क्या उत्तराखंड के मेट्रो अस्पताल में डॉक्टरों को पिछले कई महीनों से वेतन नहीं मिला?
सारांश
Key Takeaways
- हरिद्वार के मेट्रो अस्पताल में डॉक्टरों को वेतन नहीं मिल रहा है।
- डॉक्टरों ने अस्पताल प्रशासन से कई बार शिकायत की है।
- वेतन न मिलने से डॉक्टरों को गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है।
- अस्पताल को नोटिस जारी किया गया है।
- डॉक्टरों ने कोर्ट में जाने की भी चेतावनी दी है।
हरिद्वार, 30 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। हरिद्वार के मेट्रो अस्पताल में कार्यरत डॉक्टरों ने आरोप लगाया है कि उन्हें पिछले कई महीनों से वेतन नहीं मिला है। इस मुद्दे पर कई बार अस्पताल प्रशासन को शिकायत की गई, लेकिन अब तक किसी प्रकार की संतोषजनक कार्रवाई नहीं हुई है।
डॉक्टरों का कहना है कि वेतन न मिलने के कारण उन्हें अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल प्रबंधन में बार-बार बदलाव होते रहते हैं, जिससे उन्हें वेतन प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है। अब यह स्थिति कब तक चलेगी, इसको लेकर सभी चिंतित हैं। हर बार हमें आश्वासन दिया जाता है कि इस महीने सैलरी मिल जाएगी, लेकिन कई महीनों का समय बीत गया है और वेतन अभी तक नहीं आया है। इस विषय पर अस्पताल के कई डॉक्टरों ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से अपनी पीड़ा व्यक्त की।
बाल विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. पंकज ने बताया कि उनकी ज्वाइनिंग पिछले जनवरी में हुई थी, लेकिन तब से अब तक उन्हें वेतन नहीं मिला। पहले बताया गया था कि शुरुआती दो-तीन महीने वेतन नहीं मिलेगा, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया था। लेकिन अब तक स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा कि एक साल से वेतन न मिलने के कारण उन्हें गंभीर वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है। आखिरकार, उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। अब वे अपनी मौजूदा नौकरी से छुट्टी लेकर यहाँ अपने बकाया वेतन के लिए आते हैं, लेकिन अभी भी केवल आश्वासन ही मिल रहा है।
डॉक्टर नितिन त्यागी ने कहा कि पिछले एक वर्ष से वेतन नहीं मिलने के कारण हमें मजबूर होकर अस्पताल के बाहर प्रदर्शन करना पड़ रहा है। हम प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि हमारा बकाया वेतन हमारे खाते में क्रेडिट किया जाए। लंबे समय से वेतन न मिलने से हमें गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि हमारा मुद्दा अस्पताल प्रबंधन के ध्यान में लाया जाए ताकि हमारी समस्याओं का शीघ्र समाधान हो सके। हम यहाँ बहुत ही दुख के साथ खड़े हैं।
वहीं, असिस्टेंट लेबर कमिश्नर प्रशांत कुमार ने इस मामले पर अपनी टिप्पणियाँ की। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी मेट्रो अस्पताल के खिलाफ कुछ श्रमिकों ने शिकायत दर्ज कराई थी। श्रमिकों ने अस्पताल प्रशासन पर लंबे समय तक वेतन न देने का आरोप लगाया था।
उन्होंने कहा कि अब डॉक्टरों ने भी यह शिकायत की है कि उन्हें मेट्रो अस्पताल से लंबे समय से वेतन नहीं मिल रहा है। अब तक कुल 13 डॉक्टर हमारे पास आकर शिकायत दर्ज करवा चुके हैं। इसके बाद अस्पताल को नोटिस जारी किया गया है। हमें जवाब का इंतजार है। इसके अलावा, हमने शिकायतकर्ता डॉक्टरों से कहा है कि वे इस संबंध में मुकदमा भी दर्ज करवा सकते हैं। यदि वे ऐसा करेंगे, तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। यह न्यायालय से जुड़ा मामला है। ऐसे में, यदि वे कोर्ट का रुख करते हैं, तो उनके लिए आगे की स्थिति सरल हो सकती है।