क्या उत्तराखंड में भूस्खलन पर सभी एजेंसियां हैं अलर्ट?

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क्या उत्तराखंड में भूस्खलन पर सभी एजेंसियां हैं अलर्ट?

सारांश

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार में भूस्खलन की स्थिति पर सभी एजेंसियों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया। उन्होंने तुष्टिकरण की राजनीति पर विपक्ष पर भी निशाना साधा। जानिए उनकी प्रमुख बातें और राहत कार्यों की तैयारियों के बारे में।

Key Takeaways

  • मुख्यमंत्री ने सभी एजेंसियों को अलर्ट रहने के लिए कहा।
  • तुष्टिकरण की राजनीति पर विपक्ष को घेरा।
  • भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों की तैयारी जारी है।
  • अधिकारियों को 1905 सीएम हेल्पलाइन की निरंतर समीक्षा के निर्देश।
  • बरसात समाप्त होने पर सड़क और बिजली लाइनों की मरम्मत सुनिश्चित की जाएगी।

हरिद्वार, 4 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को हरिद्वार का दौरा किया, जहाँ उन्होंने भूपतवाला स्थित ब्रह्मा निवास आश्रम में आयोजित 50वें निर्वाण दिवस समागम कार्यक्रम में भाग लिया। इस मौके पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने भूस्खलन के संदर्भ में आयोजित मीटिंग की जानकारी दी। साथ ही, उन्होंने तुष्टिकरण की राजनीति पर विपक्ष को आड़े हाथों लिया।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा, "आपदा प्रबंधन विभाग, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों को पूरी तरह अलर्ट मोड पर रखा गया है। सोमवार सुबह सभी जिलाधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक निर्देश दिए गए हैं और सभी एजेंसियां समन्वय के साथ राहत और बचाव कार्यों में जुटी हैं।"

विधायक जितेंद्र आव्हाड के विवादास्पद बयान पर भी मुख्यमंत्री धामी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि माननीय न्यायालय ने इस पर स्पष्ट निर्णय सुनाया है और यह स्पष्ट हो गया है कि पूर्व की सरकार ने तुष्टिकरण की राजनीति करते हुए समाज सेवा में लगे लोगों को फंसाने का कार्य किया।

सीएम धामी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि तुष्टिकरण हमेशा उनकी नीति रही है, लेकिन अब न्याय की जीत हुई है और सच्चाई सामने आ चुकी है।

उन्होंने मीटिंग की तस्वीर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा करते हुए लिखा, "शासकीय आवास पर बैठक के दौरान सभी जिलाधिकारियों को भारी बारिश को देखते हुए अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए। अधिकारियों को कहा गया कि नदियों के जलस्तर की निरंतर मॉनिटरिंग की जाए और भूस्खलन तथा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में निवास करने वालों को सुरक्षित स्थान पर भेजा जाए। प्रदेश के सभी जनपदों में स्थित जिला, सीएचसी एवं पीएचसी अस्पतालों का औचक निरीक्षण कर यह सुनिश्चित किया जाए कि लोगों को समय पर सभी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हों। अधिकारियों को स्कूलों के निरीक्षण के निर्देश भी दिए गए।"

उन्होंने आगे लिखा, "बरसात समाप्त होते ही अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त सड़क, पेयजल एवं बिजली लाइनों की मरम्मत सुनिश्चित की जाए और ग्राम तथा तहसील स्तर पर रात्रि प्रवास प्रारंभ कर लोगों की समस्याएं सुनने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। अधिकारियों को ऑपरेशन कालनेमि के तहत अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई को तेज करने और 1905 सीएम हेल्पलाइन की निरंतर समीक्षा करने के लिए भी निर्देशित किया।"

Point of View

उत्तराखंड की सरकार ने भूस्खलन और आपदा प्रबंधन के प्रति सजगता दिखाई है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है, खासकर जब भारी बारिश की संभावना हो। विपक्ष की तुष्टिकरण की राजनीति को लेकर मुख्यमंत्री का सख्त रुख दर्शाता है कि सरकार जनता की भलाई के लिए प्रतिबद्ध है।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

उत्तराखंड में भूस्खलन के लिए सरकार ने क्या कदम उठाए हैं?
सरकार ने आपदा प्रबंधन विभाग, एनडीआरएफ, SDRF, जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रखा है।
मुख्यमंत्री ने तुष्टिकरण की राजनीति पर क्या कहा?
मुख्यमंत्री धामी ने विपक्ष के तुष्टिकरण की राजनीति को आड़े हाथों लिया और कहा कि यह अब खत्म होनी चाहिए।
राहत कार्यों की तैयारी के लिए अधिकारियों को क्या निर्देश दिए गए हैं?
अधिकारियों को बारिश के दौरान नदियों के जलस्तर की निरंतर निगरानी करने और प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने के निर्देश दिए गए हैं।