क्या उत्तराखंड आपदा पर एसटी हसन का बयान निंदनीय है?: वसीम खान

सारांश
Key Takeaways
- एसटी हसन का विवादास्पद बयान राजनीतिक तनाव का कारण बना।
- भाजपा कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन कर अपनी नाराजगी जताई।
- वसीम खान ने इसे निंदनीय बताया।
- समाजवादी पार्टी को कार्रवाई करने का अल्टीमेटम दिया गया है।
- यह बयान देश की एकता को प्रभावित कर सकता है।
मुंबई, 10 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड में आई आपदा पर समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद एसटी हसन के विवादास्पद बयान ने राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया है। उनके इस बयान के खिलाफ भाजपा कार्यकर्ताओं ने मुंबई में प्रदर्शन किया। इस दौरान एसटी हसन के पोस्टर जलाए गए और फाड़े गए, साथ ही उनके खिलाफ नारेबाजी भी की गई।
वसीम खान, भाजपा नेता, ने एसटी हसन के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस प्रकार की बयानबाजी किसी भी समय में निंदनीय होती है।
उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान कहा कि उत्तराखंड में आई धराली त्रासदी से पूरा देश दुखी है, सैकड़ों परिवार प्रभावित हुए हैं, कई लोग मारे गए हैं और कई लापता हैं। ऐसे समय में राजनीतिक बयानबाजी करना बेहद आलोचना का विषय है। एसटी हसन का बयान देश को दो हिस्सों में बांटने की कोशिश है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। समाजवादी पार्टी और उनके नेता जिन्ना जैसी सोच को बढ़ावा दे रहे हैं, जो अस्वीकार्य है।
उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' के सिद्धांत पर आगे बढ़ रहा है, और यहां इस तरह की सोच के लिए कोई स्थान नहीं है। यदि समाजवादी पार्टी अगले तीन दिनों में एसटी हसन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करती और वे माफी नहीं मांगते, तो उनके कार्यालय का घेराव किया जाएगा। इसके साथ ही महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अबू आजमी के घर का भी घेराव किया जाएगा।
एसटी हसन ने उत्तराखंड के उत्तरकाशी में आई प्राकृतिक आपदा को लेकर विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थलों पर बुलडोजर चलाने से यह आपदा आई है। हमें यह सोचने की आवश्यकता है कि ये आपदाएं क्यों आ रही हैं। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में दूसरे धर्मों का सम्मान नहीं किया जा रहा है। किसी भी धार्मिक स्थल पर बुलडोजर नहीं चलाना चाहिए। जब सृष्टि का संचालन करने वाले का न्याय होता है, तो कोई भी व्यक्ति अपनी रक्षा नहीं कर सकता।