
भाजपा पर भ्रष्टाचार के आरोप इसलिए लगाए जा रहे हैं क्योंकि स्मार्ट सिटी परियोजनाओं के लिए खर्च किए गए धन का सही उपयोग नहीं हो रहा है।