क्या उत्तराखंड में बेलगाम अफसरशाही पर अजय भट्ट का गुस्सा उचित है?

सारांश
Key Takeaways
- अफसरशाही का बेलगाम होना समस्या है।
- जनप्रतिनिधियों का अपमान अस्वीकार्य है।
- मुख्यमंत्री को प्रशासनिक स्वायत्तता पर ध्यान देना चाहिए।
- आपदा प्रबंधन में केंद्र और राज्य का सहयोग आवश्यक है।
- वीडियो ने प्रशासनिक मुद्दों को उजागर किया है।
हल्द्वानी, 17 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड में अफसरशाही का बेलगाम मामला एक बार फिर चर्चा में है। हाल ही में मसूरी विधायक और कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें वे देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल से आपदा निरीक्षण के दौरान भिड़ते हुए दिखाई दिए। वीडियो में जोशी डीएम पर उनका फोन न उठाने का आरोप लगाते हैं, लेकिन बंसल इसे अनसुना कर आगे बढ़ जाते हैं। नैनीताल सांसद और केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने बुधवार को इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाया।
अजय भट्ट ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा, "कुछ अधिकारी जानबूझकर जनप्रतिनिधियों के फोन नहीं उठाते, जो अस्वीकार्य है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इसकी पूरी जानकारी है, और मुझे विश्वास है कि उन्होंने इसका संज्ञान लिया होगा।" भट्ट ने चेतावनी दी कि यदि कोई अधिकारी जानबूझकर अपमान करता है, तो जनप्रतिनिधि विशेषाधिकार हनन के तहत कार्रवाई कर सकते हैं। उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री गलत रवैये वाले अधिकारियों पर नजर रख रहे हैं। कुछ विवाद संयोगवश होते हैं, लेकिन ऐसे मामलों को सीएम गंभीरता से लेते हैं।"
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री का अत्यधिक हस्तक्षेप उचित नहीं होगा, क्योंकि यह प्रशासनिक स्वायत्तता को प्रभावित कर सकता है। फिर भी, जनप्रतिनिधियों का सम्मान और जनता की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता होनी चाहिए।
देहरादून और मसूरी में हाल की आपदा का जिक्र करते हुए भट्ट ने कहा कि केंद्र सरकार उत्तराखंड के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। सोमवार रात देहरादून के सहस्त्रधारा में बादल फटने से भारी तबाही मची, जिसमें टपकेश्वर महादेव मंदिर डूब गया और कई लोग लापता हो गए। मसूरी में भी एक मजदूर की मौत की खबर है। भट्ट ने कहा, "केंद्र सरकार आपदा प्रबंधन में हर संभव मदद दे रही है। मुख्यमंत्री धामी जीरो ग्राउंड पर राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं, जिससे पीड़ितों को तुरंत सहायता मिल रही है।"
उन्होंने सीएम धामी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि आपदा के वक्त केंद्र और राज्य सरकार मिलकर काम कर रही है।