क्या उत्तराखंड ने कारगिल विजय दिवस के 26 साल पूरे होने पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी?

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क्या उत्तराखंड ने कारगिल विजय दिवस के 26 साल पूरे होने पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी?

सारांश

उत्तराखंड ने कारगिल विजय दिवस के 26 साल पूरे होने पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने अमर सपूतों को नमन किया। कार्यक्रमों में वीरांगनाओं का सम्मान हुआ। जानिए इस दिन के महत्व और शहीदों की अदम्य साहस की गाथा।

Key Takeaways

  • कारगिल विजय दिवस का महत्व और शहीदों का बलिदान।
  • मुख्यमंत्री का शहीदों को नमन।
  • वीरांगनाओं का सम्मान।
  • राष्ट्र की अखंडता की रक्षा के लिए बलिदान का प्रतीक।
  • सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक।

देहरादून/हल्द्वानी, 26 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारत ने कारगिल विजय दिवस की 26वीं वर्षगांठ मनाई है। यह दिन कारगिल युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की विजय की याद दिलाता है। भारतीय सेना ने 26 जुलाई 1999 को कारगिल की बर्फीली चोटियों से पाकिस्तानियों को खदेड़ते हुए यह जीत हासिल की थी। इस अवसर पर देशभर में कार्यक्रम आयोजित किए गए, जहां मां भारती के वीर सपूतों को याद किया गया और उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी इस दिन अमर सपूतों को नमन किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "कारगिल विजय दिवस पर देश की अखंडता एवं अस्मिता की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले अमर सपूतों को कोटिशः नमन। यह दिवस केवल एक युद्ध की विजय नहीं है, बल्कि भारत के वीर सपूतों के शौर्य, त्याग और राष्ट्रसेवा की अमर गाथा है, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता।"

कारगिल विजय दिवस के मौके पर उत्तराखंड के कई जिलों में कार्यक्रम आयोजित किए गए। हल्द्वानी के शाहिद पार्क में बनी स्मृति दीवार पर पुष्पचक्र अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। कारगिल युद्ध में शहीद हुए जिले के पांच जवानों के अदम्य साहस और बलिदान को भी याद किया गया। सैनिक कल्याण केंद्र के अधिकारियों और पूर्व सैनिकों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और नैनीताल से सांसद अजय भट्ट ने शहीदों को याद कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

अजय भट्ट ने शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए सेना के अदम्य साहस और वीरता को याद किया। उन्होंने कहा कि हम अपने राष्ट्र की रक्षा के लिए समर्पण, बलिदान और देशभक्ति की भावना के साक्षी हैं। कारगिल युद्ध में हमारी सेना ने कठिन भौगोलिक बाधाओं और प्रतिकूल मौसम का सामना करते हुए राष्ट्रीय संप्रभुता और अखंडता की रक्षा में अपनी असाधारण वीरता, अदम्य साहस, शौर्य और संकल्प का परिचय दिया और विजय प्राप्त की।

हल्द्वानी के एमबीपीजी कॉलेज सभागार में भी कारगिल विजय दिवस के मौके पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जहां कारगिल के शहीद की वीरांगनाओं को सम्मानित भी किया गया।

Point of View

जिन्होंने देश की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। यह एक ऐसा दिन है जब हम अपने नायकों को याद करते हैं और उनके बलिदानों को सम्मानित करते हैं। यह राष्ट्रीय एकता और अखंडता का प्रतीक है, जिसे हमें सदा याद रखना चाहिए।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

कारगिल विजय दिवस कब मनाया जाता है?
कारगिल विजय दिवस हर वर्ष 26 जुलाई को मनाया जाता है।
कारगिल युद्ध में भारत की जीत कब हुई थी?
कारगिल युद्ध में भारत की जीत 26 जुलाई 1999 को हुई थी।
उत्तराखंड में कारगिल विजय दिवस कैसे मनाया जाता है?
उत्तराखंड में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जहाँ शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाती है।
मुख्यमंत्री ने इस दिन क्या कहा?
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शहीदों को नमन करते हुए उनकी बलिदान की सराहना की।
क्या वीरांगनाओं का सम्मान भी किया गया?
हाँ, कारगिल विजय दिवस के अवसर पर वीरांगनाओं का सम्मान किया गया।