क्या उत्तराखंड के पत्रकार राजीव प्रताप की मौत को लेकर राहुल गांधी ने दुख जताया?

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क्या उत्तराखंड के पत्रकार राजीव प्रताप की मौत को लेकर राहुल गांधी ने दुख जताया?

सारांश

उत्तराखंड के पत्रकार राजीव प्रताप की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु पर राहुल गांधी ने गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए न्याय की मांग की है। जानें इस मामले में पुलिस की जांच और घटनाक्रम के बारे में विस्तार से।

Key Takeaways

  • राजीव प्रताप की संदिग्ध मृत्यु ने पत्रकारों की सुरक्षा को एक बार फिर से उजागर किया।
  • राहुल गांधी ने शोक व्यक्त करते हुए न्याय की मांग की।
  • गुमशुदगी की रिपोर्ट 19 सितंबर को दर्ज हुई थी।
  • सीसीटीवी फुटेज ने घटनाक्रम को स्पष्ट किया।
  • पुलिस और एसडीआरएफ ने जांच में तेजी दिखाई।

उत्तराखंड, 30 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तरकाशी जिले में पिछले 10 दिनों से लापता राजीव प्रताप का शव 28 सितंबर को जोशियाड़ा बैराज की झील में पाया गया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने राजीव प्रताप की मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया है।

राहुल गांधी ने सामाजिक मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर राजीव प्रताप के परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने लिखा कि उत्तराखंड के युवा पत्रकार राजीव प्रताप जी का लापता होना और फिर मृत पाए जाना न केवल दुखद है, बल्कि यह एक भयावह स्थिति भी है। इस कठिन समय में शोकाकुल परिवार के साथ मेरी संवेदनाएं हैं।

उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी सरकार में ईमानदार पत्रकारिता को भय और असुरक्षा के साये में जीना पड़ रहा है। जो लोग सच बोलते हैं और जनता के लिए आवाज उठाते हैं, उन्हें धमकियों और हिंसा से चुप कराने की कोशिश की जा रही है। राजीव जी की मृत्यु का घटनाक्रम ऐसे ही षड्यंत्र की ओर इशारा करता है। उनकी मौत की तत्काल निष्पक्ष और पारदर्शी जांच होनी चाहिए, ताकि पीड़ित परिवार को बिना किसी देरी के न्याय मिल सके।

यह जानना महत्वपूर्ण है कि कोतवाली उत्तरकाशी में 19 सितंबर को राजीव प्रताप (36) की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की गई थी। वे देहरादून के दीपनगर अजबपुर कलां के निवासी थे। इसके बाद पुलिस ने उनकी खोज के लिए अभियान चलाया। उत्तरकाशी में विभिन्न स्थानों के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज में राजीव को 18 सितंबर को रात 11:20 बजे बस अड्डे पर और 11:38 बजे गंगोरी पुल पार करते हुए देखा गया।

सीसीटीवी फुटेज के अनुसार, रात 11:39 बजे उनकी गाड़ी गंगोरी पुल क्रॉस करती है। गंगोरी से आगे लगे पेट्रोल पंप के कैमरे में गाड़ी को मनेरी की दिशा में जाते नहीं दिखाया गया।

गंगोरी के निकट स्यूणा गांव के पास भागीरथी नदी में 19 सितंबर को एक कार दुर्घटनाग्रस्त अवस्था में पाई गई। यह वाहन गंगोरी और गरमपानी के बीच गंगोत्री हाईवे से लगभग 50-55 मीटर नीचे नदी में गिरकर दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। दुर्घटना स्थल के पास से पहाड़ी पर कार मालिक का बैग और गाड़ी के टूटे शीशे मिले हैं। वाहन नदी में बहकर दुर्घटनाग्रस्त स्थल से करीब 300 मीटर आगे मिला। पुलिस और एसडीआरएफ की टीम ने जब वाहन की जांच की, तो यह वही गाड़ी थी, जिसे राजीव चला रहे थे।

Point of View

तो यह न केवल उनके लिए, बल्कि समाज के लिए भी एक चेतावनी है। हमें इस मुद्दे को गंभीरता से लेना होगा और पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी।
NationPress
30/09/2025

Frequently Asked Questions

राजीव प्रताप के शव की पहचान कैसे हुई?
राजीव प्रताप के शव की पहचान उनके परिजनों द्वारा की गई, जो 28 सितंबर को जोशियाड़ा बैराज की झील से मिला।
राहुल गांधी ने इस मामले में क्या कहा?
राहुल गांधी ने राजीव के परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं और न्याय की मांग की।
राजीव प्रताप की गुमशुदगी कब दर्ज हुई थी?
राजीव प्रताप की गुमशुदगी 19 सितंबर को कोतवाली उत्तरकाशी में दर्ज की गई थी।
इस मामले में पुलिस की कार्रवाई क्या है?
पुलिस ने राजीव की खोज का अभियान चलाया और सीसीटीवी फुटेज की जांच की।
इस घटना से पत्रकारिता पर क्या असर पड़ेगा?
यह घटना पत्रकारिता के लिए एक गंभीर चेतावनी है और ईमानदार पत्रकारों की सुरक्षा पर सवाल उठाती है।