क्या उत्तरकाशी में प्राकृतिक आपदा से 845 करोड़ का नुकसान हुआ है? राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी

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क्या उत्तरकाशी में प्राकृतिक आपदा से 845 करोड़ का नुकसान हुआ है? राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी

सारांश

उत्तरकाशी में आई प्राकृतिक आपदा ने 845 करोड़ रुपये का नुकसान किया है, जिससे स्थानीय लोगों की आजीविका संकट में है। राहत और पुनर्वास कार्य युद्धस्तर पर चल रहे हैं। जानिए इस आपदा के प्रभाव और प्रशासन की कार्रवाई के बारे में।

Key Takeaways

  • उत्तरकाशी में प्राकृतिक आपदा ने 845 करोड़ रुपये का नुकसान किया।
  • राहत और पुनर्वास कार्य युद्धस्तर पर चल रहे हैं।
  • केंद्र और राज्य सरकार समन्वय स्थापित कर रही हैं।
  • स्थानीय लोगों की आजीविका पर संकट मंडरा रहा है।
  • आपदा के प्रभावों का आकलन अभी जारी है।

उत्तरकाशी, 12 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जनपद में हाल ही में आई प्राकृतिक आपदा ने जिले की आर्थव्यवस्था और विकास कार्यों को गंभीर नुकसान पहुंचाया है।

जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने बताया कि आपदा के कारण अब तक लगभग 845 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ है। इस आपदा ने सड़कों, पुलों, सिंचाई नहरों, पेयजल योजनाओं और ग्रामीण ढांचागत विकास कार्यों को बुरी तरह प्रभावित किया है। कई गांवों में मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, जबकि कृषि भूमि और बागवानी क्षेत्र बह गए हैं, जिससे स्थानीय लोगों की आजीविका पर गंभीर संकट मंडरा रहा है।

जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने कहा कि प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता दी जाएगी और पुनर्निर्माण कार्य युद्धस्तर पर शुरू किए जाएंगे।

उन्होंने कहा, “हमने जिले के लिए 845 करोड़ रुपये की राहत राशि आवंटित की है। यह आंकड़ा अंतिम नहीं है, क्योंकि नुकसान का आकलन अभी भी जारी है।”

उन्होंने स्पष्ट किया कि राहत और पुनर्वास के लिए केंद्र और राज्य सरकार के साथ समन्वय स्थापित किया जा रहा है ताकि प्रभावित क्षेत्रों में जल्द से जल्द सामान्य स्थिति बहाल की जा सके। उत्तरकाशी में 845 करोड़ रुपये का नुकसान न केवल प्राकृतिक आपदा की गंभीरता को दर्शाता है, बल्कि यह सामाजिक और आर्थिक संकट की ओर इशारा करता है। पहाड़ी क्षेत्रों में बार-बार आने वाली ऐसी आपदाएं स्थानीय लोगों के लिए चुनौती बन रही हैं। अब सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती इस नुकसान की भरपाई और प्रभावित लोगों के पुनर्वास की है।

वहीं, चमोली जिले में भी आपदा ने कहर बरपाया है। चमोली के जिला पूर्ति अधिकारी अंकित पांडे ने बताया कि थराली के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य तेजी से चल रहे हैं। विभाग ने पर्याप्त मात्रा में राशन और करीब 2,000 रिफ्रेशमेंट किट प्रभावित लोगों तक पहुंचाए हैं।

उन्होंने कहा, “कई क्षेत्रों में सड़कें टूटने के कारण आवागमन ठप्प है। ऐसे स्थानों पर तहसील प्रशासन के माध्यम से राशन किट भेजी गई है। इसके अलावा, हेलीकॉप्टर के जरिए भी राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है।”

अंकित पांडे ने आगे बताया कि मई और जून में जून से अगस्त तक का राशन वितरित किया गया था। वर्तमान में थराली में बाढ़ के कारण कुछ क्षेत्र सड़क संपर्क से कटे हुए हैं। जहां सड़कें खुली हैं, वहां सितंबर का राशन पहुंचा दिया गया है, लेकिन अवरुद्ध सड़कों वाले क्षेत्रों में अभी राशन पहुंचाने में चुनौतियां बनी हुई हैं। प्रशासन इन क्षेत्रों तक जल्द से जल्द राहत सामग्री पहुंचाने के लिए प्रयासरत है।

Point of View

बल्कि यह पूरे देश के लिए एक चेतावनी है। प्राकृतिक आपदाएं मौजूदा विकास कार्यों और स्थानीय लोगों की जीवनशैली को प्रभावित करती हैं। सरकार को जरूरत है कि वह प्रभावी रणनीतियों के साथ इन आपदाओं का सामना करे और पुनर्वास कार्यों को प्राथमिकता दे।
NationPress
12/09/2025

Frequently Asked Questions

उत्तरकाशी में आपदा का मुख्य कारण क्या था?
उत्तरकाशी में हाल ही में भारी बारिश और बर्फबारी के कारण भूस्खलन और बाढ़ की स्थिति बनी, जिससे यह आपदा आई।
सरकार राहत कार्यों में क्या कदम उठा रही है?
सरकार ने प्रभावित परिवारों को सहायता देने के लिए 845 करोड़ रुपये की राहत राशि आवंटित की है और राहत सामग्री पहुंचाने में तेजी लाई है।